प्रधानमंत्री ने सीएससी संचालक के कार्यों को मन की बात में सराहा

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हसनगंज (उन्नाव)। डिटिजल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक ओमप्रकाश के कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में सराहा। सीडीओ व डीपीआरओ ने उन्हें फोन कर बधाई दी है।
ग्राम पंचायत हसनगंज निवासी ओमप्रकाश सिंह ने मुख्यालय के पास ही मेंहदीखेड़ा गांव में वर्ष 2015 में सीएससी खोला था। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल गांव का नारा देकर लोगों को संचार क्रांति के लिए प्रेरित किया। इसके बाद ओमप्रकाश ने 2019 में ही दिल्ली में जाकर प्रशिक्षण लिया। फिर गांव आकर सीएससी सेंटर से ही ब्रॉड बैंड सेवा भारत नेट की शुरुआत की। हाई स्पीड नेट कनेक्शन की शुरुआत उन्होंने सबसे पहले ब्लॉक मुख्यालय व पंचायतीराज कार्यालय में की।
फिर हसनगंज ब्लॉक में 300, नवाबगंज ब्लाक में 60 और औरास ब्लॉक में 50 ब्रॉड बैंड कनेक्शन दिए। इसके एवज में महीने का खर्च 99 रुपये से 1450 रुपये अधिकतम निर्धारित किया। ओमप्रकाश ने गांव में ही एक हजार से अधिक ब्रॉडबैंड कनेक्शन ग्रामीणों को दे रखे हैं। यही नहीं सेंटर के आसपास फ्री वाईफाई जोन बना रखा है।
जिससे भारी संख्या में लोग आकर नि:शुल्क इंटरनेट का फायदा उठाते हैं। जब ओमप्रकाश का काम बढ़ा तो उन्होंने 20 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया। आज गांव, तहसील, आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी हॉस्पिटल में भी ओमप्रकाश का ही ब्रॉड बैंड चल रहा है। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए किए गए कार्यों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में जमकर सराहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमप्रकाश की ये सफलता की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणास्पद है।
पूर्व में भी हो चुके हैं सम्मानित
डिजिटल इंडिया के कार्यों को देखकर पूर्व में बीबीएनएल के निदेशक वीपी सिंह व टेलीकॉम सचिव ने सेंटर पर जाकर ओमप्रकाश को सम्मानित कर चुके हैं। ओमप्रकाश के काम में उनकी पत्नी पद्मिनी भी हाथ बंटाती हैं। ओमप्रकाश ने बताया कि सीएससी पर नई दिल्ली से टेलीकॉम सर्विसेज के सीनियर अधिकारी प्रमोद रंजन आए थे। वह इस समय पीएमओ कार्यालय में टेलीकॉम की सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने ही यहां की व्यवस्था देकर बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए कहा था।
एमएससी डिग्रीधारक हैं ओमप्रकाश
ओम प्रकाश ने एमएससी की डिग्री हासिल की है। एक विद्यालय में 1700 रुपये वेतन पर नौकरी की। उनके पिता मातादीन की इच्छा थी कि घर पर रहकर क्षेत्र के लिए कुछ करें। इसके बाद नौकरी छोड़कर सीएससी की शुरुआत की। उस समय इंटरनेट सुविधा न होने से बड़ी दिक्कतें हुईं। मोबाइल डेटा से नेट का काम करते थे। जो बहुत धीमा चलता था। इससे ही गांवों में भी हाई स्पीड इंटरनेट की शुरुआत करने का मन में विचार आया। इस समय ओमप्रकाश अपने सेंटर के माध्यम से सरकारी और गैर सरकारी कई सेवाएं आम लोगों को दे रहे हैं। इसमें ही टेली लॉ के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण से गरीब, असहायों को कानूनी मदद दिला रहे हैं। अमर उजाला ने इस पर 8 जनवरी 2019 को खबर प्रकाशित की थी।
इनकी भी सराहना कर चुके हैं प्रधानमंत्री
-जिले में शुरू की गई पराली दो, खाद लो योजना।
– कोरोनाकाल में दूसरे प्रांतों से घर लौटे दो प्रवासी मजदूरों द्वारा क्वारंटाइन अवधि के दौरान स्कूल का रंगरोगन कर चमकाना।

