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सार
विहिप नेता अशोक सिंघल के करीबी केशव प्रसाद मौर्य भाजपा में कद्दावर नेता माने जाते हैं। संघ के रास्ते भाजपा की सक्रिय राजनीति में उतरे केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी ने दो बार प्रयागराज शहर पश्चिमी से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
प्रदेश की सियासत में पिछड़ों को भाजपा के पाले में करने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बाजीगर निकले। सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद भी शीर्ष नेतृत्व ने केशव के कुशल चुनाव प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए फिर से डिप्टी सीएम की कमान सौंपी है।
शुक्रवार को लखनऊ में केशव प्रसाद मौर्य के शपथ लेने की जानकारी जैसे ही उनके समर्थकों को मिली तो वह खुशी से झूम उठे। सिराथू स्थित उनके गृह नगर में आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया गया।
विहिप नेता अशोक सिंघल के करीबी केशव प्रसाद मौर्य भाजपा में कद्दावर नेता माने जाते हैं। संघ के रास्ते भाजपा की सक्रिय राजनीति में उतरे केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी ने दो बार प्रयागराज शहर पश्चिमी से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 के चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने गृह नगर सिराथू से विधानसभा चुनाव लड़ा।
2012 में सपा की आंधी में बने थे विधायक
सपा की आंधी में भी केशव मंडल की सभी विधानसभा सीटों पर इकलौते कमल खिलाने वाले विधायक बने थे। इसके बाद केशव का राजनैतिक सितारा बुलंदियों को छूता गया। वर्ष 2014 के लोक सभा चुनाव में भाजपा ने केशव पर भरोसा करके उन्हें प्रयागराज की फूलपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरे। वह जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे।
वर्ष 2017 के विधान चुनाव के बाद जब भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई तो केशव प्रसाद प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम बनाया गया। इस दौरान उन्हें सांसद पद से इस्तीफा देना पड़ा। माना गया कि केशव प्रसाद मौर्य अपनी हिंदुत्ववादी छवि के साथ ही पिछड़ों का एकमुश्त वोट भाजपा के लिए लेकर आए थे।
सपा की पल्लवी पटेल से 7377 मतों से हो गए थे पराजित
इस बार वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें गृह नगर सिराथू से प्रत्याशी बनाया। तमाम विरोध के बाद केशव प्रसाद सपा की डॉ. पल्लवी पटेल से 7, 377 मतों से पराजित हो गए। केशव की यह हार भले ही थी, लेकिन प्रदेश में दोबारा फिर से प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने में उनका अहम योगदान रहा। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने उन्हें प्रदेश की अन्य विधानसभा सीटों पर प्रचार के लिए भेजा था। इस वजह से वह अपने प्रचार में कम समय दे सके थे।
शुक्रवार को प्रदेश में मुख्यमंत्री पद पर योगी आदित्यनाथ के साथ ही डिप्टी सीएम के रूप में फिर से केशव प्रसाद मौर्य को डिप्टी सीएम की शपथ दिलाई गई तो समर्थक चहक उठे। सिराथू में तो उत्सव सरीखा माहौल बन गया। दिन में ही समर्थकों ने आतिशबाजी की और केशव को दोबारा डिप्टी सीएम बनाए जाने के लिए शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया।
विस्तार
प्रदेश की सियासत में पिछड़ों को भाजपा के पाले में करने वाले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य बाजीगर निकले। सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हारने के बाद भी शीर्ष नेतृत्व ने केशव के कुशल चुनाव प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए फिर से डिप्टी सीएम की कमान सौंपी है।
शुक्रवार को लखनऊ में केशव प्रसाद मौर्य के शपथ लेने की जानकारी जैसे ही उनके समर्थकों को मिली तो वह खुशी से झूम उठे। सिराथू स्थित उनके गृह नगर में आतिशबाजी कर खुशी का इजहार किया गया।
विहिप नेता अशोक सिंघल के करीबी केशव प्रसाद मौर्य भाजपा में कद्दावर नेता माने जाते हैं। संघ के रास्ते भाजपा की सक्रिय राजनीति में उतरे केशव प्रसाद मौर्य को पार्टी ने दो बार प्रयागराज शहर पश्चिमी से प्रत्याशी बनाया, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 के चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने गृह नगर सिराथू से विधानसभा चुनाव लड़ा।
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