काशी विश्वनाथ धाम का वैभव अब काशी ही नहीं दुनिया भर के सनातनधर्मी देख रहे हैं। लोकार्पण उत्सव के वर्ष भर पूरे होने से पहले ही धाम में श्रद्धालुओं का आंकड़ा करोड़ी हो गया है। धाम के भवनों का संचालन शुरू होने के साथ ही प्रवेश और निकास के सभी मार्ग भी अब खुल गए हैं। गलियों के साथ ही सड़क और जलमार्ग से भी श्रद्धालु बाबा के धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अब शिव भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है। धाम के क्षेत्रफल और परिसर विस्तार के बाद से देश ही नहीं दुनिया भर के सनातन धर्मी एक बार काशी आकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन अवश्य करना चाहते हैं। ऑनलाइन दर्शन और पूजन का इंतजाम होने के कारण रोजाना देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु इसका लाभ उठा रहे हैं।
ऐसे करें प्रवेश
बाबा का धाम अब सड़क, रेलवे, हवाई और जलमार्ग से जुड़ चुका है। धाम के सबसे करीब कैंट, सिटी और काशी स्टेशन हैं। इसके अलावा मैदागिन और गोदौलिया से ई रिक्शा और पैदल भी बाबा के धाम में दर्शन के लिए आ सकते हैं। ज्ञानवापी का गेट नंबर चार वीआईपी और आम श्रद्धालुओं के लिए है। इसके अलावा सरस्वती फाटक, ढुंढिराज गणेश द्वार और गंगा द्वार से भी श्रद्धालु बाबा के धाम में प्रवेश कर सकते हैं। मंदिर चौक तक मोबाइल ले जाने की सुविधा के बाद से श्रद्धालुओं का रूझान और भी बढ़ा है।
काशी विश्वनाथ धाम का वैभव अब काशी ही नहीं दुनिया भर के सनातनधर्मी देख रहे हैं। लोकार्पण उत्सव के वर्ष भर पूरे होने से पहले ही धाम में श्रद्धालुओं का आंकड़ा करोड़ी हो गया है। धाम के भवनों का संचालन शुरू होने के साथ ही प्रवेश और निकास के सभी मार्ग भी अब खुल गए हैं। गलियों के साथ ही सड़क और जलमार्ग से भी श्रद्धालु बाबा के धाम में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से तैयार श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर अब शिव भक्तों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है। धाम के क्षेत्रफल और परिसर विस्तार के बाद से देश ही नहीं दुनिया भर के सनातन धर्मी एक बार काशी आकर बाबा विश्वनाथ का दर्शन अवश्य करना चाहते हैं। ऑनलाइन दर्शन और पूजन का इंतजाम होने के कारण रोजाना देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों से भी श्रद्धालु इसका लाभ उठा रहे हैं।