गैंगस्टर समेत तीन की जमानत अर्जी खारिज

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उन्नाव। किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाले आरोपी व दो अन्य मामलों में जेल में बंद आरोपियों की जमानत अर्जी न्यायाधीश ने खारिज कर दी है। तीनों मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालयों में चल रही है।
आसीवन थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी को 18 मार्च को उसी के गांव का गोपाल भगा ले गया था। पिता की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्जकर आरोपी को 21 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। किशोरी के कलम बंद बयान दर्ज कराए थे। आरोपी गोपाल ने अपने वकील के माध्यम से 13 अप्रैल को जमानत अर्जी न्यायालय में दी थी। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की दलीलों के आधार पर एडीजे-11 न्यायालय के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
वहीं दूसरी मुकदमे में माखी थानाक्षेत्र के गांव गिरवरखेड़ा मजरा ऐरा भादियार निवासी बाबू को थाना गांव के शफीक व उसके बेटे इकबाल, अफताफ समेत 10-15 लोगों ने तीन जून 2021 की रात घर में घुसकर पीटा था। बाबू की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर
चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। इकलाख व इकबाल की जमानत के लिए वकील ने जमानत अर्जी दी थी। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता जगन्नाथ कुशवाहा व मनोज कुमार पांडेय की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश आनंद कुमार ने दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।
तीसरे मामले में बांगरमऊ थानाक्षेत्र के पुरविया टोला गांव निवासी फरमान व उसके सहयोगी नथुन्नी व छदम्मी ने कस्बा निवासी रूबी की हत्या कर दी थी। उसके पति को घायल कर दिया था। इस मामले में न्यायालय ने सभी आरोपियों को घटना का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई थी। गैंगस्टर एक्ट के मामले में परिजनों ने फरमान की जमानत के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था। गुरुवार को विशेष लोक अभियोजक गैंगेस्टर एक्ट हरीश अवस्थी, अलंकार द्विवेदी व विश्वास त्रिपाठी ने जमानत का विरोध करते हुए दलीलें रखीं। उन्हें सुनने के बाद न्यायाधीश कल्पना शुक्ला ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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उन्नाव। किशोरी को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाने वाले आरोपी व दो अन्य मामलों में जेल में बंद आरोपियों की जमानत अर्जी न्यायाधीश ने खारिज कर दी है। तीनों मामलों की सुनवाई अलग-अलग न्यायालयों में चल रही है।

आसीवन थानाक्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी को 18 मार्च को उसी के गांव का गोपाल भगा ले गया था। पिता की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्जकर आरोपी को 21 मार्च को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। किशोरी के कलम बंद बयान दर्ज कराए थे। आरोपी गोपाल ने अपने वकील के माध्यम से 13 अप्रैल को जमानत अर्जी न्यायालय में दी थी। विशेष लोक अभियोजक प्रदीप कुमार श्रीवास्तव की दलीलों के आधार पर एडीजे-11 न्यायालय के न्यायाधीश संदीप गुप्ता ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

वहीं दूसरी मुकदमे में माखी थानाक्षेत्र के गांव गिरवरखेड़ा मजरा ऐरा भादियार निवासी बाबू को थाना गांव के शफीक व उसके बेटे इकबाल, अफताफ समेत 10-15 लोगों ने तीन जून 2021 की रात घर में घुसकर पीटा था। बाबू की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर

चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की थी। इकलाख व इकबाल की जमानत के लिए वकील ने जमानत अर्जी दी थी। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता जगन्नाथ कुशवाहा व मनोज कुमार पांडेय की दलीलों को सुनने के बाद न्यायाधीश आनंद कुमार ने दोनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

तीसरे मामले में बांगरमऊ थानाक्षेत्र के पुरविया टोला गांव निवासी फरमान व उसके सहयोगी नथुन्नी व छदम्मी ने कस्बा निवासी रूबी की हत्या कर दी थी। उसके पति को घायल कर दिया था। इस मामले में न्यायालय ने सभी आरोपियों को घटना का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में भी कार्रवाई की गई थी। गैंगस्टर एक्ट के मामले में परिजनों ने फरमान की जमानत के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था। गुरुवार को विशेष लोक अभियोजक गैंगेस्टर एक्ट हरीश अवस्थी, अलंकार द्विवेदी व विश्वास त्रिपाठी ने जमानत का विरोध करते हुए दलीलें रखीं। उन्हें सुनने के बाद न्यायाधीश कल्पना शुक्ला ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

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