घर मिल गया होता तो हम भी छत पर फहराते तिरंगा

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उन्नाव/नवाबगंज। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने हर घर में तिरंगा फहराने का आह्वान किया है लेकिन जिले में 17 हजार पात्र गरीब ऐसे हैं जिनके पास सिर ढकने को पक्की छत नहीं है। प्रधानमंत्री गरीब आवास प्लस सूची में शामिल इन पात्रों को पक्का आवास मिलने का इंतजार है। उनका कहना है कि अगर उन्हें आवास मिल गया होता तो वह भी अपनी छत पर तिरंगा लगाते।
ऐसी ही एक ग्राम पंचायत नवाबगंज ब्लाक की अमरेथा है। यहां करीब 10 परिवार ऐसे हैं जो तिरपाल और फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। प्रधानों के माध्यम से इन परिवारों को भी तिरंगा उपलब्ध कराया गया है। ये बेघर गरीब जब पड़ोसी की छत पर ऊंचा सा तिरंगा लहराते देखते हैं तो मन मसोस कर रह जाते हैं। वह कहते हैं कि अगर उन्हें आवास मिल गया होता तो वह भी अपनी अटारी पर झंडा फहराते। इस गांव के टिंकू, निराश्रित फुल्ला, रामचंद्र, अमित व हरिशंकर आदि ने बताया कि मकान के नाम पर उनके पास केवल छोटी सी झोपड़ी है। मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। पक्का घर बनवाने की हैसियत नहीं है। सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। जबकि कई बार अधिकारियों की चौखट पर प्रार्थनापत्र दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इनका आरोप है कि पात्र होने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिला।
कई बार की मांग पर सुनवाई नहीं
अमरेथा की राधा ने बताया कि वह पिछले 15 साल से तिरपाल तानकर पति व पांच बेटियों के साथ जीवनयापन कर रही है। तीन बार के प्रधानों से पक्के आवास की मांग की लेकिन पूरी नहीं हुई।
गांव के सुभाष ने भी यही दर्द सुनाया। बताया कि उनका घर भी कच्चा है। मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। पक्का आवास नहीं बनवा सकते। सरकारी योजना का आज तक लाभ नहीं मिला।
वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले को 12,932 और वर्ष 2021-22 में 4,267 प्रधानमंत्री आवासों का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष लाभार्थियों का चयन करके तीन किस्तों में पैसा दिया गया था। इस बार भी आवास प्लस सूची में 17 हजार पात्रों को शामिल किया गया है। हालांकि अभी लक्ष्य नहीं मिला है। लक्ष्य मिलते ही पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ दिलाया जाएगा। – यशवंत सिंह, परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण
तीन किस्तों में दिए जाते हैं 1.20 लाख
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि दी जाती है। इसमें पहली किस्त 40 हजार रुपये, दूसरी किस्त 70 हजार रुपये और तीसरी किस्त के रुप में 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा में 90 दिन की मजदूरी और शौचालयों का अलग पैसा दिया जाता है।

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उन्नाव/नवाबगंज। स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। केंद्र और प्रदेश सरकार ने हर घर में तिरंगा फहराने का आह्वान किया है लेकिन जिले में 17 हजार पात्र गरीब ऐसे हैं जिनके पास सिर ढकने को पक्की छत नहीं है। प्रधानमंत्री गरीब आवास प्लस सूची में शामिल इन पात्रों को पक्का आवास मिलने का इंतजार है। उनका कहना है कि अगर उन्हें आवास मिल गया होता तो वह भी अपनी छत पर तिरंगा लगाते।

ऐसी ही एक ग्राम पंचायत नवाबगंज ब्लाक की अमरेथा है। यहां करीब 10 परिवार ऐसे हैं जो तिरपाल और फूस की झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। प्रधानों के माध्यम से इन परिवारों को भी तिरंगा उपलब्ध कराया गया है। ये बेघर गरीब जब पड़ोसी की छत पर ऊंचा सा तिरंगा लहराते देखते हैं तो मन मसोस कर रह जाते हैं। वह कहते हैं कि अगर उन्हें आवास मिल गया होता तो वह भी अपनी अटारी पर झंडा फहराते। इस गांव के टिंकू, निराश्रित फुल्ला, रामचंद्र, अमित व हरिशंकर आदि ने बताया कि मकान के नाम पर उनके पास केवल छोटी सी झोपड़ी है। मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। पक्का घर बनवाने की हैसियत नहीं है। सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। जबकि कई बार अधिकारियों की चौखट पर प्रार्थनापत्र दे चुके हैं, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इनका आरोप है कि पात्र होने के बाद भी योजना का लाभ नहीं मिला।

कई बार की मांग पर सुनवाई नहीं

अमरेथा की राधा ने बताया कि वह पिछले 15 साल से तिरपाल तानकर पति व पांच बेटियों के साथ जीवनयापन कर रही है। तीन बार के प्रधानों से पक्के आवास की मांग की लेकिन पूरी नहीं हुई।

गांव के सुभाष ने भी यही दर्द सुनाया। बताया कि उनका घर भी कच्चा है। मेहनत मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। पक्का आवास नहीं बनवा सकते। सरकारी योजना का आज तक लाभ नहीं मिला।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में जिले को 12,932 और वर्ष 2021-22 में 4,267 प्रधानमंत्री आवासों का लक्ष्य मिला था। जिसके सापेक्ष लाभार्थियों का चयन करके तीन किस्तों में पैसा दिया गया था। इस बार भी आवास प्लस सूची में 17 हजार पात्रों को शामिल किया गया है। हालांकि अभी लक्ष्य नहीं मिला है। लक्ष्य मिलते ही पात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण का लाभ दिलाया जाएगा। – यशवंत सिंह, परियोजना निदेशक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण

तीन किस्तों में दिए जाते हैं 1.20 लाख

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में लाभार्थियों को तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि दी जाती है। इसमें पहली किस्त 40 हजार रुपये, दूसरी किस्त 70 हजार रुपये और तीसरी किस्त के रुप में 10 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा मनरेगा में 90 दिन की मजदूरी और शौचालयों का अलग पैसा दिया जाता है।

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