[ad_1]
ख़बर सुनें
उन्नाव। औद्योगिक कचरा निस्तारण में लापरवाही से वायु प्रदूषण बढ़ने पर एनजीटी ने केमिकल फैक्टरी पर 19.85 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना वसूलने के लिए फैक्टरी संचालकों को नोटिस जारी गई है।
अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स भारत केमिकल उद्योग नाम से फैक्टरी संचालित है। फैक्टरी चमड़ा धोने के लिए एक विशेष प्रकार का केमिकल बनाती है। फैक्टरी के संचालक कानपुर के शहाबुद्दीन, इफ्तेखार, इकबाल, वकारुल व तरन्नुम फातिमा हैं। फैक्टरी से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को कानपुर के रनिया में फेंकने और वहां प्रदूषण फैलाने की शिकायत एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) से हुई थी। एनजीटी में मामले की सुनवाई हो रही थी। सुनवाई के दौरान फैक्टरी द्वारा फेंके जाने वाले औद्योगिक कचरे से प्रदूषण फैलने की पुष्टि हुई। इसके बाद एनजीटी ने फैक्टरी संचालकों पर 19.85 करोड़ का जुर्माना लगाया है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि जुर्माने की वसूली कराने के लिए पांचों संचालकों को नोटिस जारी की गई है।
फैक्टरी द्वारा कानपुर की आबोहवा को प्रदूषित करने की शिकायत पर एनजीटी ने जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट में फैक्टरी द्वारा प्रदूषण फैलाने की पुष्टि की गई थी। इसके बाद एनजीटी ने मामले की सुनवाई शुरू की थी।
उन्नाव। औद्योगिक कचरा निस्तारण में लापरवाही से वायु प्रदूषण बढ़ने पर एनजीटी ने केमिकल फैक्टरी पर 19.85 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना वसूलने के लिए फैक्टरी संचालकों को नोटिस जारी गई है।
अकरमपुर औद्योगिक क्षेत्र में मेसर्स भारत केमिकल उद्योग नाम से फैक्टरी संचालित है। फैक्टरी चमड़ा धोने के लिए एक विशेष प्रकार का केमिकल बनाती है। फैक्टरी के संचालक कानपुर के शहाबुद्दीन, इफ्तेखार, इकबाल, वकारुल व तरन्नुम फातिमा हैं। फैक्टरी से निकलने वाले औद्योगिक कचरे को कानपुर के रनिया में फेंकने और वहां प्रदूषण फैलाने की शिकायत एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) से हुई थी। एनजीटी में मामले की सुनवाई हो रही थी। सुनवाई के दौरान फैक्टरी द्वारा फेंके जाने वाले औद्योगिक कचरे से प्रदूषण फैलने की पुष्टि हुई। इसके बाद एनजीटी ने फैक्टरी संचालकों पर 19.85 करोड़ का जुर्माना लगाया है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी राधेश्याम ने बताया कि जुर्माने की वसूली कराने के लिए पांचों संचालकों को नोटिस जारी की गई है।
फैक्टरी द्वारा कानपुर की आबोहवा को प्रदूषित करने की शिकायत पर एनजीटी ने जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी। कमेटी की जांच रिपोर्ट में फैक्टरी द्वारा प्रदूषण फैलाने की पुष्टि की गई थी। इसके बाद एनजीटी ने मामले की सुनवाई शुरू की थी।
[ad_2]
Source link