किसानों पर कहर: कहीं फसलें डूबीं तो कहीं स्कूल पर मंडराया खतरा, इन तस्वीरों में देखें दो जिलों का हाल

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पहाड़ों पर हो रही बारिश से गंगा व अन्य नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में बागपत शहर में किसानों की फसलें पानी में डूब गईं हैं तो वहीं बिजनौर में एक स्कूल के गंगा में समाने का खतरा बना हुआ है।

बागपत में यमुना का जलस्तर बढ़ा, सब्जी और चारे की फसल डूबी 

यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिससे यमुना किनारे खेती करने वाले किसानों की चिंता भी बढ़ रही है। क्योंकि बागपत, काठा, निवाड़ा, खेड़ा हटाना, टांडा, कोताना में यमुना खादर में करीब 400 बीघा में सब्जी और चारे की फसल डूब गई है। जिस तरह से हथिनीकुंड बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, उससे यह साफ है कि पानी अभी बढ़ेगा।

पहाड़ों पर बारिश के कारण हथिनीकुंड बैराज से पिछले दो दिन में चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है, जबकि रविवार रात से सोमवार शाम तक सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। जिससे यमुना खादर में उगाई गई घीया, तोरई, सीताफल के साथ ही ज्वार व बाजरा की फसल डूब गई। 

किसानों के अनुसार अभी करीब 400 बीघा में सब्जी व चारे की फसल डूब गई है। वहीं जिस तरह से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, उससे यमुना किनारे पर कटान हो रहा है। जिसके चलते टांडा, बदरखा, शबगा, जागोस, कोताना, खेड़ा इस्लामपुर, सुल्तानपुर हटाना, नैथला, फैजपुर निनाना, निवाड़ा, सिसाना, बागपत, काठा, पाली, साकरौद में परेशानी बढ़ सकती है। 

बागपत में इन किसानों की डूबी फसल

यमुना का जलस्तर बढ़ने से बागपत के पक्का घाट के समीप यमुना खादर में खेती करने वाले किसान विशाल की 10 बीघा लोकी, इशाकी की 10 बीघा लोकी व सीताफल, हाजी इस्लाम की 16 बीघा में लोकी, भूरे की सात बीघा फसल चारे, निसार की 12 बीघा बेबीकॉर्न व तीन बीघा लोकी की फसल डूब गई।

बेबीकॉर्न की फसल डूबने से नुकसान हुआ

सब्जी में फायदा देखकर इस बार तीन बीघा लोकी और 12 बीघा बेबीकॉर्न की फसल उगाई थी। फसल भी काफी अच्छी थी, जिससे अच्छा मुनाफा होने की उम्मीद थी, लेकिन जलस्तर बढ़ने से फसल डूब गई है। – निसार, किसान 

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उधार लेकर उगाई थी फसल



यमुना नदी में 13 बीघा जमीन पर उधार रुपये लेकर लोकी की फसल उगाई थी। जिसके डूबने से अब लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है। – संजय, किसान

यमुना के जलस्तर पर बाढ़ चौकियों से नजर रखी जा रही है। फसल डूबने के मामले में मौके पर जाकर दिखवाया जाएगा। अभी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे है। किसी भी गांव में बाढ़ का खतरा नहीं है। – उत्कर्ष भारद्वाज, एक्सईएन सिंचाई

बिजनौर में गंगा में उफान बरकरार, खादर के लोगों में है डर  

पहाड़ की बारिश से गंगा में उफान बरकरार बना हुआ है, उधर गंगा के बहाव को देख खादर के लोग डर में डूब रहे हैं। दरअसल, इन्हें खेतों के कटान और गंगा के गांव तक पहुंच जाने का खतरा बना रहता है। वहीं गंगा ने कटान करना भी शुरू कर दिया है। फतेहपुर सभाचंद के स्कूल के कमरे की नींव तक गंगा कटान कर चुकी है। स्कूल का भवन कभी भी गंगा में समा सकता है। इस स्कूल की बाउंड्री और परिसर की खाली जमीन पिछले साल ही कट गई थी। इस गांव की पक्की सीसी की सड़क का नामोनिशान भी अब कहीं दिखाई नहीं दे रहा। जोकि गंगा में समा चुकी है।

वहीं सोमवार को भी गंगा और उसकी सहायक नदियों में उफान पर रहा। गंगा बैराज के घाट पर बने पूजा स्थल तक पानी बह रहा है। पिछले तीन दिनों से गंगा अपने रौद्र रूप में बह रही है। जिसकी वजह है पहाड़ पर हो रही लगातार बारिश। सोमवार को बिजनौर बैराज पर गंगा का जलस्तर सुबह के समय 219.20 बना हुआ था। जबकि शाम चार बजे तक यह 219.30 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि रविवार को चेतावनी बिंदु तक पहुंच गया था। रविवार के मुकाबले 0.20 मीटर की कमी आई, लेकिन यह मामूली है। जिससे उफान और बहाव पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता दिखाई दिया।

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