कोर्ट से झटका : माफिया अतीक के बेटे अली अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 09 Feb 2022 01:16 AM IST

सार

यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शुक्ल ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से विक्रम सिन्हा, अखिलेश सिंह बिसेन को सुनकर दिया।

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अदालत ने करेली थाने में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाए गए अतीक अहमद के पुत्र अली उर्फ अली अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए याची अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है।

यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शुक्ल ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से विक्रम सिन्हा, अखिलेश सिंह बिसेन को सुनकर दिया।

मांगी थी पांच करोड़ की रंगदारी

याची पर आरोप है कि वह 31 दिसंबर की दोपहर वादी जीशान केघर तीन गाड़ियों में अपने साथियों के साथ पहुंचा और उसे घेर लिया। जीशान की कनपटी पर पिस्टल लगाकर कहा कि अब्बा से बात करो। जब जीशान ने बात करने से मना कर दिया तो उसने जान से मारने की धमकी दी और पांच करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी। कहा कि अगर रकम नहीं दे सकते हो तो एनउद्दीनपुर में स्थित जमीन को उसकी पत्नी के नाम कर दे।

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मना करने पर अली ने अपने साथियों के साथ उसे मारापीटा। जीशान के पैर और पेट में चोटें आईं। मामले में करेली थाने में कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई गई है। याची अली ने इसी मामले में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की थी। याची के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि उसे मामले में झूंठा फंसाया गया है।

घटना केसमय याची वहां उपस्थित नहीं था। पुलिस द्वारा बताए जाने पर उसे जानकारी हुई। जबकि, अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत का विरोध किया गया। कहा कि याची पूर्व सांसद अतीक अहमद के गिरोह का सक्रिय सदस्य है तथा पूर्व सांसद के इशारे पर गुंडा टैक्स की वसूली व जबरन जमीन कब्जाने का काम करता है। कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितयों को देखते हुए अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी।

विस्तार

अदालत ने करेली थाने में दर्ज एफआईआर में आरोपी बनाए गए अतीक अहमद के पुत्र अली उर्फ अली अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए याची अग्रिम जमानत पाने का हकदार नहीं है।

यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश संजय कुमार शुक्ल ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं अभियोजन की तरफ से विक्रम सिन्हा, अखिलेश सिंह बिसेन को सुनकर दिया।

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