[ad_1]
ख़बर सुनें
गंजमुरादाबाद। बीमार दादी के लिए बुखार की दवा लेने निकला युवक घर नहीं लौटा। दूसरे दिन उसका शव गांव के बाहर धान के खेत में मिला। शरीर में चोट के निशान नहीं हैं, लेकिन मुंह से खून निकला रहा था। घटनास्थल पर उसकी साइकिल गायब है। पुलिस ने आसपास जानकारी की तो पता चला कि वह नशे की हालत में देखा गया था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
बेहटामुजावर थानाक्षेत्र की ग्रामसभा शादीपुर के मजरा लोकईखेड़ा निवासी अनिल कुमार रावत (19) के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। वह दादी रामप्यारी (65) के साथ रहता था। दादी को काफी समय से बुखार आ रहा था। बुधवार दोपहर वह दादी की दवाई लेने के लिए साइकिल से गौरियाकला स्थित मेडिकल स्टोर जाने की बात कहकर निकला था। इसके बाद से घर नहीं लौटा। दादी ने गांव के लोगों के साथ तलाश शुरू की, लेकिन कहीं सुराग नहीं लगा। गुरुवार सुबह दादी रामप्यारी ने थाने में सूचना दी।
पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की। इसी दौरान दोपहर बाद करीब दो बजे गांव से तीन किमी दूर धान के खेत में अनिल का शव पड़ा मिला। उसकी साइकिल नहीं मिली है। थानाध्यक्ष रमेशचंद्र साहनी ने बताया कि शरीर में चोट के निशान नहीं हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत की पुष्टि हो पाएगी।
छिना दादी के बुढ़ापे का सहारा
माता पिता की काफी समय पहले बीमारी से मौत हो जाने से वह दादी के बुढ़ापे का सहारा था। उसका अभी विवाह नहीं हुआ था। आधा बीघा जमीन के सहारे व अपना और दादी का जीवन यापन कर रहा था। लेकिन अब पौत्र की मौत के बाद दादी बेहाल हैं।
गंजमुरादाबाद। बीमार दादी के लिए बुखार की दवा लेने निकला युवक घर नहीं लौटा। दूसरे दिन उसका शव गांव के बाहर धान के खेत में मिला। शरीर में चोट के निशान नहीं हैं, लेकिन मुंह से खून निकला रहा था। घटनास्थल पर उसकी साइकिल गायब है। पुलिस ने आसपास जानकारी की तो पता चला कि वह नशे की हालत में देखा गया था। शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
बेहटामुजावर थानाक्षेत्र की ग्रामसभा शादीपुर के मजरा लोकईखेड़ा निवासी अनिल कुमार रावत (19) के माता-पिता की काफी समय पहले मौत हो चुकी है। वह दादी रामप्यारी (65) के साथ रहता था। दादी को काफी समय से बुखार आ रहा था। बुधवार दोपहर वह दादी की दवाई लेने के लिए साइकिल से गौरियाकला स्थित मेडिकल स्टोर जाने की बात कहकर निकला था। इसके बाद से घर नहीं लौटा। दादी ने गांव के लोगों के साथ तलाश शुरू की, लेकिन कहीं सुराग नहीं लगा। गुरुवार सुबह दादी रामप्यारी ने थाने में सूचना दी।
पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर तलाश शुरू की। इसी दौरान दोपहर बाद करीब दो बजे गांव से तीन किमी दूर धान के खेत में अनिल का शव पड़ा मिला। उसकी साइकिल नहीं मिली है। थानाध्यक्ष रमेशचंद्र साहनी ने बताया कि शरीर में चोट के निशान नहीं हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही मौत की पुष्टि हो पाएगी।
छिना दादी के बुढ़ापे का सहारा
माता पिता की काफी समय पहले बीमारी से मौत हो जाने से वह दादी के बुढ़ापे का सहारा था। उसका अभी विवाह नहीं हुआ था। आधा बीघा जमीन के सहारे व अपना और दादी का जीवन यापन कर रहा था। लेकिन अब पौत्र की मौत के बाद दादी बेहाल हैं।
[ad_2]
Source link