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नयी दिल्ली:
पूर्व रक्षा मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एके एंटनी ने अपने बेटे अनिल के एंटनी के भाजपा में शामिल होने के फैसले पर अपना दर्द और पीड़ा व्यक्त की है। गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए, एंटनी ने कहा कि वह अपने बेटे के कदम से बहुत आहत हैं और उन्हें यह मंजूर नहीं है।
उन्होंने कहा, “मैंने अपने बेटे को हमेशा देश के लिए काम करना सिखाया है न कि एक परिवार के लिए। लेकिन उसने एक अलग रास्ता चुना है। वह एक ऐसी पार्टी में शामिल हो गया है जो देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने और हमारे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को नष्ट करने की कोशिश कर रही है।” मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकता। यह गलत और पीड़ादायक है।’
एंटनी ने कहा कि वह अंतिम सांस तक कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा में किसी से उनकी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन वह उनकी नीतियों और एजेंडे के विरोधी हैं।
“मैं पांच दशकों से अधिक समय से कांग्रेस पार्टी का एक वफादार सिपाही रहा हूं। मैंने एक मुख्यमंत्री, एक रक्षा मंत्री और एक राज्यसभा सदस्य के रूप में देश की सेवा की है। मैंने हमेशा लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के मूल्यों को कायम रखा है। मैं मैं इन सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं करूंगा। मैं अपनी आखिरी सांस तक भाजपा की विचारधारा के खिलाफ खड़ा रहूंगा।
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