पंचायतीराज विभाग कार्यालय में भ्रष्टाचार की शिकायत

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उन्नाव। सफाई कर्मियों ने पंचायतीराज निदेशक को भेजे गए गोपनीय पत्र में विभागीय कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बताया कि हर काम के रेट तय हैं। पत्र के आधार पर अपर निदेशक (प्रशा.) राजकुमार ने डीपीआरओ से रिपोर्ट तलब की है।
नौ जुलाई को सफाई कर्मचारियों ने निदेशक को शिकायतीपत्र भेजा था। इसमें जिले के कार्यालय में तैनात सह वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
सफाई कर्मचारियों ने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए 15 हजार, लोन फाइल अनुमोदन के लिए 10 हजार और वेतन पर्ची के लिए एक हजार रुपये की रिश्वत लेने की बात कही है। कई कर्मचारियों का सात साल से एरियर बकाया है। चिकित्सकीय व्यय की धनराशि की स्वीकृति के बाद भी पिछले कई सालों से भुगतान न होने की बात भी पत्र में कही गई है।
चार सफाई कर्मी कार्यालय से संबद्ध
सफाई कर्मियों ने ये आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय द्वारा संबद्धीकरण को लेकर सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। शासन ने भी इस पर आदेश जारी कर रखा है लेकिन इसके बाद भी कार्यालय में चार सफाई कर्मियों को संबद्ध किया गया है।
निदेशक से इस संबंध में पत्र आया है और आख्या मांगी गई है। साथ में संलग्न शिकायतीपत्र में किसी सफाई कर्मचारी का नाम नहीं है। फिर भी सफाई कर्मियों के ब्लॉक अध्यक्षों से बात की जाएगी। इसके बाद आख्या निदेशक को भेजी जाएगी। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

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उन्नाव। सफाई कर्मियों ने पंचायतीराज निदेशक को भेजे गए गोपनीय पत्र में विभागीय कार्यालय में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बताया कि हर काम के रेट तय हैं। पत्र के आधार पर अपर निदेशक (प्रशा.) राजकुमार ने डीपीआरओ से रिपोर्ट तलब की है।

नौ जुलाई को सफाई कर्मचारियों ने निदेशक को शिकायतीपत्र भेजा था। इसमें जिले के कार्यालय में तैनात सह वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।

सफाई कर्मचारियों ने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए 15 हजार, लोन फाइल अनुमोदन के लिए 10 हजार और वेतन पर्ची के लिए एक हजार रुपये की रिश्वत लेने की बात कही है। कई कर्मचारियों का सात साल से एरियर बकाया है। चिकित्सकीय व्यय की धनराशि की स्वीकृति के बाद भी पिछले कई सालों से भुगतान न होने की बात भी पत्र में कही गई है।

चार सफाई कर्मी कार्यालय से संबद्ध

सफाई कर्मियों ने ये आरोप लगाया है कि उच्च न्यायालय द्वारा संबद्धीकरण को लेकर सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं। शासन ने भी इस पर आदेश जारी कर रखा है लेकिन इसके बाद भी कार्यालय में चार सफाई कर्मियों को संबद्ध किया गया है।

निदेशक से इस संबंध में पत्र आया है और आख्या मांगी गई है। साथ में संलग्न शिकायतीपत्र में किसी सफाई कर्मचारी का नाम नहीं है। फिर भी सफाई कर्मियों के ब्लॉक अध्यक्षों से बात की जाएगी। इसके बाद आख्या निदेशक को भेजी जाएगी। – डॉ. निरीश चंद्र साहू, डीपीआरओ।

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