उन्नाव के सफीपुर कोतवाली इलाके में हुई किन्नर की हत्या में पति ने साथ रहने वाली तीन किन्नरों के खिलाफ हत्या और लूट की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस तीनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। साथ ही मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाए हैं। उधर, लखनऊ और जिले के तमाम किन्नर कोतवाली पहुंचे और घटना का विरोध करने के साथ ही जल्द खुलासे और हत्यारोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। बबरअलीखेड़ा मोहल्ला निवासी किन्नर मुस्कान की शुक्रवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद साथ रहने वाली किन्नर मुरादाबाद जिले की रूबी, मथुरा की सलोनी और झांसी की अन्नू फरार हैं। कानपुर के बिठूर के गांव अरैर निवासी किन्नर मुस्कान (35) का बबरअलीखेड़ा में मकान है। उसके साथ मुरादाबाद निवासी किन्नर रूबी, मथुरा की सलोनी और झांसी की अन्नू भी रहती थीं।
शनिवार सुबह करीब पांच बजे सराय सुबेदार निवासी रसोइया पुष्पा और संतोष मुस्कान के घर पहुंचीं तो देखा कि दरवाजा बाहर से बंद है। किसी तरह दरवाजा खोला तो खून से लथपथ मुस्कान का शव बिस्तर पर पड़ा देखकर उनके होश उड़ गए। अलमारियों के ताले टूटे और सामान बिखरा था।
दो डॉक्टरों के पैनल से कराया पोस्टमार्टम
किन्नर के शव का पोस्टमार्टम दो डॉक्टरों के पैनल से कराया गया। पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी हुई। पैनल में सीएचसी पुरवा के डा. उमेंद्र कुमार और असोहा सीएचसी के डॉ. विमल कुमार शामिल रहे। पोस्टमार्टम में सिर में गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है।
मुस्कान को था जेवरों का शौक
सोनू कश्यप ने बताया मुस्कान को जेवर पहनने का शौक था। वह कम पढ़ी लिखी थी, इसलिए बैंक कम जाती थी। जो भी कमाई इकट्ठी होती थी बैंक में रखने के बजाय जेवर बनवा लेती थी। सोनू के अनुसार उसके बैंक खाते में लगभग 70 हजार रुपये ही होंगे। इसी सप्ताह उसने एक लाख रुपये में झुमके और लॉकेट बनवाया था।
लॉकडाउन में की थी जरूरतमंदों की मदद
मृतक किन्नर मुस्कान पैसा पैदा करने के साथ खर्च भी दिल खोलकर करती थी। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय एसडीएम से स्वीकृत लेकर एक हजार से अधिक लोगों में लंच पैकेट भी बंटवाए थे। कोरोना काल में जो पैसा मुस्कान ने कमाया था, उसका अधिकांश हिस्सा गरीबों को राशन वितरण में लगाया।