मोबाइल की रोशनी में देखे जा रहे मरीज, जांचें ठप

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उन्नाव/हसनगंज। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को अच्छी सेवा देने का दावा करता है लेकिन हाल ये है कि हसनगंज सीएचसी में बिजली कटौती के कारण टॉर्च की रोशनी में मरीज देखे जा रहे हैं। यहां लगे छह इनवर्टरों में सभी की बैटरी खराब है। ये बात खुद अधिकारी बता रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि जेनरेटर के डीजल के लिए तो डेढ़ साल से बजट ही नहीं मिला है।
हसनगंज तहसील के 81 गांवों की 45 हजार आबादी के लिए सीएचसी है। यहां रोजाना 200 से 250 मरीजों की ओपीडी होती है। मंगलवार दोपहर 12:30 बजे सीएचसी में अंधेरा था। डॉक्टर के कक्ष से बाहर तक मरीजों की लंबी लाइन थी। ओपीडी कर रहे फिजीशियन डॉ. गौरव कुमार मोबाइल की रोशनी में मरीजों को दवा लिख रहे थे।
स्वास्थ्यकर्मी और मरीज पंखा झलते नजर आए। मरीजों में श्याम सुंदर, मिथलेश व घनश्याम ने बताया कि सुबह 10 बजे आए थे, तब से बिजली नहीं आई। श्याम सुंदर को कई दिनों से बुखार आने के कारण डॉक्टर ने खून की जांच लिखी। बिजली न आने से आटो एनॉलाइजर मशीन नहीं चली और जांच नहीं हो पाई। एएनएम कक्ष में आशीष वर्मा भी टॉर्च की रोशनी में लिखापढ़ी करते दिखे।
ठप हैं ये जांचें
लैब कर्मी सुभाष कुमार ने बताया कि सीएचसी में मरीजों की मलेरिया, टायफाइड, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, सीबीसी, टीबी, एड्स, व शुगर की जांच होती है। इस समय बिजली कटौती अधिक होने से जांचें नहीं हो पा रहीं हैं।
एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन 2007 से खराब
सीएचसी में रोजाना 25 से 30 गर्भवती आतीं हैं। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड लिखते हैं लेकिन एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनें 2007 से खराब पड़ी हैं। मजबूरन मरीजों को 700 से 1000 रुपये खर्च कर प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच करानी पड़ती है।
मरीजों ने बताई समस्या
बुखार आने पर सीएचसी दिखाने आए सुंदरपुर निवासी मेहंदी हसन ने बताया कि डॉक्टर ने खून की जांच कराने के लिए कहा लेकिन बिजली की व्यवस्था न होने से जांच नहीं हो पाई। निजी पैथोलॉजी में 350 रुपये खर्च करने पड़े।
बहरौली जहानपुर निवासी गर्भवती मोहनी सीएचसी जांच कराने आईं थीं। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड लिखा लेकिन मशीन का संचालन न होने से 800 रुपये में निजी पैथोलॉजी से अल्ट्रासाउंड कराया।
ये बोले जिम्मेदार
– सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि डेढ़ साल से डीजल के लिए बजट नहीं मिला है। इधर बिजली कटौती बढ़ने से दिक्कत और बढ़ी है। डीजल के लिए बजट की लगातार मांग की जा रही है। पिछले दिनों जिले में आए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से भी कहा है। जल्द बजट जारी होने का आश्वासन मिला है। तब तक किसी तरह काम चलाया जा रहा है।
– सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन संचालन के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। बताया कि सीएचसी में कार्यालय से वार्ड तक कुल छह इनवर्टर लगे हैं, इनमें सभी की बैटरी खराब होने से ज्यादा देर नहीं चलते।

यह भी पढ़ें -  संचारी रोग नियंत्रण अभियान को लेकर निकाली गई जागरूकता रैली

उन्नाव/हसनगंज। स्वास्थ्य विभाग मरीजों को अच्छी सेवा देने का दावा करता है लेकिन हाल ये है कि हसनगंज सीएचसी में बिजली कटौती के कारण टॉर्च की रोशनी में मरीज देखे जा रहे हैं। यहां लगे छह इनवर्टरों में सभी की बैटरी खराब है। ये बात खुद अधिकारी बता रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि जेनरेटर के डीजल के लिए तो डेढ़ साल से बजट ही नहीं मिला है।

हसनगंज तहसील के 81 गांवों की 45 हजार आबादी के लिए सीएचसी है। यहां रोजाना 200 से 250 मरीजों की ओपीडी होती है। मंगलवार दोपहर 12:30 बजे सीएचसी में अंधेरा था। डॉक्टर के कक्ष से बाहर तक मरीजों की लंबी लाइन थी। ओपीडी कर रहे फिजीशियन डॉ. गौरव कुमार मोबाइल की रोशनी में मरीजों को दवा लिख रहे थे।

स्वास्थ्यकर्मी और मरीज पंखा झलते नजर आए। मरीजों में श्याम सुंदर, मिथलेश व घनश्याम ने बताया कि सुबह 10 बजे आए थे, तब से बिजली नहीं आई। श्याम सुंदर को कई दिनों से बुखार आने के कारण डॉक्टर ने खून की जांच लिखी। बिजली न आने से आटो एनॉलाइजर मशीन नहीं चली और जांच नहीं हो पाई। एएनएम कक्ष में आशीष वर्मा भी टॉर्च की रोशनी में लिखापढ़ी करते दिखे।

ठप हैं ये जांचें

लैब कर्मी सुभाष कुमार ने बताया कि सीएचसी में मरीजों की मलेरिया, टायफाइड, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, सीबीसी, टीबी, एड्स, व शुगर की जांच होती है। इस समय बिजली कटौती अधिक होने से जांचें नहीं हो पा रहीं हैं।

एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन 2007 से खराब

सीएचसी में रोजाना 25 से 30 गर्भवती आतीं हैं। डॉक्टर अल्ट्रासाउंड लिखते हैं लेकिन एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीनें 2007 से खराब पड़ी हैं। मजबूरन मरीजों को 700 से 1000 रुपये खर्च कर प्राइवेट पैथोलॉजी में जांच करानी पड़ती है।

मरीजों ने बताई समस्या

बुखार आने पर सीएचसी दिखाने आए सुंदरपुर निवासी मेहंदी हसन ने बताया कि डॉक्टर ने खून की जांच कराने के लिए कहा लेकिन बिजली की व्यवस्था न होने से जांच नहीं हो पाई। निजी पैथोलॉजी में 350 रुपये खर्च करने पड़े।

बहरौली जहानपुर निवासी गर्भवती मोहनी सीएचसी जांच कराने आईं थीं। डॉक्टर ने अल्ट्रासाउंड लिखा लेकिन मशीन का संचालन न होने से 800 रुपये में निजी पैथोलॉजी से अल्ट्रासाउंड कराया।

ये बोले जिम्मेदार

– सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि डेढ़ साल से डीजल के लिए बजट नहीं मिला है। इधर बिजली कटौती बढ़ने से दिक्कत और बढ़ी है। डीजल के लिए बजट की लगातार मांग की जा रही है। पिछले दिनों जिले में आए उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से भी कहा है। जल्द बजट जारी होने का आश्वासन मिला है। तब तक किसी तरह काम चलाया जा रहा है।

– सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि एक्सरे व अल्ट्रासाउंड मशीन संचालन के लिए कई बार उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा है। बताया कि सीएचसी में कार्यालय से वार्ड तक कुल छह इनवर्टर लगे हैं, इनमें सभी की बैटरी खराब होने से ज्यादा देर नहीं चलते।

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