पांच घंटे चली नापजोख, यूपीडा कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने

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सोनिक। सदर तहसील के गांव सराय कटियान में गंगा एक्सप्रेसवे के लिए कराए गए बैनामे से अधिक भूमि अधिग्रहण के मामले में सदर तहसील की छह सदस्यीय टीम ने यूपीडा कर्मियों के साथ नापजोख की। पांच घंटे तक चली नापजोख में यूपीडा कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। इसके बाद किसानों को बैनामे के आधार पर ही भूमि अधिग्रहण करने का आश्वासन दिया गया।
सराय कटियान गांव के रामविलास, गुरुप्रसाद, ज्ञान प्रकाश, ओमप्रकाश, जयप्रकाश, ललित कुमार, वंदना देवी, कृष्ण कुमार, प्रमोद कुमार व शिव कुमार ने डीएम को दो जुलाई को शिकायतीपत्र दिया। इसमें बताया था कि भूमि की रजिस्ट्री के बाद संकेतांक के रूप में एक पत्थर लगवाया गया था। हालांकि बाद में यूपीडा कर्मचारियों ने नए पत्थर लगवा दिए।
आरोप था कि रजिस्ट्री एक बिस्वा जमीन की कराई गई, जबकि मौके पर छह बिस्वा जमीन जा रही है। डीएम के निर्देश पर गुरुवार को यूपीडा की टीम जांच करने पहुंची थी, लेकिन सदर तहसील के लेखपालों के न होने से जांच पूरी नहीं हो सकी थी।
शुक्रवार को सदर तहसीलदार अतुल कुमार ने कानूनगो हुबेश शुक्ला, लेखपाल शिवप्रकाश जायसवाल, आशीष श्रीवास्तव, दीपेंद्र तिवारी, संजय शुक्ला व रामपाल को जांच के लिए भेजा। छह सदस्यीय टीम ने यूपीडा कर्मचारियों के साथ पांच घंटे तक नापजोख की। इसमें पुराने पत्थर सही लगे मिले। कानूनगो हुबेश शुक्ला ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के चिह्नांकन में पुराना पत्थर सही लगा है।
यूपीडा कर्मचारियों ने नया पत्थर करीब 10 मीटर आगे लगा दिया था, जिससे किसानों की जमीन ज्यादा जा रही थी। यूपीडा कर्मचारियों ने किसकी सहमति से नए निशान लगाकर पत्थर लगवाए, इसकी जानकारी नहीं है।
अब पुराने पत्थर के हिसाब से ही यूपीडा कर्मचारियों को निशान लगवाकर किसानों को संतुष्ट कर दिया गया है। ज्ञान प्रकाश, ओमप्रकाश, जयप्रकाश, ललित कुमार, वंदना देवी, कृष्ण कुमार आदि किसानों ने भी नई नापजोख को सही माना। नए चिह्नांकन से अब उतनी ही भूमि जा रही है, जितनी रजिस्ट्री हुई है।

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सोनिक। सदर तहसील के गांव सराय कटियान में गंगा एक्सप्रेसवे के लिए कराए गए बैनामे से अधिक भूमि अधिग्रहण के मामले में सदर तहसील की छह सदस्यीय टीम ने यूपीडा कर्मियों के साथ नापजोख की। पांच घंटे तक चली नापजोख में यूपीडा कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई। इसके बाद किसानों को बैनामे के आधार पर ही भूमि अधिग्रहण करने का आश्वासन दिया गया।

सराय कटियान गांव के रामविलास, गुरुप्रसाद, ज्ञान प्रकाश, ओमप्रकाश, जयप्रकाश, ललित कुमार, वंदना देवी, कृष्ण कुमार, प्रमोद कुमार व शिव कुमार ने डीएम को दो जुलाई को शिकायतीपत्र दिया। इसमें बताया था कि भूमि की रजिस्ट्री के बाद संकेतांक के रूप में एक पत्थर लगवाया गया था। हालांकि बाद में यूपीडा कर्मचारियों ने नए पत्थर लगवा दिए।

आरोप था कि रजिस्ट्री एक बिस्वा जमीन की कराई गई, जबकि मौके पर छह बिस्वा जमीन जा रही है। डीएम के निर्देश पर गुरुवार को यूपीडा की टीम जांच करने पहुंची थी, लेकिन सदर तहसील के लेखपालों के न होने से जांच पूरी नहीं हो सकी थी।

शुक्रवार को सदर तहसीलदार अतुल कुमार ने कानूनगो हुबेश शुक्ला, लेखपाल शिवप्रकाश जायसवाल, आशीष श्रीवास्तव, दीपेंद्र तिवारी, संजय शुक्ला व रामपाल को जांच के लिए भेजा। छह सदस्यीय टीम ने यूपीडा कर्मचारियों के साथ पांच घंटे तक नापजोख की। इसमें पुराने पत्थर सही लगे मिले। कानूनगो हुबेश शुक्ला ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के चिह्नांकन में पुराना पत्थर सही लगा है।

यूपीडा कर्मचारियों ने नया पत्थर करीब 10 मीटर आगे लगा दिया था, जिससे किसानों की जमीन ज्यादा जा रही थी। यूपीडा कर्मचारियों ने किसकी सहमति से नए निशान लगाकर पत्थर लगवाए, इसकी जानकारी नहीं है।

अब पुराने पत्थर के हिसाब से ही यूपीडा कर्मचारियों को निशान लगवाकर किसानों को संतुष्ट कर दिया गया है। ज्ञान प्रकाश, ओमप्रकाश, जयप्रकाश, ललित कुमार, वंदना देवी, कृष्ण कुमार आदि किसानों ने भी नई नापजोख को सही माना। नए चिह्नांकन से अब उतनी ही भूमि जा रही है, जितनी रजिस्ट्री हुई है।

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