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उन्नाव। रोडवेज बसों की कमी के कारण यात्रियों की मुश्किलें बरकरार हैं। बसें न मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी लखनऊ और कानपुर जाने वालों को उठानी पड़ी। उन्हें लोडर और ट्रकों से सफर करना पड़ा। रोडवेज सूत्रों के अनुसार रोडवेज बसों की किल्लत जारी रह सकती है। क्योंकि दूसरे और तीसरे चरण के लिए भी उन्नाव डिपो से बसें भेजने की तैयारी है।
विधानसभा चुनाव में जिले से 48 बसें दूसरे जिलों को भेजी गई हैं। इसके कारण लोगों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार सुबह कई कार्यालयों में कर्मी देर से पहुंचे। बताया कि घंटों इंतजार के बाद साधन मिलने से परेशानी हुई। अवास विकास बाईपास तिराहे व गदनखेड़ा हाईवे चौराहे पर यात्रियों की भीड़ रही। लोगों ने वाहन चालकों को मुंह मांगा किराया देकर सफर किया। यही हाल हरदोई, रायबरेली और फतेहपुर रूट का भी रहा। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक मो. अशफाक ने बताया कि बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं। लेकिन कई रूटों पर दिक्कत हो रही है। चुनाव के लिए अगले चरण में भी बसें भेजे जाने पर बताया कि अभी कोई आदेश नहीं आया है।
उन्नाव। रोडवेज बसों की कमी के कारण यात्रियों की मुश्किलें बरकरार हैं। बसें न मिलने से सबसे ज्यादा परेशानी लखनऊ और कानपुर जाने वालों को उठानी पड़ी। उन्हें लोडर और ट्रकों से सफर करना पड़ा। रोडवेज सूत्रों के अनुसार रोडवेज बसों की किल्लत जारी रह सकती है। क्योंकि दूसरे और तीसरे चरण के लिए भी उन्नाव डिपो से बसें भेजने की तैयारी है।
विधानसभा चुनाव में जिले से 48 बसें दूसरे जिलों को भेजी गई हैं। इसके कारण लोगों को घंटों बसों का इंतजार करना पड़ रहा है। बुधवार सुबह कई कार्यालयों में कर्मी देर से पहुंचे। बताया कि घंटों इंतजार के बाद साधन मिलने से परेशानी हुई। अवास विकास बाईपास तिराहे व गदनखेड़ा हाईवे चौराहे पर यात्रियों की भीड़ रही। लोगों ने वाहन चालकों को मुंह मांगा किराया देकर सफर किया। यही हाल हरदोई, रायबरेली और फतेहपुर रूट का भी रहा। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक मो. अशफाक ने बताया कि बसों के फेरे बढ़ाए गए हैं। लेकिन कई रूटों पर दिक्कत हो रही है। चुनाव के लिए अगले चरण में भी बसें भेजे जाने पर बताया कि अभी कोई आदेश नहीं आया है।
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