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उन्नाव। शहर में 50 साल पुरानी पाइप लाइनें जर्जर हो गईं हैं। हाल ये है कि कई मोहल्लों में लीकेज के कारण पानी पहुंच नहीं पाता है। सड़कों पर बहते पानी को देखकर लोग व्यवस्था को कोसते नजर आते हैं। जिम्मेदार जल्द सुधार का पुराना राग अलाप रहे हैं।
नगर पालिका के 32 वार्ड में कुल 48,349 घर हैं। इनमें रहने वालों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की है। घर-घर जलापूर्ति के लिए बिछीं पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। जलकल विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 13 एमएलडी (लाख लीटर प्रतिदिन) पानी घरों में पहुंच रहा है, जबकि असलियत में लीकेज और टूटी पाइप लाइन के कारण आठ एमएलडी ही पानी पहुंचता है। हर व्यक्ति को औसत 130 लीटर पानी की जरूरत है लेकिन उसके हिस्से 80 लीटर पानी ही आ रहा है। लोगों को सुबह से ही पानी के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है।
इन मोहल्लों में अधिक समस्या
भूरी देवी, कल्याणी, मोतीनगर, सिविल लाइन मध्य, पुरानी बाजार, केसरगंज, कंजी, किला, तालिब सराय, अनवार नगर, पत्थर कालोनी, पंजाबी कालोनी, हजारीटोला, जेर खिड़की में अधिक समस्या है।
टैक्स दे रहे फिर भी सुविधा से वंचित
पालिका प्रशासन को पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3.92 करोड़ रुपये गृहकर व जलकर के रूप में मिला था। इसमें पचास लाख से ऊपर जलकर शामिल था। जिन मोहल्लों में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी घरों में नहीं पहुंच पा रहा है, वहां के लोग भी जलकर दे रहे हैं।
जहां लीकेज, वहां से बोतल भरते
पुरानी बाजार निवासी शिवम का कहना है कि मोहल्ले में पाइप लाइन है लेकिन घर तक पानी नहीं आ रहा है। टूटी पाइप से पानी निकलता रहता है। वहीं से बोतल से पानी भर लाते हैं।
केसरगंज के अमन का कहना है कि जलकर देने के बाद भी घर में पानी नहीं पहुंच रहा है। सुबह सबसे पहले पानी के लिए ही मशक्कत करनी पड़ती है।
– नगर पालिका के ईओ ओमप्रकाश ने बताया कि जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है, उसे दिखाया जाएगा। जिन मोहल्लों में जर्जर पाइप लाइनें हैं, उन्हें बजट के अनुसार बदलवाकर जलापूर्ति दुरुस्त कराई जाएगी। हेल्प लाइन नंबर 1533 या अन्य माध्यमों से जो भी शिकायतें मिलतीं हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त कराया जाता है।
– जलनिगम के एक्सईएन सुनील कुमार ने बताया कि शहर में अमृत योजना का काम लगभग पूरा हो गया है। कुछ मोहल्लों में भूमिगत पाइप लाइन डालने का काम अंतिम चरण में है। 30,298 घरों में कनेक्शन देने के लक्ष्य के सापेक्ष 19 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं। जलापूर्ति शुरू होते ही शहर में पेयजल की समस्या खत्म हो जाएगी।
उन्नाव। शहर में 50 साल पुरानी पाइप लाइनें जर्जर हो गईं हैं। हाल ये है कि कई मोहल्लों में लीकेज के कारण पानी पहुंच नहीं पाता है। सड़कों पर बहते पानी को देखकर लोग व्यवस्था को कोसते नजर आते हैं। जिम्मेदार जल्द सुधार का पुराना राग अलाप रहे हैं।
नगर पालिका के 32 वार्ड में कुल 48,349 घर हैं। इनमें रहने वालों के सामने सबसे बड़ी समस्या पानी की है। घर-घर जलापूर्ति के लिए बिछीं पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं। जलकल विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 13 एमएलडी (लाख लीटर प्रतिदिन) पानी घरों में पहुंच रहा है, जबकि असलियत में लीकेज और टूटी पाइप लाइन के कारण आठ एमएलडी ही पानी पहुंचता है। हर व्यक्ति को औसत 130 लीटर पानी की जरूरत है लेकिन उसके हिस्से 80 लीटर पानी ही आ रहा है। लोगों को सुबह से ही पानी के लिए भागदौड़ करनी पड़ती है।
इन मोहल्लों में अधिक समस्या
भूरी देवी, कल्याणी, मोतीनगर, सिविल लाइन मध्य, पुरानी बाजार, केसरगंज, कंजी, किला, तालिब सराय, अनवार नगर, पत्थर कालोनी, पंजाबी कालोनी, हजारीटोला, जेर खिड़की में अधिक समस्या है।
टैक्स दे रहे फिर भी सुविधा से वंचित
पालिका प्रशासन को पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 3.92 करोड़ रुपये गृहकर व जलकर के रूप में मिला था। इसमें पचास लाख से ऊपर जलकर शामिल था। जिन मोहल्लों में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी घरों में नहीं पहुंच पा रहा है, वहां के लोग भी जलकर दे रहे हैं।
जहां लीकेज, वहां से बोतल भरते
पुरानी बाजार निवासी शिवम का कहना है कि मोहल्ले में पाइप लाइन है लेकिन घर तक पानी नहीं आ रहा है। टूटी पाइप से पानी निकलता रहता है। वहीं से बोतल से पानी भर लाते हैं।
केसरगंज के अमन का कहना है कि जलकर देने के बाद भी घर में पानी नहीं पहुंच रहा है। सुबह सबसे पहले पानी के लिए ही मशक्कत करनी पड़ती है।
– नगर पालिका के ईओ ओमप्रकाश ने बताया कि जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है, उसे दिखाया जाएगा। जिन मोहल्लों में जर्जर पाइप लाइनें हैं, उन्हें बजट के अनुसार बदलवाकर जलापूर्ति दुरुस्त कराई जाएगी। हेल्प लाइन नंबर 1533 या अन्य माध्यमों से जो भी शिकायतें मिलतीं हैं, उन्हें तत्काल दुरुस्त कराया जाता है।
– जलनिगम के एक्सईएन सुनील कुमार ने बताया कि शहर में अमृत योजना का काम लगभग पूरा हो गया है। कुछ मोहल्लों में भूमिगत पाइप लाइन डालने का काम अंतिम चरण में है। 30,298 घरों में कनेक्शन देने के लक्ष्य के सापेक्ष 19 हजार कनेक्शन दिए जा चुके हैं। जलापूर्ति शुरू होते ही शहर में पेयजल की समस्या खत्म हो जाएगी।
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