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हादसे में राजेश कुमार (28 ), संदीप राम (18 ), चंद्रभूषण राम (32) की मौत हो गई। तीनों अमीलाई गांव निवासी थे। दर्दनाक हादसे के शिकार मजदूरों के परिवार की स्थिति बेहद दयनीय है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। रोते समय उनके मुंह से यही निकल रहा है कि हमारा तो घर उजड़ गया। अब क्या होगा परिवार का। कौन कमाकर बच्चों को पालेगा, जब कमाने वाला ही चला गया।
एक ही दिन तीन लोगों की मौत से अमीलाई गांव में देर रात तक परिजनों की चीख-पुकार गूंजती रही। पूरे गांव में मातमी सन्नाटा पसरा रहा। मृतक के परिजन बार-बार खुद को कोस रहे थे कि काश शनिवार को उन्हें काम पर नहीं जाने दिए होते। वहीं आसपास के लोग और रिश्तेदार भी ढांढस बंधाने पहुंचे।
प्रभुपुर की घटना ने गांव के लोगों का दिल दहला दिया है। लोगों का कहना है कि अमूमन दीवार आदि गिरने के संकेत कुछ मिनट पहले मिल जाते हैं और लोग बच जाते हैं। पर शनिवार की दोपहर पक्की दीवार इतनी तेजी से गिरी की मजदूरों को अपनी जान बचाने के लिए समय नहीं मिला।
प्रभुपुर गांव की घटना ने चार बच्चों के सिर से उनके पिता का साया छिन लिया। चन्द्रभूषण की पत्नी रंजना, पुत्र साहिल, सौरभ हिमांशु के आंसू थम ही नहीं रहे थे। राजेश की पत्नी अंजनी देवी, माता जादा देवी, अबोध पुत्र प्रियांशु व पुत्री प्रिया का बुरा हाल था। संदीप की शादी अभी एक वर्ष पूर्व ही हुई थी। उसकी पत्नी खुश्बू गर्भवती है। उसकी पत्नी और माता झमला देवी व भाई प्रदीप सुध बुध खो चुके हैं। मृतकों के घर ग्रामीणों व रिश्तेदारों की भीड़ लगी हुई थी।
प्रभुपुर गांव में तीन मजदूरों की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गहरा दुख प्रकट किया है। ट्वीट के जरिए उन्होंने संवेदना व्यक्त की और वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर कार्रवाई के निर्देश दिए। एसपी अंकुर अग्रवाल के इस मामले में कार्रवाई के संकेत दिए हैं। बताया कि पीड़ित परिवार की शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
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