अयोध्या की तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास को धर्मदंड के साथ ताजमहल में प्रवेश से रोकने के मामले में बुधवार को पूरे दिन हिंदूवादी संगठनों ने हंगामा, विरोध प्रदर्शन किया। अयोध्या लौटे महंत परमहंस दास ने धर्मदंड की जगह भगवा वस्त्र पहनकर जाने पर ताजमहल में प्रवेश से रोकने का आरोप लगाया और पांच मई को अपने अनुयायियों के साथ दोबारा ताजमहल में प्रवेश करने का एलान किया। वहीं ताजनगरी में विश्व हिंदू परिषद, हिंदू महासभा समेत संगठनों ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के खिलाफ प्रदर्शन किया। संगठनों के सदस्यों ने सीआईएसएफ जवानों पर कार्रवाई करने की मांग करते हुए ताजमहल में भगवा गमछे और कपड़े पहनकर प्रवेश किया।
पुलिस ने छीना पुतला
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने बुधवार को माल रोड स्थित एएसआई कार्यालय पर पुतला फूंकने का प्रयास किया, लेकिन रकाबगंज और थाना सदर की पुलिस ने महासभा के धर्मेंद्र शर्मा और जितेंद्र कुशवाह से पुतला छीन लिया। पीएसी, पुलिस की मौजूदगी में पुतला फूं कने पर विवाद हुआ तो संजय जाट समेत कार्यकर्ताओं से तकरार हुई। इसके बाद महासभा के सदस्य एएसआई कार्यालय के गेट पर धरने पर बैठ गए और एएसआई के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं विश्व हिंदू परिषद के महानगर अध्यक्ष राजेंद्र गर्ग ने प्रतिनिधिमंडल के साथ अधीक्षण पुरातत्वविद को ज्ञापन सौंपकर सीआईएसएफ जवानों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि धर्मदंड के साथ प्रवेश से रोकने से धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। कार्रवाई न होने पर आंदोलन किया जाएगा।
एएसआई अधीक्षण पुरातत्वविद ने की जांच
मंगलवार शाम को तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास के ताज में प्रवेश न करने के मामले में खबरें प्रकाशित हुईं तो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल बुधवार सुबह जांच के लिए ताजमहल पहुंच गए। उन्होंने ताजमहल पश्चिमी गेट से लेकर सुरक्षा जांच कतार तक के क्षेत्र में सीसीटीवी फुटेज की जांच की। राजकुमार पटेल के मुताबिक परमहंस दास ताज के गेट पर तीन मिनट तक रुके।
उन्होंने बताया कि सुरक्षा जांच में महंत से धर्मदंड को लॉकर में रखने और लौटकर वापस लेने का आग्रह किया गया था, लेकिन उन्होंने स्वीकार नहीं किया। वह तुरंत वापस लौट गए। उनके वस्त्रों को लेकर कोई विवाद नहीं था। किसी भी रंग का कपड़ा पहनकर ताज में प्रवेश किया जा सकता है। सुरक्षा कारणों से ताज में जिन चीजों पर प्रतिबंध हैं, उन्हें अंदर जाने से रोकना जवानों की जिम्मेदारी है। आज भी कई लोगों ने प्रवेश किया, किसी को भी नहीं रोका गया।
आरोप : भगवा वस्त्रों के कारण नहीं दिया ताज में प्रवेश
तपस्वी छावनी के महंत जगद्गुरु परमहंसाचार्य ने ताज में ब्रह्मदंड के साथ प्रवेश न मिलने पर बुधवार को नाराजगी जताई और आरोप लगाया कि भगवा वस्त्र और धर्म दंड के वजह से ताजमहल में उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया। वहां मौजूद धर्म विशेष के लोगों के इशारे पर ताजमहल की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बलों ने उनके साथ बदसलूकी की। अनुयायी का मोबाइल छीन कर फोटो और वीडियो डिलीट करने का भी आरोप लगाया।
परमहंसाचार्य ने अपने अनुयायियों से अपील की है कि 5 मई को सुबह 11 बजे सभी सनातन धर्मावलंबी शिष्य ताजमहल पहुंचें। वह अब ताजमहल का दीदार करने अपने अनुयायियों के साथ जाएंगे। परमहंसाचार्य ने चेतावनी दी कि यदि इस बार रोका गया तो ताजमहल के गेट पर आमरण अनशन करेंगे।
धर्मदंड की प्रतिकृति, भगवा वस्त्रों में मिला प्रवेश
राष्ट्रीय हिंदू परिषद के अध्यक्ष गोविंद पाराशर भगवा वस्त्रों में धर्मदंड की प्रतिकृति लेकर बुधवार को ताजमहल पहुंचे। उनके पांच साथी भगवा गमछा पहने हुए थे। इन सभी को ताजमहल में सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश दिया गया। गेट पर प्रतीकात्मक लकड़ी के धर्मदंड की जांच के बाद गोविंद पाराशर और उनके साथियों को प्रवेश की अनुमति दी गई। गोविंद पाराशर ने कहा कि मंगलवार को महंत को क्यों रोका गया, यह समझ से परे है, जबकि उन्हें आसानी से पूरी सुरक्षा जांच के बाद प्रवेश दिया गया। उन्होंने महंत को रोकने वाले जवानों पर कार्रवाई की मांग की।