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वॉक सेंट जोंस चौराहा होते हुए लौटकर आगरा कॉलेज पहुंची। एक किलोमीटर की लंबी लाइन में लगे एक युवा के नारे को पांच सौ विद्यार्थियों अपने जोश से आकाशीय ऊंचाइयों तक पहुंचाने का काम करते रहे। सेंट जोंस चौराहा पर ढाबा चलाने वाली अम्मा मुन्नी देवी का कहना था कि मां तुझे प्रणाम की रौनक हर हार आजादी के जश्न का समय बताकर चली जाती है।
झुकने नहीं दिया तिरंगा
वॉक फॉर यूनिटी में युवाओं के जोश ने अपने-अपने तिरंगों की हिफाजत के लिए चेहरे पर टपक रहे पसीने को भी परवाह नहीं की। हरीपर्वत चौराहा से रैली जब आगरा कॉलेज की ओर मुड़ी, तो छात्र के हाथ से एक तिरंगा फिसलने लगा। यह देख रैली में छात्रों के साथ चल रहे बालाजी प्रॉपर्टीज आर्केड के प्रबंध निदेशक रिंकेश अग्रवाल ने झुकते तिरंगे को संभाल लिया। इसमें उनका साथ एमडी जैन इंटर कॉलेज के विद्यार्थियों ने दिया।
वतन के लिए उमस क्या, किलोमीटर क्या
बुधवार को उमस भरी गर्मी भी शहर के युवाओं का हौसला कम नहीं कर सकी। भारत माता की जय, वंदेमातरम के नारों की गूंज एक बार जो शुरू हुई, तो यह क्रम दो-तीन घंटे तक चलता रहा। चेहरे पर टपकता पसीना भी आजादी का जश्न मनाने वाले दीवानों का जोश कम नहीं कर सका। राजकीय इंटर कालेज के छात्र राजेश के रुकने पर उनके साथी ने उनका यह कहते हुए जोश बढाया कि रुक नहीं, चल। वतन के लिए उमस क्या, किलोमीटर क्या।
विद्यार्थियों का अनुशासन बना मिसाल
वॉक फॉर यूनिटी में स्कूलों के विद्यार्थियों का अनुशासन एक मिसाल बना। आगरा कॉलेज से शुरू होकर हरीपर्वत तक और वहां से आगरा कॉलेज तक निकली रैली के दौरान यातायात व्यवस्था पूरी तरह से सुचारु रही। पंक्तिबद्ध होकर चल रहे विद्यार्थियों पर एनसीसी कैडेट्स की नजर रही। यही कारण रहा कि सेंट जोंस चौराहा पर छात्रों का अनुशासन देखकर वहां मौजूद खंदारी निवासी राघवेद्र सिंह का कहना था कि इतनी संख्या होने के बाद भी जाम की स्थिति नहीं होना विद्यार्थियों के अनुशासन का सबसे बड़ा प्रमाण है।
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