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शिवपाल सिंह यादव व अखिलेश यादव।
– फोटो : amar ujala
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मैनपुरी लोकसभा उप चुनाव में सपा व भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। दोनों पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा हो गई है। ऐसे में जसवंतनगर विधायक शिवपाल सिंह यादव की चुप्पी सपा के लिए चुनौती बन सकती है। क्योंकि जसवंतनगर से मिलने वाली वोटों की बढ़त अन्य विस क्षेत्रों से बनी खाई को पाटने का काम करती है। सपा को भी इसका आभास है। यही वजह है कि उसने डैमेज कंट्रोल करते हुए स्टार प्रचारकों की सूची में शिवपाल का नाम शामिल कर लिया है। पर, यह कवायद कितनी कारगर होगी, यह तो वक्त बताएगा। सपा ने डिंपल यादव का नामांकन कराया तो भाजपा ने इटावा से दो बार सांसद रहे रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया है। शाक्य कभी शिवपाल सिंह के करीबी थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने शिवपाल का हाथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया।
मैनपुरी लोकसभा सीट पर संख्या बल में यादव के बाद शाक्य दूसरे नंबर पर माने जाते हैं। हालांकि भाजपा द्वारा शाक्य वोट बैंक पर दांव लगाने की रणनीति को सपा ने भांप लिया था। यही वजह है कि डिंपल के नाम की घोषणा से पहले पूर्व मंत्री आलोक शाक्य को जिलाध्यक्ष बनाकर शाक्य वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है। पर शिवपाल की चुप्पी सपा के लिए चुनौती बन सकती है। सूत्रों का कहना है कि शिवपाल सिंह व प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष आदित्य यादव तीन दिन से सियासी हलचल से दूर हैं। वे इटावा में हैं। बेबाक बयान देने वाले शिवपाल मीडिया के सवालों का भी जवाब नहीं दे रहे हैं। वे वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं।
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जसवंतनगर करता रहा है भरपाई
सपा के लिए घर की सीट मानी जाने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर वर्ष 2014 व 2019 में हुए चुनाव में जसवंत नगर क्षेत्र के मतदाता अहम भूमिका निभाते रहे हैं। लोधी और शाक्य बहुल भोगांव में हमेशा कमल का बोलबाला रहा है। लेकिन जसवंत नगर के मतों की गिनती शुरू होते ही सपा आगे निकलती रही है। वर्ष 2014 के चुनाव में मुलायम सिंह को 5.95 लाख वोट मिले थे। जबकि बसपा प्रत्याशी संघमित्रा मौर्य को 1.42 लाख और भाजपा के शत्रुघन सिंह 2.31 लाख वोट मिला। जब वर्ष 2014 के उपचुनाव में सपा प्रत्याशी तेज प्रताप बने तो वोट का आंकड़ा 6.53 लाख पर पहुंचा। भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 3.32 लाख मिला। इसी तरह वर्ष 2019 में सपा का वोट बैंक करीब 10 फीसदी गिरा और 5.24 लाख वोट मिले। भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य को 4.30 लाख वोट मिले, जो उपचुनाव की अपेक्षा करीब 11 फीसदी की बढ़त रही।
मैनपुरी का वोट का गणित
मैनपुरी लोकसभा सीट पर विभिन्न दल जातियों का आकलन अपने हिसाब से करते हैं। सभी विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर करीब 4.25 लाख यादव, 3.25 लाख शाक्य, 2.25 लाख ठाकुर, 1.10 लाख ब्राह्मण, 1.20 लाख दलित, एक लाख लोधी, 70 हजार वैश्य और 60 हजार मुस्लिम मतदाता हैं।
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