यह भी पढ़ें -  बागपत व मेरठ के अपराधियों की खंगाली बैरक

हसनगंज (उन्नाव)। डिटिजल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक ओमप्रकाश के कार्यों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात में सराहा। सीडीओ व डीपीआरओ ने उन्हें फोन कर बधाई दी है।

ग्राम पंचायत हसनगंज निवासी ओमप्रकाश सिंह ने मुख्यालय के पास ही मेंहदीखेड़ा गांव में वर्ष 2015 में सीएससी खोला था। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिजिटल गांव का नारा देकर लोगों को संचार क्रांति के लिए प्रेरित किया। इसके बाद ओमप्रकाश ने 2019 में ही दिल्ली में जाकर प्रशिक्षण लिया। फिर गांव आकर सीएससी सेंटर से ही ब्रॉड बैंड सेवा भारत नेट की शुरुआत की। हाई स्पीड नेट कनेक्शन की शुरुआत उन्होंने सबसे पहले ब्लॉक मुख्यालय व पंचायतीराज कार्यालय में की।

फिर हसनगंज ब्लॉक में 300, नवाबगंज ब्लाक में 60 और औरास ब्लॉक में 50 ब्रॉड बैंड कनेक्शन दिए। इसके एवज में महीने का खर्च 99 रुपये से 1450 रुपये अधिकतम निर्धारित किया। ओमप्रकाश ने गांव में ही एक हजार से अधिक ब्रॉडबैंड कनेक्शन ग्रामीणों को दे रखे हैं। यही नहीं सेंटर के आसपास फ्री वाईफाई जोन बना रखा है।

जिससे भारी संख्या में लोग आकर नि:शुल्क इंटरनेट का फायदा उठाते हैं। जब ओमप्रकाश का काम बढ़ा तो उन्होंने 20 लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराया। आज गांव, तहसील, आंगनबाड़ी केंद्र, सरकारी हॉस्पिटल में भी ओमप्रकाश का ही ब्रॉड बैंड चल रहा है। डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए किए गए कार्यों का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मन की बात कार्यक्रम में जमकर सराहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि ओमप्रकाश की ये सफलता की कहानी दूसरों के लिए प्रेरणास्पद है।

पूर्व में भी हो चुके हैं सम्मानित

डिजिटल इंडिया के कार्यों को देखकर पूर्व में बीबीएनएल के निदेशक वीपी सिंह व टेलीकॉम सचिव ने सेंटर पर जाकर ओमप्रकाश को सम्मानित कर चुके हैं। ओमप्रकाश के काम में उनकी पत्नी पद्मिनी भी हाथ बंटाती हैं। ओमप्रकाश ने बताया कि सीएससी पर नई दिल्ली से टेलीकॉम सर्विसेज के सीनियर अधिकारी प्रमोद रंजन आए थे। वह इस समय पीएमओ कार्यालय में टेलीकॉम की सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने ही यहां की व्यवस्था देकर बात प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए कहा था।

एमएससी डिग्रीधारक हैं ओमप्रकाश

ओम प्रकाश ने एमएससी की डिग्री हासिल की है। एक विद्यालय में 1700 रुपये वेतन पर नौकरी की। उनके पिता मातादीन की इच्छा थी कि घर पर रहकर क्षेत्र के लिए कुछ करें। इसके बाद नौकरी छोड़कर सीएससी की शुरुआत की। उस समय इंटरनेट सुविधा न होने से बड़ी दिक्कतें हुईं। मोबाइल डेटा से नेट का काम करते थे। जो बहुत धीमा चलता था। इससे ही गांवों में भी हाई स्पीड इंटरनेट की शुरुआत करने का मन में विचार आया। इस समय ओमप्रकाश अपने सेंटर के माध्यम से सरकारी और गैर सरकारी कई सेवाएं आम लोगों को दे रहे हैं। इसमें ही टेली लॉ के जरिये ऑनलाइन पंजीकरण से गरीब, असहायों को कानूनी मदद दिला रहे हैं। अमर उजाला ने इस पर 8 जनवरी 2019 को खबर प्रकाशित की थी।

इनकी भी सराहना कर चुके हैं प्रधानमंत्री

-जिले में शुरू की गई पराली दो, खाद लो योजना।

– कोरोनाकाल में दूसरे प्रांतों से घर लौटे दो प्रवासी मजदूरों द्वारा क्वारंटाइन अवधि के दौरान स्कूल का रंगरोगन कर चमकाना।

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