वाराणसी के दशाश्वमेध क्षेत्र में गुरुवार को अतिक्रमण पर बुलडोजर चला। जी-20 सम्मेलन को ध्यान में रखकर चितरंजन पार्क के पास से दुकानें हटवाईं गईं। नगर निगम और वीडीए की संयुक्त टीम ने बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को हटाया। इस दौरान महिलाओं और दुकानदारों ने जबरदस्त विरोध किया। हल्ला, हंगामा, नोंकझोंक, विरोध के बीच कार्रवाई को अंजाम दिया गया। दुकानदार किसी भी सूरत में दशाश्वमेध प्लाजा में जाने को तैयार नहीं हो रहे थे। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में जब सामान हटवाने की प्रक्रिया शुरू हुई तो कुछ लोग नारेबाजी करते हुए विरोध करने लगे। इस बीच कुछ दुकानदार प्लाजा की दुकानें में बंद ताले को तोड़कर अपना सामान रखने लगे।
अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार ने बताया कि विरोध के बावजूद सभी को हटाया गया। कई बार उन्हें दुकानें शिफ्ट करने को कहा गया था, लेकिन ये अपनी दुकानें नहीं हटा रहे थे। आज इन्हें हटवाया गया। इनका सामान दशाश्वमेध प्लाजा में रखवाया गया है।
नगर निगम और वीडीए की ओर से 180 दुकानदारों को दशाश्वमेध प्लाजा में शिफ्ट कराया जा रहा है। पूर्व पार्षद शंकर विशनानी ने कहा कि सभी 35 दुकानें सिंधी समाज के शरणार्थियों को 1950 से आवंटित हैं।
शंकर विशनानी ने कहा कि प्रशासन को होली के बाद कार्रवाई करनी चाहिए थी। बुलडोजर चलाकर लोगों की होली खराब कर दी है। जी20 के नाम पर इन्हें उजाड़ दिया गया।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, रंजन कोहली और दिलीप तुलस्यानी के नेतृत्व में दशाश्वमेध गुमटी व्यवसायियों ने अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार से नगर निगम में मुलाकात की। व्यापार मंडल के लोगों ने अपनी समस्याएं बताईं।
उन्होंने कहा कि दशाश्वमेध घाट और राजेंद्र प्रसाद घाट के बीच 35 साल से गुमटी पर सामान बेचकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करते हैं। नगर निगम की ओर से इन्हें हटवाया जा रहा है। अपर नगर आयुक्त ने उन्हें दूसरी जगह दुकानें देने का आश्वासन दिया।