बसहा झील का लौटाया जाएगा पुराना स्वरूप, होगा सुंदरीकरण

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उन्नाव। पुरवा तहसील क्षेत्र में बसहा झील को सुखाकर लोग अवैध रूप से खेती कर रहे हैं। झील का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। सीडीओ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने झील को कब्जामुक्त कराने और पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू की है।
19 मई को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने ग्राम पंचायत असेहरू पहुंचकर निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण किया था। इस दौरान पता चला कि सरोवर की खुदाई का कार्य बसहा झील में ही कराया जा रहा है। सीडीओ को जानकारी हुई कि झील में कब्जा कर लिया गया है। सीडीओ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान खुलासा हुआ कि झील कई हेक्टेअर में फैली है। झील सुखाकर खेती की जा रही है। उसके बगल में ही सरोवर बनाकर शेष झील की जमीन को भी हड़पने की तैयारी की गई। बताया कि बसहा झील के पुराने स्वरूप को लौटाया जाएगा। सुंदरीकरण कराया जाएगा।
तीन सदस्यीय समिति गठित
सीडीओ ने बताया कि झील कितने परिक्षेत्र में फैली है और कितनी भूमि पर कब्जा करके खेती की जा रही है, इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में एसडीएम हसनगंज, बीडीओ पुरवा व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग पुरवा को शामिल किया गया है। समिति के सदस्यों को निर्देशित किया गया है कि वह ड्रोन कैमरे से बसहा झील की संपूर्ण भूमि की पैमाइश कराकर अनाधिकृत कब्जेदारों को चिह्नित करें। डीपीआर तैयार करके 23 मई तक उपलब्ध करा दें। सीडीओ ने बताया कि बुधवार से मनरेगा से झील की खुदाई होगी।

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उन्नाव। पुरवा तहसील क्षेत्र में बसहा झील को सुखाकर लोग अवैध रूप से खेती कर रहे हैं। झील का अस्तित्व समाप्त होने की कगार पर है। सीडीओ को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने झील को कब्जामुक्त कराने और पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू की है।

19 मई को सीडीओ दिव्यांशु पटेल ने ग्राम पंचायत असेहरू पहुंचकर निर्माणाधीन अमृत सरोवर का निरीक्षण किया था। इस दौरान पता चला कि सरोवर की खुदाई का कार्य बसहा झील में ही कराया जा रहा है। सीडीओ को जानकारी हुई कि झील में कब्जा कर लिया गया है। सीडीओ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान खुलासा हुआ कि झील कई हेक्टेअर में फैली है। झील सुखाकर खेती की जा रही है। उसके बगल में ही सरोवर बनाकर शेष झील की जमीन को भी हड़पने की तैयारी की गई। बताया कि बसहा झील के पुराने स्वरूप को लौटाया जाएगा। सुंदरीकरण कराया जाएगा।

तीन सदस्यीय समिति गठित

सीडीओ ने बताया कि झील कितने परिक्षेत्र में फैली है और कितनी भूमि पर कब्जा करके खेती की जा रही है, इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति में एसडीएम हसनगंज, बीडीओ पुरवा व अवर अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग पुरवा को शामिल किया गया है। समिति के सदस्यों को निर्देशित किया गया है कि वह ड्रोन कैमरे से बसहा झील की संपूर्ण भूमि की पैमाइश कराकर अनाधिकृत कब्जेदारों को चिह्नित करें। डीपीआर तैयार करके 23 मई तक उपलब्ध करा दें। सीडीओ ने बताया कि बुधवार से मनरेगा से झील की खुदाई होगी।

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