गोशाला में तड़प रहे मवेशी, नगर पालिका अनजान

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उन्नाव। गदनखेड़ा स्थित गोशाला में मवेशियों की देखभाल न होने से हालात बदतर हैं। भूसा है न इलाज की व्यवस्था। बुधवार को गोशाला में आठ बीमार मवेशी धूप में तड़पते रहे। लोगों ने नगर पालिका को सूचना दी लेकिन घंटों तक कोई नहीं पहुंचा।
गदनखेड़ा स्थित गोशाला का संचालन नगर पालिका करती है। रिकार्ड के अनुसार यहां 120 मवेशी हैं। चारा-पानी की जिम्मेदारी नगर पालिका पर है लेकिन बुधवार को गोशाला का ताला बाहर से बंद था।
आठ मवेशी बेसुध पड़े दिखे। भूसे का पता नहीं था, एक हौज में थोड़ा सा गर्म पानी था। मोहल्ला हिरन नगर निवासी सत्येंद्र कुमार, नीरज, विपिन, गौरव आदि ने मवेशियों की हालत देखी तो नगर पालिका के कंट्रोल रूम को सूचना दी। लेकिन घंटों बाद भी कोई नहीं पहुंचा। पालिका के बड़े बाबू रामसमुझ ने बताया कि उन्हें सूचना नहीं मिली। वहां व्यवस्था ठीक है।
मंत्री के निरीक्षण को लेकर बनाया चार्ट
नगर पालिका के जिम्मेदार गोशाला तो नहीं जाते हैं लेकिन शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्तावित निरीक्षण को देखते हुए कागजी कोरम को फिट करने में जुटे रहे। कंप्यूटर पर पूरा डाटा निकाला गया। कितना खर्च आ रहा है तथा कितने मवेशी हैं इस पर गणित लगती रही।

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उन्नाव। गदनखेड़ा स्थित गोशाला में मवेशियों की देखभाल न होने से हालात बदतर हैं। भूसा है न इलाज की व्यवस्था। बुधवार को गोशाला में आठ बीमार मवेशी धूप में तड़पते रहे। लोगों ने नगर पालिका को सूचना दी लेकिन घंटों तक कोई नहीं पहुंचा।

गदनखेड़ा स्थित गोशाला का संचालन नगर पालिका करती है। रिकार्ड के अनुसार यहां 120 मवेशी हैं। चारा-पानी की जिम्मेदारी नगर पालिका पर है लेकिन बुधवार को गोशाला का ताला बाहर से बंद था।

आठ मवेशी बेसुध पड़े दिखे। भूसे का पता नहीं था, एक हौज में थोड़ा सा गर्म पानी था। मोहल्ला हिरन नगर निवासी सत्येंद्र कुमार, नीरज, विपिन, गौरव आदि ने मवेशियों की हालत देखी तो नगर पालिका के कंट्रोल रूम को सूचना दी। लेकिन घंटों बाद भी कोई नहीं पहुंचा। पालिका के बड़े बाबू रामसमुझ ने बताया कि उन्हें सूचना नहीं मिली। वहां व्यवस्था ठीक है।

मंत्री के निरीक्षण को लेकर बनाया चार्ट

नगर पालिका के जिम्मेदार गोशाला तो नहीं जाते हैं लेकिन शुक्रवार को संसदीय कार्य मंत्री के प्रस्तावित निरीक्षण को देखते हुए कागजी कोरम को फिट करने में जुटे रहे। कंप्यूटर पर पूरा डाटा निकाला गया। कितना खर्च आ रहा है तथा कितने मवेशी हैं इस पर गणित लगती रही।

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