न भूसा ना शुद्ध पानी, गोशालाओं की यही कहानी

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उन्नाव। अन्ना मवेशियों को संरक्षित करने के लिए बनाई गईं गोशालाओं में व्यवस्था ध्वस्त है। हाल ये है कि चारे व पानी के अभाव में मवेशी कमजोर हो रहे हैं। गोशालाओं में गंदगी व्याप्त है। इसके बीच मवेशी बीमार भी हो रहे हैं।
वर्ष 2019 में योगी सरकार ने छुट्टा मवेशियों के लिए गांव में गोशालाओं और निकायों में कांजी हाउस (कान्हा उपवन) का निर्माण कराने के आदेश दिए थे। पशुपालन विभाग का दावा है इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 200 पशु आश्रयस्थल संचालित हैं। इसके अलावा हर तहसील में गो आश्रयस्थल व कांजी हाउस भी हैं। इनमें 19 से 20 हजार मवेशी संरक्षित होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यहां भूसे, हरा चारा व पानी के इंतजाम के आदेशों को हवा में उड़ा रखा है। प्रधान व सचिव गोवंशों को दी जाने वाली सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
ये है स्थिति
पुरवा। विकासखंड की रामापुर गोशाला में भूसा नहीं है। चरही खाली पड़ी हैं। यहां 22 मवेशी संरक्षित हैं। बीडीओ डॉ. संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि रामापुर में भूसा कक्ष नहीं बना है। इसलिए दूसरी जगह भूसे की व्यवस्था है। भुगतान को लेकर मांगपत्र मुख्यालय भेजा जा चुका है। वहीं पासाखेड़ा में भीषण गंदगी फैली है।
असोहा। ब्लॉक की नेवादा गोशाला में भूसा नहीं है। कुल संरक्षित 136 गोवंश भूखे हैं। यहां तक गोशाला में सफाई भी नहीं है। चारों तरफ गोबर और गंदगी फैली है।
बिछिया। ब्लॉक की बड़ौरा गोशाला में 29 मवेशी अभिलेख पर संरक्षित हैं। जबकि मौके पर महज 14 मवेशी हैं। मवेशियों के चारे के लिए भूसा तक नहीं है। वह दुर्बल होते जा रहे हैं। पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान मवेशियों को खदेड़ कर बंद कर दिया जाता है। उसके बाद फिर छोड़ दिए जाते हैं।
अचलगंज। सिकंदरपुर कर्ण की चपरी गोशाला में 36 गोवंश हैं। चरही में सूखा भूसा पड़ा था। यहां पर मवेशियों को हरा चारा नहीं दिया जा रहा है। ग्राम प्रधान गुरुदीन ने बताया कि भूसे का पिछले साल अक्तूबर से भुगतान नहीं मिला है। निजी संसाधनों से मवेशियों का पेट भरने का इंतजाम करते हैं।
छुट्टा मवेशियों ने चरी फसल, आत्मदाह की चेतावनी
असोहा। ब्लॉक के कंचनपुर निवासी सतीश मिश्र ने छुट्टा मवेशियों के फसल चरने पर एसडीएम, बीडीओ व पशु चिकित्साधिकारी को प्रार्थनापत्र दिया था। मामले में कोई सुनवाई न होने पर सतीश ने मंगलवार को बीडीओ कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान न हुआ तो आठ दिन बाद बीडीओ कार्यालय पर आत्मदाह करेगा। बीडीओ ने बताया कि किसान की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। ग्राम प्रधान से अस्थायी गोशाला का निर्माण कराने को कहा जाएगा। (संवाद)

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उन्नाव। अन्ना मवेशियों को संरक्षित करने के लिए बनाई गईं गोशालाओं में व्यवस्था ध्वस्त है। हाल ये है कि चारे व पानी के अभाव में मवेशी कमजोर हो रहे हैं। गोशालाओं में गंदगी व्याप्त है। इसके बीच मवेशी बीमार भी हो रहे हैं।

वर्ष 2019 में योगी सरकार ने छुट्टा मवेशियों के लिए गांव में गोशालाओं और निकायों में कांजी हाउस (कान्हा उपवन) का निर्माण कराने के आदेश दिए थे। पशुपालन विभाग का दावा है इस समय ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 200 पशु आश्रयस्थल संचालित हैं। इसके अलावा हर तहसील में गो आश्रयस्थल व कांजी हाउस भी हैं। इनमें 19 से 20 हजार मवेशी संरक्षित होने का दावा किया जा रहा है। लेकिन यहां भूसे, हरा चारा व पानी के इंतजाम के आदेशों को हवा में उड़ा रखा है। प्रधान व सचिव गोवंशों को दी जाने वाली सुविधाओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

ये है स्थिति

पुरवा। विकासखंड की रामापुर गोशाला में भूसा नहीं है। चरही खाली पड़ी हैं। यहां 22 मवेशी संरक्षित हैं। बीडीओ डॉ. संतोष श्रीवास्तव का कहना है कि रामापुर में भूसा कक्ष नहीं बना है। इसलिए दूसरी जगह भूसे की व्यवस्था है। भुगतान को लेकर मांगपत्र मुख्यालय भेजा जा चुका है। वहीं पासाखेड़ा में भीषण गंदगी फैली है।

असोहा। ब्लॉक की नेवादा गोशाला में भूसा नहीं है। कुल संरक्षित 136 गोवंश भूखे हैं। यहां तक गोशाला में सफाई भी नहीं है। चारों तरफ गोबर और गंदगी फैली है।

बिछिया। ब्लॉक की बड़ौरा गोशाला में 29 मवेशी अभिलेख पर संरक्षित हैं। जबकि मौके पर महज 14 मवेशी हैं। मवेशियों के चारे के लिए भूसा तक नहीं है। वह दुर्बल होते जा रहे हैं। पानी की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों का आरोप है कि अधिकारियों के निरीक्षण के दौरान मवेशियों को खदेड़ कर बंद कर दिया जाता है। उसके बाद फिर छोड़ दिए जाते हैं।

अचलगंज। सिकंदरपुर कर्ण की चपरी गोशाला में 36 गोवंश हैं। चरही में सूखा भूसा पड़ा था। यहां पर मवेशियों को हरा चारा नहीं दिया जा रहा है। ग्राम प्रधान गुरुदीन ने बताया कि भूसे का पिछले साल अक्तूबर से भुगतान नहीं मिला है। निजी संसाधनों से मवेशियों का पेट भरने का इंतजाम करते हैं।

छुट्टा मवेशियों ने चरी फसल, आत्मदाह की चेतावनी

असोहा। ब्लॉक के कंचनपुर निवासी सतीश मिश्र ने छुट्टा मवेशियों के फसल चरने पर एसडीएम, बीडीओ व पशु चिकित्साधिकारी को प्रार्थनापत्र दिया था। मामले में कोई सुनवाई न होने पर सतीश ने मंगलवार को बीडीओ कार्यालय के सामने धरना शुरू कर दिया। चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान न हुआ तो आठ दिन बाद बीडीओ कार्यालय पर आत्मदाह करेगा। बीडीओ ने बताया कि किसान की समस्या का समाधान कर दिया जाएगा। ग्राम प्रधान से अस्थायी गोशाला का निर्माण कराने को कहा जाएगा। (संवाद)

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