चोरों ने धन दबा होने की आशंका पर की थी खोदाई

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सफीपुर। ठाकुरद्वारा मंदिर में लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां चुराने के पहले अष्टधातु की परख के लिए चोरों ने श्रीराम की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था।
पुलिस मंदिर में हुई चोरी के मामले में पुजारी सहित तीन लोगाें हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि मूर्तियों के नीचे धन दबा होने की आशंका पर चोरों ने खोदाई भी की थी।
टिकुली स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर की स्थापना 200 साल पहले हुई थी। यहां से सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की दो मूर्तियां रविवार रात चोरों ने पार कर दीं थी।
पुलिस की जांच में सामने आया है कि चोरों में कोई ऐसा था जिसे अष्टधातु की परख थी। इसके कारण पहले श्रीराम की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर धातु की परख की। मूर्ति पत्थर की होने पर उसे छोड़ दिया और सीता व लक्ष्मण की मूर्ति चुरा ले गए।
मामले में पुजारी देवी प्रकाश मिश्रा और उसके दो साथियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। कोतवाल चंद्रकांत ने बताया कि जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
ट्रस्ट है निष्क्रिय
200 वर्ष पुराने ठाकुरद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनारायण बाजपेई थे। उनके निधन के बाद ट्रस्ट की जिम्मेदारी उनके बेटे सुभाष बाजपेई को मिल गई थी। सुभाष के भी न रहने पर ट्रस्ट निष्क्रिय हो गया।
जिससे मंदिर की देखरेख करने वाले भी पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए। मंदिर परिसर की दीवारें जर्जर हो गईं।
20 वर्ष पहले चोरी गई मूर्ति का सुराग नहीं लगा
कस्बे के उम्मेदराय बाजार स्थित शंकर जी के मंदिर से 20 वर्ष पूर्व अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई थी। कोतवाली पुलिस ने संचालक आलोक गुप्ता की तहरीर पर पुजारी शास्त्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
एक वर्ष जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था। कुछ दिन बाद पुजारी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। अब तक चोरी गई मूर्ति का पता नहीं चल सका है।

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सफीपुर। ठाकुरद्वारा मंदिर में लक्ष्मण-सीता की मूर्तियां चुराने के पहले अष्टधातु की परख के लिए चोरों ने श्रीराम की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था।

पुलिस मंदिर में हुई चोरी के मामले में पुजारी सहित तीन लोगाें हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि मूर्तियों के नीचे धन दबा होने की आशंका पर चोरों ने खोदाई भी की थी।

टिकुली स्थित ठाकुरद्वारा मंदिर की स्थापना 200 साल पहले हुई थी। यहां से सीता और लक्ष्मण की अष्टधातु की दो मूर्तियां रविवार रात चोरों ने पार कर दीं थी।

पुलिस की जांच में सामने आया है कि चोरों में कोई ऐसा था जिसे अष्टधातु की परख थी। इसके कारण पहले श्रीराम की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर धातु की परख की। मूर्ति पत्थर की होने पर उसे छोड़ दिया और सीता व लक्ष्मण की मूर्ति चुरा ले गए।

मामले में पुजारी देवी प्रकाश मिश्रा और उसके दो साथियों से पुलिस पूछताछ कर रही है। कोतवाल चंद्रकांत ने बताया कि जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।

ट्रस्ट है निष्क्रिय

200 वर्ष पुराने ठाकुरद्वारा ट्रस्ट के अध्यक्ष राजनारायण बाजपेई थे। उनके निधन के बाद ट्रस्ट की जिम्मेदारी उनके बेटे सुभाष बाजपेई को मिल गई थी। सुभाष के भी न रहने पर ट्रस्ट निष्क्रिय हो गया।

जिससे मंदिर की देखरेख करने वाले भी पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए। मंदिर परिसर की दीवारें जर्जर हो गईं।

20 वर्ष पहले चोरी गई मूर्ति का सुराग नहीं लगा

कस्बे के उम्मेदराय बाजार स्थित शंकर जी के मंदिर से 20 वर्ष पूर्व अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई थी। कोतवाली पुलिस ने संचालक आलोक गुप्ता की तहरीर पर पुजारी शास्त्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

एक वर्ष जेल में रहने के बाद वह जमानत पर बाहर आ गया था। कुछ दिन बाद पुजारी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। अब तक चोरी गई मूर्ति का पता नहीं चल सका है।

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