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रिजर्व पुलिस लाइन के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस का दावा है कि पोस्टर साजिशन लगवाए गए और यह साजिश तेलंगाना से रची गई। वहां रहने वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता ने फोन सेे संपर्क कर शहर के एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संचालक के जरिये पोस्टर छपवाए। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा कर दिया है।
नौ जुलाई की रात कर्नलगंज में स्टैनली रोड पर रिजर्व पुलिस लाइन के वीआईपी गेट केपास पीएम का आपत्तिजनक पोस्टर लगाया गया था। अगले दिन सुबह इसकी जानकारी हुई तो पुलिस ने अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान सामने आए तथ्यों से पुलिस पहले उन मजदूरों तक पहुंची, जिन्होंने पोस्टर लगाया। इसके बाद एक-एक कर ठेकेदार, प्रिंटिंग प्रेस मालिक व इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के संचालक का भी नाम सामने आया। पुलिस अफसरों ने पांचों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
अफसरों के मुताबिक, जिस जगह पोस्टर लगाया गया था, उसके ठीक सामने आरडी पैलेस गेस्ट हाउस है। पुलिस ने यहां लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला तो इसमें पोस्टर लगाने वाले दो लोगों की तस्वीर नजर आई। रास्तों पर लगे कैमरों की फुटेज के जरिए जांच आगे बढ़ाई गई तो पता चला कि दोनों कीडगंज के रहने वाले मजदूर हैं।
पकड़े जाने पर दोनों ने बताया कि उन्हें ठेकेदार ने पोस्टर लगाने का काम दिया था। पुलिस ठेकेदार तक पहुंची तो उसने प्रिंटिंग प्रेस मालिक का नाम बताया। इसी तरह प्रिंटिंग प्रेस मालिक ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संचालक के बारे में बताया और उसके पकड़े जाने के बाद मामले का खुलासा हो गया। जिसके बाद पुलिस ने पांचों को गिरफ्तार कर लिया।
फोन से किया संपर्क, 10 हजार में दिया ठेका
पकड़े गए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संचालक अनिकेत केसरवानी ने बताया कि उसका कार्यालय सिविल लाइंस में टीबी सप्रू रोड पर है। उसके पास तेलंगाना के साईं का फोन आया था और उसने ही उसे 10 हजार रुपये में पोस्टर लगाने का ठेका दिया था। इसके बाद उसने कीडगंज स्थित वरुणा प्रिंटिंग प्रेस में पोस्टर छपवाने और इसे लगवाने का भी ऑर्डर दे दिया। प्रिंटिंग प्रेस मालिक ने ठेकेदार से संपर्क किया जिसने दो मजदूरों से पोस्टर लगवाए।
यह हुए गिरफ्तार
1- अनिकेत केसरी निवासी टीबी सप्रू रोड, सिविल लाइंस(इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संचालक)
2- अभय कुमार सिंह निवासी बैरहना, कीडगंज(प्रिंटिंग प्रेस मालिक)
3- राजेश केशरवानी निवासी साउथ मलाका, कोतवाली(ठेकेदार)
4- शिव निवासी रामबाग, कीडगंज(मजदूर)
5- धर्मेंद्र कुमार उर्फ ननका निवासी मलाकराज कीडगंज(मजदूर)
पीएम की छवि धूमिल करना था मकसद?
पुलिस अफसरों का कहना है कि साईं से पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि उसने यह पोस्टर क्यों लगवाए। लेकिन प्रारंभिक जांच पड़ताल में जो बातें सामने आईं हैं, उससे यही लग रहा है कि यह पीएम की छवि धूमिल करने की साजिश थी। फिलहाल इस मामले में साईं को भी वांछित किया गया है। उच्चाधिकारियों से अनुमति लेकर उसकी तलाश में एक टीम तेलंगाना भेजी जाएगी।
पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा। – दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी
पहले भी लगवा चुका है पोस्टर
पुलिस के मुताबिक, अनिकेत ने पूछताछ में बताया है कि साईं पहले भी उससे पोस्टर छपवाने व लगवाने का ऑर्डर दे चुका है। हालांकि तब यह एक नेता के प्रचार प्रसार के लिए था और इसका किसी विवाद से कोई संबंध नहीं था। उसने यह भी बताया कि इस काम के लिए उसे ऑनलाइन पेमेंट किया गया। गौरतलब है कि नौ जुलाई को मामला सामने आने के कर्नलगंज पुलिस ने इस मामले में चौकी प्रभारी की तहरीर पर अज्ञात में केस दर्ज किया था।
खंगालनी पड़ी 32 कैमरों की फुटेज
इस मामले के खुलासे के लिए पुलिस को खासा मशक्कत करनी पड़ी। मामला दर्ज कर पुलिस टीम एसपी सिटी के नेतृत्व और सीओ अजीत सिंह चौहान के निर्देशन में जांच में जुटी। इसके बाद पोस्टर लगाने वाले मजदूरों को ट्रेस करने के लिए उसे कर्नलगंज से लेकर कीडगंज तक कुल 32 कैमरों की फुटेज खंगालनी पड़ी। इसके बाद मजदूरों का पता चला और फिर एक-एक कर साजिश में शामिल अन्य किरदार भी सामने आते गए। जिसके बाद मामले का खुलासा हो गया।
विस्तार
रिजर्व पुलिस लाइन के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आपत्तिजनक पोस्टर लगाने के मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस का दावा है कि पोस्टर साजिशन लगवाए गए और यह साजिश तेलंगाना से रची गई। वहां रहने वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के एक नेता ने फोन सेे संपर्क कर शहर के एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी संचालक के जरिये पोस्टर छपवाए। पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर इस मामले का खुलासा कर दिया है।
नौ जुलाई की रात कर्नलगंज में स्टैनली रोड पर रिजर्व पुलिस लाइन के वीआईपी गेट केपास पीएम का आपत्तिजनक पोस्टर लगाया गया था। अगले दिन सुबह इसकी जानकारी हुई तो पुलिस ने अज्ञात में एफआईआर दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की। इस दौरान सामने आए तथ्यों से पुलिस पहले उन मजदूरों तक पहुंची, जिन्होंने पोस्टर लगाया। इसके बाद एक-एक कर ठेकेदार, प्रिंटिंग प्रेस मालिक व इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के संचालक का भी नाम सामने आया। पुलिस अफसरों ने पांचों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ।
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