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उन्नाव। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) के क्षेत्र में आने वाले जिले के 29 गांवों को शासन के निर्देश पर वर्ष 1996 और 2000 में केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) के विकास क्षेत्र में शामिल किया गया था। अब केडीए से इन गांवों को वापस लेने की तैयारी की जा रही है।
सदर विधायक ने जिले के गांवों में पड़ोसी जिले कानपुर (केडीए) की हकदारी को खत्म करने के लिए मुद्दे को फिर उठाया और आवास एवं शहरी विभाग के सचिव को पत्र देकर 2017 के आदेश पर अमल करने की मांग की है।
इस पर आवास एवं शहरी नियोजक अनुभाग के उपसचिव अजय कुमार सिंह ने यूएसडीए उपाध्यक्ष/ सीडीओ दिव्यांशु पटेल से रिपोर्ट तलब की। उन्होंने भी डी-नोटीफाई करने की अपनी संस्तुति सहित रिपोर्ट भेजी है। 39 पेज की इस रिपोर्ट में उन्होंने प्रकरण का विस्तृत ब्योरा दिया है।
बताया है कि वर्ष 1996 में गंगा बैराज के आसपास के 13 राजस्व गांवों को केडीए के विकास क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था। इसके बाद गंगोत्री टाउनशिप योजना के नाम पर 16 और गांवों को वर्ष 2000 में केडीए को दे दिए गए। करीब 22 साल बाद भी गंगोत्री टाउनशिप योजना शुरू नहीं हो सकी है।
इतना ही नहीं केडीए ने 2031 के लिए तैयार की गई महायोजना (मास्टर प्लॉन) में उन्नाव जिले के इन गांवों को शामिल नहीं किया है। ऐसे में यूएसडीए इन गांवों को फिर वापस लेने की तैयारी में जुट गया है।
कागज पर यूएसडीए, धरातल पर यूडीए
वैसे तो विकास प्राधिकरण का नाम यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) है लेकिन धरातल पर शुक्लागंज तो उन्नाव प्राधिकरण में शामिल ही नहीं है। 29 राजस्व गांव केडीए में शामिल होने के बाद यूएसडीए की सीमा गंगाघाट नगर पालिका (शुक्लागंज) से करीब एक किमी पहले मरहला चौराहा तक ही है।
सीमा विस्तार से शहरी होंगे 15 लाख लोग
इन 29 गांवों के वापस यूएसडीए के विकास क्षेत्र में जुड़ते ही सीमा विस्तार होगा और करीब 15 लाख ग्रामीण शहरी होंगे। गांवों में आवासीय और व्यावसायिक स्थल स्थापित करने की योजनाओं पर काम होगा।
केडीए में रहने से ये परेशानी
अगर ये यूएसडीए में शामिल नहीं हुए तो लोगों को आवासीय, सामुदायिक और व्यावसायिक उपयोग संबंधी विनिमय, मानचित्र स्वीकृतियों व अन्य कार्यों के लिए कानपुर दौड़ना पड़ेगा। वहीं भूमि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए उन्नाव और गंगाघाट नगर पालिका में आवेदन करना होगा।
यूएसडीए उपाध्यक्ष/सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने बताया कि जिले और खासकर शहरी क्षेत्र से सटे इन गांवों को केडीए से वापस लेकर यूएसडीए के विकास क्षेत्र में शामिल कराएंगे। बताया कि शहर के सुंदरीकरण और सुव्यवस्थित विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
उन्नाव। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) के क्षेत्र में आने वाले जिले के 29 गांवों को शासन के निर्देश पर वर्ष 1996 और 2000 में केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) के विकास क्षेत्र में शामिल किया गया था। अब केडीए से इन गांवों को वापस लेने की तैयारी की जा रही है।
सदर विधायक ने जिले के गांवों में पड़ोसी जिले कानपुर (केडीए) की हकदारी को खत्म करने के लिए मुद्दे को फिर उठाया और आवास एवं शहरी विभाग के सचिव को पत्र देकर 2017 के आदेश पर अमल करने की मांग की है।
इस पर आवास एवं शहरी नियोजक अनुभाग के उपसचिव अजय कुमार सिंह ने यूएसडीए उपाध्यक्ष/ सीडीओ दिव्यांशु पटेल से रिपोर्ट तलब की। उन्होंने भी डी-नोटीफाई करने की अपनी संस्तुति सहित रिपोर्ट भेजी है। 39 पेज की इस रिपोर्ट में उन्होंने प्रकरण का विस्तृत ब्योरा दिया है।
बताया है कि वर्ष 1996 में गंगा बैराज के आसपास के 13 राजस्व गांवों को केडीए के विकास क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था। इसके बाद गंगोत्री टाउनशिप योजना के नाम पर 16 और गांवों को वर्ष 2000 में केडीए को दे दिए गए। करीब 22 साल बाद भी गंगोत्री टाउनशिप योजना शुरू नहीं हो सकी है।
इतना ही नहीं केडीए ने 2031 के लिए तैयार की गई महायोजना (मास्टर प्लॉन) में उन्नाव जिले के इन गांवों को शामिल नहीं किया है। ऐसे में यूएसडीए इन गांवों को फिर वापस लेने की तैयारी में जुट गया है।
कागज पर यूएसडीए, धरातल पर यूडीए
वैसे तो विकास प्राधिकरण का नाम यूएसडीए (उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण) है लेकिन धरातल पर शुक्लागंज तो उन्नाव प्राधिकरण में शामिल ही नहीं है। 29 राजस्व गांव केडीए में शामिल होने के बाद यूएसडीए की सीमा गंगाघाट नगर पालिका (शुक्लागंज) से करीब एक किमी पहले मरहला चौराहा तक ही है।
सीमा विस्तार से शहरी होंगे 15 लाख लोग
इन 29 गांवों के वापस यूएसडीए के विकास क्षेत्र में जुड़ते ही सीमा विस्तार होगा और करीब 15 लाख ग्रामीण शहरी होंगे। गांवों में आवासीय और व्यावसायिक स्थल स्थापित करने की योजनाओं पर काम होगा।
केडीए में रहने से ये परेशानी
अगर ये यूएसडीए में शामिल नहीं हुए तो लोगों को आवासीय, सामुदायिक और व्यावसायिक उपयोग संबंधी विनिमय, मानचित्र स्वीकृतियों व अन्य कार्यों के लिए कानपुर दौड़ना पड़ेगा। वहीं भूमि संबंधी अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए उन्नाव और गंगाघाट नगर पालिका में आवेदन करना होगा।
यूएसडीए उपाध्यक्ष/सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने बताया कि जिले और खासकर शहरी क्षेत्र से सटे इन गांवों को केडीए से वापस लेकर यूएसडीए के विकास क्षेत्र में शामिल कराएंगे। बताया कि शहर के सुंदरीकरण और सुव्यवस्थित विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
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