राजा राव रामबख्श के नाम पर बनवाएंगे विश्वविद्यालय: योगी

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उन्नाव। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां चुनावी जनसभा में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के सेनानी राजा राव रामबख्श सिंह के नाम पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की है। उन्होंने कहाकि अमर क्रांतिकारी राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति आठ विद्यालय संचालित कर रही है। इसमें 15,000 छात्र पढ़ रहे हैं।
दोबारा सरकार बनने पर इनके नाम से विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसकी स्थापना से उन्नाव सहित पूरे बैसवारा क्षेत्र (उन्नाव और रायबरेली) में शैक्षिक संस्थाओं और शिक्षा का विस्तार होगा। यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद या अन्य जिलों में जाकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही शिक्षित बेरोजगारों को यूनिवर्सिटी और महाविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
संचालन में मदद करेगी सरकार, नियंत्रण भी होगा
राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति उन्नाव जिले में तीन महाविद्यालय और एक विधि महाविद्यालय संचालित कर रही है। रायबरेली में इसी समिति के माध्यम से पांच विद्यालय संचालित हैं। बीघापुर के भैरमपुर गांव निवासी समिति के प्रबंधक दल बहादुर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिस निजी विश्वविद्यालय की बात कही है, उसके लिए राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति ने आवेदन किया था।
17 मार्च 2021 को प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 27 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी थी। इनमें 26 ऐसे हैं जो पहले से मेडिकल या इंजीनियरिंग कालेज हैं। सिर्फ यही एक समिति ऐसी है जिसके सभी विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं। यूनिवर्सिटी की स्थापना से क्षेत्र में शिक्षा का विकास होगा। समिति के प्रबंधक ने बताया कि उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय एक्ट के तहत प्रदेश सरकार यूनिवर्सिटी की स्थापना और संचालन में मदद भी देगी। साथ ही शिक्षा शुल्क व अन्य मानकों पर नजर भी रखेगी। इसकी स्थापना से शिक्षित बेरोजगारों के लिए स्कूलों और यूनिवर्सिटी में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
प्रथम स्वाधीनता संग्राम के योद्धा थे राव रामबक्श सिंह
सत्तावनवीं क्रांति के नायकों में जिले की बीघापुर तहसील के डौडिया खेड़ा परगना के शासक राजा राव रामबख्श सिंह का नाम भी है। डौडिया खेड़ा के शासक को क्रांति का बिगुल फूंकने और अंग्रेजी सेना से मोर्चा लेने के दौरान 28 दिसंबर 1859 को शाम चार बजे उन्हे बक्सर में गंगा नदी के किनारे बने डिल्लेश्वर मंदिर के पास बरगद के पेड़ में फांसी दे दी गई थी। फरवरी 1856 में अंग्रेज जनरल लार्ड डलहौजी ने अवध क्षेत्र को अंग्रेजी राज्य में मिलाने की घोषणा की तो डौडिया खेड़ा परगना के हर गांव में अंग्रेजों की खिलाफत शुरू हो गई।

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उन्नाव। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को यहां चुनावी जनसभा में प्रथम स्वाधीनता संग्राम के सेनानी राजा राव रामबख्श सिंह के नाम पर निजी विश्वविद्यालय की स्थापना की घोषणा की है। उन्होंने कहाकि अमर क्रांतिकारी राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति आठ विद्यालय संचालित कर रही है। इसमें 15,000 छात्र पढ़ रहे हैं।

दोबारा सरकार बनने पर इनके नाम से विश्वविद्यालय बनाया जाएगा। इसकी स्थापना से उन्नाव सहित पूरे बैसवारा क्षेत्र (उन्नाव और रायबरेली) में शैक्षिक संस्थाओं और शिक्षा का विस्तार होगा। यहां के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद या अन्य जिलों में जाकर पढ़ाई नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही शिक्षित बेरोजगारों को यूनिवर्सिटी और महाविद्यालयों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

संचालन में मदद करेगी सरकार, नियंत्रण भी होगा

राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति उन्नाव जिले में तीन महाविद्यालय और एक विधि महाविद्यालय संचालित कर रही है। रायबरेली में इसी समिति के माध्यम से पांच विद्यालय संचालित हैं। बीघापुर के भैरमपुर गांव निवासी समिति के प्रबंधक दल बहादुर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने जिस निजी विश्वविद्यालय की बात कही है, उसके लिए राजा राव रामबख्श सिंह शिक्षा प्रसार समिति ने आवेदन किया था।

17 मार्च 2021 को प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 27 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी दी थी। इनमें 26 ऐसे हैं जो पहले से मेडिकल या इंजीनियरिंग कालेज हैं। सिर्फ यही एक समिति ऐसी है जिसके सभी विद्यालय ग्रामीण क्षेत्र में हैं। यूनिवर्सिटी की स्थापना से क्षेत्र में शिक्षा का विकास होगा। समिति के प्रबंधक ने बताया कि उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय एक्ट के तहत प्रदेश सरकार यूनिवर्सिटी की स्थापना और संचालन में मदद भी देगी। साथ ही शिक्षा शुल्क व अन्य मानकों पर नजर भी रखेगी। इसकी स्थापना से शिक्षित बेरोजगारों के लिए स्कूलों और यूनिवर्सिटी में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

प्रथम स्वाधीनता संग्राम के योद्धा थे राव रामबक्श सिंह

सत्तावनवीं क्रांति के नायकों में जिले की बीघापुर तहसील के डौडिया खेड़ा परगना के शासक राजा राव रामबख्श सिंह का नाम भी है। डौडिया खेड़ा के शासक को क्रांति का बिगुल फूंकने और अंग्रेजी सेना से मोर्चा लेने के दौरान 28 दिसंबर 1859 को शाम चार बजे उन्हे बक्सर में गंगा नदी के किनारे बने डिल्लेश्वर मंदिर के पास बरगद के पेड़ में फांसी दे दी गई थी। फरवरी 1856 में अंग्रेज जनरल लार्ड डलहौजी ने अवध क्षेत्र को अंग्रेजी राज्य में मिलाने की घोषणा की तो डौडिया खेड़ा परगना के हर गांव में अंग्रेजों की खिलाफत शुरू हो गई।

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