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माता प्रसाद सैंथिया और भावेश्वरी ने अपने परिवारों की सहमति ली और 22 अप्रैल को मुंबई के एक मंदिर में शादी कर ली। अब गांव फरैरा आए दंपती ने सेवा कार्य के लिए वृद्धाश्रम का निर्माण शुरू कराया है। उन्होंने बताया कि निराश्रित, जरूरतमंदों की सेवा में जीवन की यह दूसरी पारी पूरी करेंगे।
पूर्व प्राचार्य भावेश्वरी ने बताया कि पति की मौत के बाद 22 साल की बेटी पूजा के भरोसे जी रही थीं। परिवार में तीन भाई और एक बहन हैं। दो भाई विदेश में हैं, जबकि एक भाई का परिवार डॉक्टर है। बेटी एक कंपनी में एचआर थी। शादी के दो माह पहले पक्षाघात से उसकी मौत ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया।
माता प्रसाद सैंथिया की फेसबुक पोस्ट और मुलाकात से भावेश्वरी को अपने जीवन में उम्मीद की नई किरण दिखी है। वह अभी तक अंधेरी मुंबई में 10 साल से एनजीओ से जुड़कर समाजसेवा कर रही थीं। अब माता प्रसाद की जीवन संगिनी बनकर उनके सेवा कार्यों में भागीदार बनी हैं।
पूर्व उपायुक्त माता प्रसाद सैंथिया ने बताया कि सेवानिवृत्त होने और पत्नी को खो देने से उनकी जिंदगी में खालीपन आ गया था। उसे दूर करने के लिए समाजसेवा कर रहे थे। अब फेसबुक पर भावेश्वरी से मुलाकात व शादी से सेवा कार्य का संकल्प मजबूत हुआ है। साथ रहकर व समाजसेवा कर वो खालीपन दूर करेंगे। तीन बेटे हैं। उनका देवास में स्वतंत्र व्यापार है।
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