मेरठ-पौड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग 119 के चौड़ीकरण के लिए मंगलवार को 100 से अधिक निर्माण बुलडोजर से ध्वस्त कर दिए गए। पुलिस-प्रशासन की टीमों के साथ करीब 12 घंटे तक 10 बुलडोजर गरजते रहे। विरोध कर रहे 8 लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। एनएचएआई ने कहा कार्रवाई उन पर हुई जिन्हें मुआवजा मिल गया था। बाकी लोगों के मुआवजे का निस्तारण कर 15 दिन बाद फिर बुलडोजर चलेगा।
एसडीएम सदर संदीप भागिया और एसपी देहात केशव कुमार भारी पुलिस बल के साथ मंगलवार की सुबह 10 बजे ही दस बुलडोजर लेकर पहुंच गए। गंगानगर स्थित ट्रांसलेम कॉलेज से शुरू की गई कार्रवाई का लोगों ने मुआवजे को लेकर विरोध किया। पुलिस ने यहां से 8 लोगों को हिरासत में लेकर थाने भेज दिया। देर रात तक लाइट की व्यवस्था कर अभियान सैनी गांव तक चलता रहा। ट्रांसलेम एकेडमी, एबीएसएस कॉलेज, जेपी कॉलेज, पैराडाइज रिजॉर्ट, रजपुरा पेट्रोल पंप के हाइवे के चौड़ीकरण में आ रहे निर्मार्णों को ध्वस्त कर दिया गया। आगे तस्वीरों में देखें ये कार्रवाई: –
चलता रहा बुलडोजर, विरोध करते रहे लोग
पुलिस ने विरोध कर रहे किसान नेता रोहित जाखड़, आशीष चौधरी, प्रशांत जैन, केपी सिंह, जय कुमार रोहित जाखड़, कुलदीप चौधरी, श्रवण चौधरी, सतपाल सिंह हिरासत में ले लिया। लोगों के विरोध के बीच ही बुलडोजर चलता रहा। इस दौरान कई महिलाओं ने भी कार्रवाई का विरोध जताया। महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया।
किसानों का दावा : एमडीए का रेट 16000 रुपये, मुआवजा मिला 3661
एनएचएआई ने 2017 में जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू कराई थी। प्रशासन का दावा है कि इसमें जिन किसानों की जमीन आ रही थी उन्हें मुआवजा दे दिया गया। किसानों का आरोप है कि उन्हें तय सर्किल रेट से कम रेट पर मुआवजा दिया गया। किसान एक वर्ष से धरना दे रहे थे।
इनका मामला भी मध्यस्थम न्यायालय (आर्बिटर्शेन कोर्ट) में चल रहा है। किसानों का कहना है कि सामान्य रेट 16 हजार रुपये प्रतिवर्ग मीटर है। वहीं, एमडीए से मिली व्यावसायिक एनओसी के बाद भी कृषि जमीन का मुआवजा दिया गया। किसानों ने कहा कि हमें 3661 रुपये प्रति वर्ग मीटर मुआवजा दिया गया। किसानों ने कहा कि उनकी लड़ाई चलती रहेगी और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करेंगे।
ली गई है 18 गांवों की 124 हेक्टेयर जमीन
मेरठ-पौड़ी राजमार्ग 119 को चार लेन किया जाना है। पहले चरण में मेरठ से बहसूमा तक कार्य किया जाना है। करीब 32 किमी दूरी में निर्माण के लिए मेरठ की सदर और मवाना तहसील के 18 गांवों की 124 हेक्टेयर जमीन ली गई है। दूसरे चरण में बहसूमा से नजीबाबाद तक कार्य होना है।
इसके बाद आगे पौड़ी तक राजमार्ग बनाया जाना है। पहले चरण में मेरठ से बहसूमा तक सैनी, इंचौली, मसूरी, नंगली ईसा, मवाना खुर्द, भैंसा, सालारपुर, कौल, कोहला, झुनझुनी, समसपुर, बसी वीरान, राजुपुर, मोड़खुर्द, फतेहपुर, बहसूमा, सैफपुर फिरोजपुर गांव शामिल हैं।
कार्रवाई विधि के खिलाफ
प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई विधि विरुद्ध है। प्रशासन द्वारा नागरिकों के अधिकारी की धज्जियां उड़ाई गई है।
-आशीष सिवाच
अवॉर्ड किए बगैर की कार्रवाई
अभी मामला आर्बिटेशन न्यायालय में चल रहा है। तत्कालीन डीएम के. बालाजी द्वारा सुनवाई की गई थी। बगैर अवॉर्ड आए किसानों के साथ जबरदस्ती की गई। – हेमंत