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उन्नाव। वर्षों से अटकी पड़ी डलमऊ-बी पंप नहर पुनर्निर्माण परियोजना को पूरा करने के लिए मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ परियोजना के लिए जल्द बजट जारी होने की उम्मीद जगी है। परियोजना पूरी होने से सैकड़ों गांवों के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए नहर का पानी मिलने लगेगा।
सिंचाई की समस्या को देखते हुए 1985-86 में बीघापुर तहसील के डौंडियाखेड़ा में चौधरी चरण सिंह डलमऊ बी पंप नहर परियोजना पर काम शुरू हुआ था। 300 क्यूसेक क्षमता की नहर में मोटर बोट पर सात पंप रखे गए थे। पंप निर्माण के बाद बीघापुर के कई गांवों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलने लगा था।
परियोजना की मियाद 15 वर्ष की थी लेकिन, योजना 25 साल चल गई। 2010 में सरकार ने 29.38 करोड़ रुपये जारी करके स्थायी नहर पंप निर्माण की स्वीकृति दी। 19 जनवरी 2012 को काम शुरू हुआ। काम 18 सितंबर 2014 को पूरा हो जाना था लेकिन, सुस्ती के चलते परियोजना की लागत बढ़ती गई।
काफी प्रयास के बाद सिंचाई विभाग खंड शारदा नहर की ओर से 12 फरवरी को जिला परियोजना व्यय वित्त समिति की बैठक हुई। बैठक में पुनर्निर्माण के लिए 72.94 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव को मंत्री परिषद के अनुमोदन के लिए शासन के पास भेजा गया। तबसे यह परियोजना लंबित चल रही थी।
सिंचाई विभाग शारदा खंड के एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि परियोजना को पूरा करने के लिए करके भेजे गए प्रस्ताव को मंत्री परिषद ने अनुमोदित कर दिया है, अब जल्द बजट जारी होने की संभावना है। बताया कि बजट मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा।
पूर्व में 29.38 करोड़ के बजट से विभाग ने नहर मिट्टी पुराई का कार्य कराया था। इसके अलावा पुल, पुलियों व पंप हाउस के निर्माण व भवन सहित अन्य उपकरण लगाए गए थे। लगभग 33 प्रतिशत हो गया। अब बजट मिलने से शेष लंबित 67 प्रतिशत काम पूरा कराया जाएगा। इसके बाद पंप का संचालन शुरू होने से बीघापुर के कल्याणपुर, नानमऊ, जगतपुर, धनकोली आदि गांवों के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए नहर का पानी मिलने लगेगा।
उन्नाव। वर्षों से अटकी पड़ी डलमऊ-बी पंप नहर पुनर्निर्माण परियोजना को पूरा करने के लिए मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। इसके साथ परियोजना के लिए जल्द बजट जारी होने की उम्मीद जगी है। परियोजना पूरी होने से सैकड़ों गांवों के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए नहर का पानी मिलने लगेगा।
सिंचाई की समस्या को देखते हुए 1985-86 में बीघापुर तहसील के डौंडियाखेड़ा में चौधरी चरण सिंह डलमऊ बी पंप नहर परियोजना पर काम शुरू हुआ था। 300 क्यूसेक क्षमता की नहर में मोटर बोट पर सात पंप रखे गए थे। पंप निर्माण के बाद बीघापुर के कई गांवों के किसानों को सिंचाई का लाभ मिलने लगा था।
परियोजना की मियाद 15 वर्ष की थी लेकिन, योजना 25 साल चल गई। 2010 में सरकार ने 29.38 करोड़ रुपये जारी करके स्थायी नहर पंप निर्माण की स्वीकृति दी। 19 जनवरी 2012 को काम शुरू हुआ। काम 18 सितंबर 2014 को पूरा हो जाना था लेकिन, सुस्ती के चलते परियोजना की लागत बढ़ती गई।
काफी प्रयास के बाद सिंचाई विभाग खंड शारदा नहर की ओर से 12 फरवरी को जिला परियोजना व्यय वित्त समिति की बैठक हुई। बैठक में पुनर्निर्माण के लिए 72.94 करोड़ का प्रस्ताव रखा गया। प्रस्ताव को मंत्री परिषद के अनुमोदन के लिए शासन के पास भेजा गया। तबसे यह परियोजना लंबित चल रही थी।
सिंचाई विभाग शारदा खंड के एक्सईएन शैलेश कुमार ने बताया कि परियोजना को पूरा करने के लिए करके भेजे गए प्रस्ताव को मंत्री परिषद ने अनुमोदित कर दिया है, अब जल्द बजट जारी होने की संभावना है। बताया कि बजट मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा।
पूर्व में 29.38 करोड़ के बजट से विभाग ने नहर मिट्टी पुराई का कार्य कराया था। इसके अलावा पुल, पुलियों व पंप हाउस के निर्माण व भवन सहित अन्य उपकरण लगाए गए थे। लगभग 33 प्रतिशत हो गया। अब बजट मिलने से शेष लंबित 67 प्रतिशत काम पूरा कराया जाएगा। इसके बाद पंप का संचालन शुरू होने से बीघापुर के कल्याणपुर, नानमऊ, जगतपुर, धनकोली आदि गांवों के किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए नहर का पानी मिलने लगेगा।
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