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सार
हरी पर्वत चौराहे पर सड़क में हुए गड्ढे पर रार मची है। जलकल, जल निगम और लोक निर्माण विभाग ने इसे अपना मानने से इनकार कर दिया है। इसकी जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रहे हैं पत्र भी लिख रहे हैं। बुधवार दोपहर को हुआ तो दो फीट का गड्ढा शाम तक छह फीट का हो चुका था लेकिन इसकी मरम्मत कौन कराएगा यह अभी तय नहीं हो पाया है।
आगरा की लाइफ लाइन एमजी रोड के सबसे व्यस्त चौराहे हरीपर्वत पर सड़क धंस गई। बुधवार दोपहर में सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया, जो शुरुआत में दो फीट का था, लेकिन बाद में यह शाम तक बढ़ता गया। गड्ढे के कारण कोई हादसा न हो, इसलिए उस जगह दोपहर में ही बैरिकेडिंग कर दी गई। सीवर लाइन और पानी की लाइन लीक होने के कारण सड़क धंसने की आशंका के कारण जलकल और जलनिगम के कर्मचारियों को बुलाया गया, लेकिन दोनों ने ही पानी और सीवर की लाइनें लीक होने से इनकार किया।
एमजी रोड का रखरखाव लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है। पीडब्ल्यूडी ने भी गड्ढे की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। तीनों ने पत्र लिखकर गड्ढे को भरने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर टाल दी। इस पर अब सवाल ये है कि आखिर ये गड्ढा किसका है और इसे कौन भरेगा ?
लीक नहीं हुई सीवर लाइन : वबाग कंपनी
सड़क धंसने से हुए गड्ढे पर जलकल विभाग के बाद जलनिगम को जानकारी दी गई। जलनिगम ने सीवर नेटवर्क संभाल रही कंपनी वीए टेक वबाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा। वबाग के प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपनी सीवर लाइन लीक होने से इनकार किया। प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज त्रिपाठी ने बताया कि यहां से उनकी कोई सीवर लाइन नहीं निकल रही। अगर लाइन लीक होती तो गड्ढे में सीवर भरा मिलता। उन्होंने अपनी मशीनरी से चेक कराया है। सीवर लीकेज के कारण गड्ढा नहीं हुआ।
पानी की लाइन से नहीं हुआ गड्ढा : जलकल
एमजी रोड से पानी की लाइनें भी निकली हैं। सड़क धंसने के बाद जलकल विभाग ने अपनी टीम जांच के लिए भेजी। टीम की रिपोर्ट के बाद जलकल विभाग के महाप्रबंधक आरएस यादव ने यहां पानी की लाइन लीकेज होने के कारण सड़क धंसने से इनकार किया। उन्होंने बताया कि अधिशासी अभियंता वीबी सिंह की टीम ने मौका मुआयना कर बताया है कि पानी की लाइन लीक नहीं हुई है। किसी अन्य वजह से सड़क धंसी होगी। जलकल विभाग ने गड्ढे में उतरकर आसपास की खोदाई कर लीकेज की पड़ताल की है।
गड्ढे से हमारा कोई मतलब नहीं- पीडब्ल्यूडी
पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता आनंद कुमार ने बताया कि हरीपर्वत चौराहे पर हुए गड्ढे से हमारा कोई मतलब नहीं है। यह पीडब्ल्यूडी का गड्ढा नहीं है। उसमें सीवर की बदबू आ रही थी। उसके नीचे सीवर लाइन होकर गुजर रही है। इस संबंध में नगर आयुक्त को पत्र लिखा है। इस गड्ढे को भरने की जिम्मेदारी जल निगम या सीवर कार्य करने वाले संस्था की है। पीडब्ल्यूडी ने सुरक्षा की दृष्टि से सड़क पर गड्ढे के चारों तरफ बैरिकेडिंग करा दी है।
शहर की सबसे व्यस्त सड़क और चौराहा
एमजी रोड पर जिस जगह गड्ढा हुआ, वहां से सबसे ज्यादा वाहन निकलते हैं। एमडी जैन इंटर कॉलेज, सेंट पीटर्स कॉलेज, सेंट फेलिक्स, सेंट फ्रांसिस, सेंट पॉल्स, गायत्री पब्लिक स्कूल, सेंट पैट्रिक्स कॉलेज समेत स्कूलों के हजारों बच्चे यहां से निकलते हैं। शहर के सबसे बड़े कॉमर्शियल हब संजय प्लेस के सरकारी और प्राइवेट ऑफिसों में आने-जाने वाले लोग इसी सड़क से गुजरते हैं। यहां गड्ढे के कारण बैरिकेडिंग कर सड़क की एक लेन ट्रैफिक के लिए बंद की गई है।
विस्तार
आगरा की लाइफ लाइन एमजी रोड के सबसे व्यस्त चौराहे हरीपर्वत पर सड़क धंस गई। बुधवार दोपहर में सड़क धंसने से बड़ा गड्ढा हो गया, जो शुरुआत में दो फीट का था, लेकिन बाद में यह शाम तक बढ़ता गया। गड्ढे के कारण कोई हादसा न हो, इसलिए उस जगह दोपहर में ही बैरिकेडिंग कर दी गई। सीवर लाइन और पानी की लाइन लीक होने के कारण सड़क धंसने की आशंका के कारण जलकल और जलनिगम के कर्मचारियों को बुलाया गया, लेकिन दोनों ने ही पानी और सीवर की लाइनें लीक होने से इनकार किया।
एमजी रोड का रखरखाव लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास है। पीडब्ल्यूडी ने भी गड्ढे की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। तीनों ने पत्र लिखकर गड्ढे को भरने की जिम्मेदारी एक दूसरे पर टाल दी। इस पर अब सवाल ये है कि आखिर ये गड्ढा किसका है और इसे कौन भरेगा ?
लीक नहीं हुई सीवर लाइन : वबाग कंपनी
सड़क धंसने से हुए गड्ढे पर जलकल विभाग के बाद जलनिगम को जानकारी दी गई। जलनिगम ने सीवर नेटवर्क संभाल रही कंपनी वीए टेक वबाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा। वबाग के प्रोजेक्ट मैनेजर ने अपनी सीवर लाइन लीक होने से इनकार किया। प्रोजेक्ट मैनेजर अनुज त्रिपाठी ने बताया कि यहां से उनकी कोई सीवर लाइन नहीं निकल रही। अगर लाइन लीक होती तो गड्ढे में सीवर भरा मिलता। उन्होंने अपनी मशीनरी से चेक कराया है। सीवर लीकेज के कारण गड्ढा नहीं हुआ।
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