तिरंगे की बदौलत वतन वापसी: यूक्रेन से मथुरा वापस आए ओम, कनक और राधिका, बताई आपबीती

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सार

यूक्रेन से मथुरा के तीन छात्र-छात्राएं घर वापस आ गए हैं। सही सलामत वतन वापसी पर उन्होंने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया। कहा कि वो तिरंगे की बदौलत यहां सही सलामत पहुंचे हैं। 

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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं की वतन वापसी जारी है। मथुरा जिले की दो छात्राएं और एक छात्र सही सलामत वापस घर आ गए हैं। राया के रहने वाले यूक्रेन में पढ़ रहे भाई-बहन ओम और कनक के घर में मिठाई बंट रही है। वह सही सलामत वतन लौट आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के कारण ही वो यहां तक सही सलामत पहुंचे हैं। 

रविवार देर रात बरसाना निवासी राधिका गोयल पुत्री जगदीश गोयल भी रोमानिया के रास्ते हवाई जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गई। भाई माधव जब दिल्ली एयरपोर्ट लेने पहुंचा तो राधिका उनके गले में लिपटकर खूब रोई।

यूक्रेन में हालात बहुत खराब 

दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे राया निवासी शिवकुमार अग्रवाल के पुत्र ओम अग्रवाल और पुत्री कनक अग्रवाल बेहद खुश हैं। अभिभावक उन्हें लेने के लिए दिल्ली गए। इस दौरान यूक्रेन के हालत की जानकारी देते हुए ओम अग्रवाल ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत खराब हैं। भारत सरकार के प्रयासों के बाद वो अपनी टैक्सी पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाकर निकलने में सफल रहे।
रूसी सैनिकों ने उन्हें भारतीय ध्वज को देखकर टैक्सी को कहीं नहीं रोका। चार किलोमीटर की दूरी उन्होंने पैदल ही तय की। इस दौरान बैग पर लगे ध्वज को देखकर किसी ने चेकिंग नहीं की। इसके लिए दोनों भाई-बहनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया कहा। परिवार की इस खुशी में पूर्व चेयरमैन राकेश शर्मा, अनुज गोयल, बबलू चौबे, पवन अग्रवाल, अनिल अग्रवाल आदि शामिल हुए।

रोमानिया के लोग भी दे रहे भारतीयों को सम्मान

कस्बा राया निवासी अनुज दीक्षित के पुत्र सिद्धार्थ ने भी उन छात्रों की सूची में शामिल होने जा रहे हैं, जो किसी तरह यूक्रेन से निकलकर घर वापसी कर रहे हैं। इसकी जानकारी सिद्धार्थ ने परिजनों को देते हुए बताया कि आठ किमी का सफर पैदल तय किया है। इसके बाद सकुशल एयरपोर्ट पहुंचे हैं। अब जल्दी ही घर वापसी होगी। रोमानिया में बहुत सम्मान दिया। पैसा और खाने-पीने का सामान भी दिया।

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हर तरफ मौत का मंजर, खत्म हुए पैसे 

यूक्रेन में अभी जिले के कई छात्र फंसे हुए हैं। इनमें कस्बा राया निवासी संजय वर्मा का पुत्र रीतिक वर्मा भी शामिल है। रितिक ने बताया कि उसके साथ हॉस्टल में 450 से अधिक छात्र एक साथ हॉस्टल छोड़कर सीमावर्ती देश की ओर बढ़ रहे हैं। उनके पास पैसा भी खत्म हो गया है।

एयरपोर्ट भी 1300 किलोमीटर की दूरी पर है। बहुत परेशान हैं। रितिक की इस दशा से पिता संजय ही नहीं मां ने भी खाना छोड़ दिया है। सौंख के छात्र मनीष कुमार परिजनों के साथ वीडियो भेजा है। धमकों के बाद वहां की स्थिति को दर्शाया है। मनीष ने बताया कि भारतीय दूतावास ने अभी तक यूक्रेन के सूमी शहर में भारतीय छात्रों के संपर्क तक नहीं हुआ है। 

यहां 400 से अधिक छात्र फंसे है। सूमी यूनिवर्सिटी ने एमएससी को 400 भारतीय छात्रों की सूची तैयार की गई। जिसमें छात्र मनीष कुमार का 233 वां नंबर है। इस स्थिति पर मनीष के पिता ने ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मदद की गुहार लगाई है।

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यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र-छात्राओं की वतन वापसी जारी है। मथुरा जिले की दो छात्राएं और एक छात्र सही सलामत वापस घर आ गए हैं। राया के रहने वाले यूक्रेन में पढ़ रहे भाई-बहन ओम और कनक के घर में मिठाई बंट रही है। वह सही सलामत वतन लौट आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि अपने राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के कारण ही वो यहां तक सही सलामत पहुंचे हैं। 

रविवार देर रात बरसाना निवासी राधिका गोयल पुत्री जगदीश गोयल भी रोमानिया के रास्ते हवाई जहाज से दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंच गई। भाई माधव जब दिल्ली एयरपोर्ट लेने पहुंचा तो राधिका उनके गले में लिपटकर खूब रोई।

यूक्रेन में हालात बहुत खराब 

दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे राया निवासी शिवकुमार अग्रवाल के पुत्र ओम अग्रवाल और पुत्री कनक अग्रवाल बेहद खुश हैं। अभिभावक उन्हें लेने के लिए दिल्ली गए। इस दौरान यूक्रेन के हालत की जानकारी देते हुए ओम अग्रवाल ने बताया कि यूक्रेन में हालात बहुत खराब हैं। भारत सरकार के प्रयासों के बाद वो अपनी टैक्सी पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लगाकर निकलने में सफल रहे।

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