[ad_1]
इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतापपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित सपा विधायक विजमा यादव के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है प्रतिवादी मामले में साक्ष्य और रिकार्डों के साथ अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगली सुनवाई पर याची अपना जवाब नहीं देता है तो बिना उसकी उपस्थिति के ही याचिका का निस्तारण कर दिया जाएगा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए छह सितंबर की तिथि लगाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतापपुर विधानसभा सीट से अपना दल (एस) के प्रत्याशी रहे और पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की याचिका पर दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि विजयी प्रत्याशी ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज केवल दो अपराधों का विवरण प्रस्तुत किया है, जबकि उनके खिलाफ कई और अपराध हैं। प्रतिवादी ने अपने हलफनामे में अपराधिक इतिहास का पूरा विवरण न देकर अपराध किया है। संबंधित तथ्यों को छुपाया है जो की विधि पूर्वक गलत है। जिसकी वजह से उनका नामांकन पत्र खारिज किया जाना चाहिए।
याची ने इस संबंध में चुनाव अधिकारी से भी शिकायत की है। हालांकि कोई कार्रवाई ना होने से उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। याची की ओर से तर्क दिया गया कि प्रतिवादी ने अपने हलफनामे में पूरी अपराधिक जानकारी का विवरण नहीं दिया है। मामले में उसे प्रक्रिया के तहत जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। इसके अलावा समाचार पत्रों के माध्यम से भी सूचना दी गई। इसके बावजूद भी प्रतिवादी ने अभी तक इस मामले में अपना जवाब दाखिल नहीं किया है। कोर्ट ने मामले में प्रतिवादी को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। यह भी निर्देश दिया है कि वह अगली तिथि पर अपने पक्ष में सभी साक्ष्यों को संलग्न करेंगे ।
विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रतापपुर विधानसभा सीट से निर्वाचित सपा विधायक विजमा यादव के निर्वाचन को चुनौती दी गई है। मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जवाब तलब किया है। कोर्ट ने कहा है प्रतिवादी मामले में साक्ष्य और रिकार्डों के साथ अपना जवाब दाखिल करें। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगली सुनवाई पर याची अपना जवाब नहीं देता है तो बिना उसकी उपस्थिति के ही याचिका का निस्तारण कर दिया जाएगा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए छह सितंबर की तिथि लगाई है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने प्रतापपुर विधानसभा सीट से अपना दल (एस) के प्रत्याशी रहे और पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी की याचिका पर दिया है।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि विजयी प्रत्याशी ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ दर्ज केवल दो अपराधों का विवरण प्रस्तुत किया है, जबकि उनके खिलाफ कई और अपराध हैं। प्रतिवादी ने अपने हलफनामे में अपराधिक इतिहास का पूरा विवरण न देकर अपराध किया है। संबंधित तथ्यों को छुपाया है जो की विधि पूर्वक गलत है। जिसकी वजह से उनका नामांकन पत्र खारिज किया जाना चाहिए।
[ad_2]
Source link