कानपुर: दुकानें तोड़ने के विरोध में पथराव, कब्जेदारों ने विरोध में अभियंताओं से की धक्कामुक्की, महिलाएं बुलडोजर के आगे लेटीं

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सार

लालबंगला में केडीए ने भारी पुलिस और पीएसी बल की मौजूदगी में आठ दुकानें ध्वस्त कर दीं। कार्रवाई के बाद लोगों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मौके पर भारी फोर्स तैनात है।

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कानपुर में लाल बंगला एनटू रोड पर बनीं आठ दुकानें गिराने पहुंचे केडीए अमले को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कार्रवाई के दौरान जैसे ही दस्ते ने महिलाओं को बाहर निकालना और सामान फेंकना शुरू किया लोग भड़क गए। महिलाएं बुलडोजर के आगे लेट गईं। अभियंताओं को घेरकर धक्का-मुक्की की गई। पथराव भी किया, इसमें बुलडोजर का शीशा टूट गया। इसके चलते पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। इसमें कई लोगों को चोट आई। हालांकि विरोध थमा नहीं। दुकानदारों ने सपा नेता के नेतृत्व में बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया।

बवाल के चलते देर रात तक पुलिस और पीएसी तैनात रही। अंत में दोनों पक्षों को सोमवार को कागजों के साथ केडीए बुलाया गया है।  केडीए ने 1997 में परदेवनपुरवा, एनटू रोड स्थित मौजा 91 और 92 की 1739 वर्ग मीटर जमीन यूनिवर्सल डेवलपर्स के मधुकर महाना पुत्र सत्यपाल महाना को बेची थी। इसी जमीन के आगे आठ दुकानें हैं, जिन्हें अवैध बताया जा रहा।
अपर नगर मजिस्ट्रेट आकांक्षा गौतम की अगुवाई में केडीए के अधिकारी प्रवर्तन दस्ते, दमकल, एंबुलेंस के साथ दुकानें गिराने पहुंचे। दुकानों का सामान फेंकते देख दुकानदारों ने दो दिन की मोहलत मांगी। इसी बीच दस्ते ने आशुतोष मिश्रा की इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान तोड़ने के लिए बुलडोजर आगे बढ़ाया तो उनकी मां मनोरमा, पत्नी तपस्या, चार साल की बेटी वेदांशी आदि बुलडोजर के सामने खड़े हो गए।

पुलिस ने उन्हें खींचकर हटाया। विरोध देख दूसरी जेसीबी को पीछे के प्लाट से भेजकर दुकानों को ढहाना शुरू कराया। भारी विरोध के बीच रजनी अरोड़ा की न्यू भारत रेडियो, अशुतोष मिश्रा की मिश्रा इलेक्ट्रानिक्स, अशोक द्विवेदी की द्विवेदी इलेक्ट्रानिक्स, नीरज गुप्ता की गुप्ता इलेक्ट्रानिक्स, शिवाजी दुबे की नीरज और राजेंद्र की राजेंद्र इलेक्ट्रानिक्स, उमेश और संतोष की जनरल स्टोर की दुकान तोड़ दी गई। मामले को लेकर देर रात थाने में पंचायत चलती रही। इसके बाद केडीए सचिव शत्रुघभन वैश्य ने दोनों पक्षों को सोमवार को कागजों के साथ केडीए बुलाया है। तब तक यथा स्थिति रखने के निर्देश दिए हैं। 
दुकानों का मामला कोर्ट में, बगैर नोटिस गिरा दीं दुकानें
दुकानदारों ने बताया कि उनकी दुकानेें 40-50 साल पुरानी हैं। ये दुकानें श्याम नगर निवासी किरन आनंद से किराये पर ली थीं। किराया दे रहे हैं। दो साल पहले केडीए ने सभी दुकानदारों को अपना स्वामित्व साबित करने का नोटिस भेजा था। जवाब में उन्होंने सभी कागजात लगाए थे, लेकिन शनिवार को नोटिस दिए बिना केडीए ने अपनी जमीन पर कब्जा बताकर दुकानें गिरा दीं, जबकि यह मामला कोर्ट में है। 

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नारेबाजी के दौरान नोकझोंक
बवाल के दौरान नारेबाजी कर रहे लोगों की कुछ लोगों से नोकझोंक भी हुई। कार्रवाई के दौरान आक्रोशित लोगों ने लालबंगला निवासी एक थोक कूलर व्यापारी को पीट दिया। व्यापारी उनके विरोध में कुछ बातें कर रहा था। 
दोबारा निर्माण के लिए बुलाई जेसीबी, पुलिस ने रुकवाया काम
ध्वस्तीकरण के बाद सपा नेता फतेह बहादुर गिल ने दुकानदारों से दोबारा निर्माण कराने की बात कही। एक निजी जेसीबी मंगाकर मलबा हटवाना शुरू किया। वहां लगा केडीए का बोर्ड तोड़ दिया। यह देख चकेरी इंस्पेक्टर मधुर मिश्रा ने काम बंद करा दिया। इसके बाद पहुंचे एसीपी कैंट मृगांक शेखर पाठक की सपा नेता से झड़प हुई। एसीपी को केडीए का नक्शा दिखाकर जमीन परदेवनपुरवा की बताकर मुजफ्फरपुर की जमीन पर कार्रवाई का आरोप लगाया। 

मुआवजे की मांग
सपा नेता ने गलत कार्रवाई का आरोप लगाकर दुकानदारों को पुनर्निर्माण के लिए 5-5 लाख मुआवजा देने की मांग की। मांग पूरी होने तक मौके पर ही आंदोलन करने की धमकी दी। गिल ने सत्ता के दबाव में कार्रवाई का आरोप लगाया। हमारे किसी रिश्तेदार ने केडीए से इस जमीन को नीलामी में खरीदा था। चूंकि उस जमीन पर कब्जा था। इसलिए केडीए से कहा था कि जमीन पर कब्जा दिलाया जाए। हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है। केडीए का नियम होता है कि अपनी जमीन खाली कराकर खरीदार को कब्जा दिया जाए। इसी आधार पर केडीए ने कार्रवाई की। – सतीश महाना, विधानसभा अध्यक्ष

विस्तार

कानपुर में लाल बंगला एनटू रोड पर बनीं आठ दुकानें गिराने पहुंचे केडीए अमले को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। कार्रवाई के दौरान जैसे ही दस्ते ने महिलाओं को बाहर निकालना और सामान फेंकना शुरू किया लोग भड़क गए। महिलाएं बुलडोजर के आगे लेट गईं। अभियंताओं को घेरकर धक्का-मुक्की की गई। पथराव भी किया, इसमें बुलडोजर का शीशा टूट गया। इसके चलते पुलिस को लाठी चलानी पड़ी। इसमें कई लोगों को चोट आई। हालांकि विरोध थमा नहीं। दुकानदारों ने सपा नेता के नेतृत्व में बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया।

बवाल के चलते देर रात तक पुलिस और पीएसी तैनात रही। अंत में दोनों पक्षों को सोमवार को कागजों के साथ केडीए बुलाया गया है।  केडीए ने 1997 में परदेवनपुरवा, एनटू रोड स्थित मौजा 91 और 92 की 1739 वर्ग मीटर जमीन यूनिवर्सल डेवलपर्स के मधुकर महाना पुत्र सत्यपाल महाना को बेची थी। इसी जमीन के आगे आठ दुकानें हैं, जिन्हें अवैध बताया जा रहा।

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