पालिका के पास बजट का टोटा

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उन्नाव। नगर पालिका में बजट का टोटा होने से नए विकास कार्य तो दूर, पुराने काम भी नहीं हो पा रहे। सड़कों, हैंडपंपों की मरम्मत, फॉगिंग सहित अन्य कार्य अधूरे पड़े हैं। हाल ये है कि जो बजट मिल रहा है वह वेतन और पेंशन के लिए ही पूरा नहीं पड़ रहा है। प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर ने स्थानीय निकाय निदेशक को पत्र भेजकर समस्या बताई है।
शहर में कहीं सड़कें टूटी पड़ी हैं तो कहीं महीनों से मेनहोल खुला पड़ा है। हैंडपंप भी खराब है। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। नगर पालिका को शहर में 25 से अधिक सड़कें बनानी हैं और 34 सड़कों की मरम्मत होनी है। 118 हैंडपंपों की मरम्मत, 150 से अधिक रोड नाली/नालों के पत्थर लगाने हैं। नालों की सफाई और वाहनों की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। वाहनों के लिए डीजल भी उधार लिया जा रहा है। नगर पालिका के प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह ने निकाय निदेशक को पत्र लिखकर बजट की समस्या बताई है।
2.47 करोड़ की जगह मिल रहा 1.71 करोड़ मासिक बजट
नगर पालिका को राज्य वित्त अयोग के तहत हर माह 2.74 करोड़ रुपये मिलते थे। अप्रैल 2021 में दो करोड़ 47 लाख 68,884 रुपये मिले थे। इसके बाद धनराशि में हर महीने कटौती जारी है। सितंबर 2021 से हर महीने 1.71 करोड़ रुपये ही मिल रहे हैं। जबकि नगर पालिका के नियमित व संविदा कर्मियों के वेतन और पेंशन पर ही हर माह करीब 1.70 करोड़ खर्च हो जाते हैं। वहीं आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय पर 70 लाख रुपये खर्च आता है। अक्तूबर से अब तक आउटसोर्सिंग कर्मियों का भुगतान नहीं हो सका है। हाल ही में जल निगम के भी 21 कर्मी पालिका में समायोजित कर दिए गए। शासनादेश के अनुसार महंगाई भत्ता बढ़ने, वेतन एवं पेंशन में बढ़ोतरी से और बोझ बढ़ गया है।
बोले जिम्मेदार
– नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार ने बताया कि शासन से पर्याप्त बजट न मिलने से नगर पालिका को शहर में जरूरी विकास कार्य और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में मुश्किलें आ रही हैं। आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।
– नगर पालिका के प्रभारी ईओ सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। लेकिन काफी मुश्किलें आ रही हैं। नगर विकास विभाग में उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया है। जल्द ही कोई हल निकलेगा।
बकायेदारी परनजर
– सड़क निर्माण के 3.75 करोड़ रुपये
– मार्गों की मरम्मत कराने वाली फर्मों का चार करोड़
– आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन तीन करोड़
– जलापूर्ति संसाधनों की मरम्मत का एक करोड़
– हैंडपंप/ट्यूबवेल रिपेयरिंग के 40 लाख रुपये
– वाहन मरम्मत के 12 लाख रुपये
– मेनहोल/नाली पत्थर सप्लायर का 32 लाख
– पेट्रोल पंप संचालकों के 35 लाख रुपये
– फोटोकॉपी व स्टेशनरी के चार लाख रुपये

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उन्नाव। नगर पालिका में बजट का टोटा होने से नए विकास कार्य तो दूर, पुराने काम भी नहीं हो पा रहे। सड़कों, हैंडपंपों की मरम्मत, फॉगिंग सहित अन्य कार्य अधूरे पड़े हैं। हाल ये है कि जो बजट मिल रहा है वह वेतन और पेंशन के लिए ही पूरा नहीं पड़ रहा है। प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर ने स्थानीय निकाय निदेशक को पत्र भेजकर समस्या बताई है।

शहर में कहीं सड़कें टूटी पड़ी हैं तो कहीं महीनों से मेनहोल खुला पड़ा है। हैंडपंप भी खराब है। लोगों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है। नगर पालिका को शहर में 25 से अधिक सड़कें बनानी हैं और 34 सड़कों की मरम्मत होनी है। 118 हैंडपंपों की मरम्मत, 150 से अधिक रोड नाली/नालों के पत्थर लगाने हैं। नालों की सफाई और वाहनों की मरम्मत भी नहीं हो पा रही है। वाहनों के लिए डीजल भी उधार लिया जा रहा है। नगर पालिका के प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर सत्यप्रिय सिंह ने निकाय निदेशक को पत्र लिखकर बजट की समस्या बताई है।

2.47 करोड़ की जगह मिल रहा 1.71 करोड़ मासिक बजट

नगर पालिका को राज्य वित्त अयोग के तहत हर माह 2.74 करोड़ रुपये मिलते थे। अप्रैल 2021 में दो करोड़ 47 लाख 68,884 रुपये मिले थे। इसके बाद धनराशि में हर महीने कटौती जारी है। सितंबर 2021 से हर महीने 1.71 करोड़ रुपये ही मिल रहे हैं। जबकि नगर पालिका के नियमित व संविदा कर्मियों के वेतन और पेंशन पर ही हर माह करीब 1.70 करोड़ खर्च हो जाते हैं। वहीं आउटसोर्सिंग कर्मियों के मानदेय पर 70 लाख रुपये खर्च आता है। अक्तूबर से अब तक आउटसोर्सिंग कर्मियों का भुगतान नहीं हो सका है। हाल ही में जल निगम के भी 21 कर्मी पालिका में समायोजित कर दिए गए। शासनादेश के अनुसार महंगाई भत्ता बढ़ने, वेतन एवं पेंशन में बढ़ोतरी से और बोझ बढ़ गया है।

बोले जिम्मेदार

– नगर पालिकाध्यक्ष ऊषा कटियार ने बताया कि शासन से पर्याप्त बजट न मिलने से नगर पालिका को शहर में जरूरी विकास कार्य और नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने में मुश्किलें आ रही हैं। आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ेंगी।

– नगर पालिका के प्रभारी ईओ सत्यप्रिय सिंह ने बताया कि किसी तरह से काम चलाया जा रहा है। लेकिन काफी मुश्किलें आ रही हैं। नगर विकास विभाग में उच्चाधिकारियों से पत्राचार किया है। जल्द ही कोई हल निकलेगा।

बकायेदारी परनजर

– सड़क निर्माण के 3.75 करोड़ रुपये

– मार्गों की मरम्मत कराने वाली फर्मों का चार करोड़

– आउटसोर्सिंग कर्मियों का वेतन तीन करोड़

– जलापूर्ति संसाधनों की मरम्मत का एक करोड़

– हैंडपंप/ट्यूबवेल रिपेयरिंग के 40 लाख रुपये

– वाहन मरम्मत के 12 लाख रुपये

– मेनहोल/नाली पत्थर सप्लायर का 32 लाख

– पेट्रोल पंप संचालकों के 35 लाख रुपये

– फोटोकॉपी व स्टेशनरी के चार लाख रुपये

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