वनस्पति फैक्टरी में टैंक की सफाई करते दो मजूदरों की मौत

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उन्नाव। सदर कोतवाली के अकरमपुर क्षेत्र स्थित वनस्पति फैक्टरी के टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई। सीओ व कोतवाल ने मौके पर जाकर जांच की।
एसीआई फैक्टरी में वनस्पति बनाया जाता है। शनिवार दोपहर प्रयागराज के नवाबगंज निवासी लवकुश (35) फैक्टरी के टैंक का कचरा साफ करने उतरा। जहरीली गैस की चपेट में आकर वह टैंक में ही फंस गया। ऊपर खड़े दूसरे मजदूर बीघापुर के खरौली गांव निवासी राजकिशोर (50) ने आवाज दी। कोई हलचल न देख वह भी टैंक में उतरा तो जहरीली गैस की चपेट में आ गया।
काफी देर तक दोनों के बाहर न आने पर साथियों ने इसकी जानकारी फैक्टरी मालिक अशोक गर्ग को दी। दोनों को टैंक से बाहर निकाला गया। ऑपरेटर अनुज दोनों को जिला अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। ऑपरेटर वहां से भाग गया। सदर कोतवाल ओपी राय और सीओ सिटी आशुतोष कुमार मौके पर पहुंचे और हादसे के बारे में जानकारी ली। बताया कि परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। उनकी तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जांच करने पहुंचे एफएसओ शिवदरश प्रसाद ने बताया कि टैंक की सफाई के दौरान लेयर व पानी के बीच कचरा होने से कार्बन मोनोआक्साइड, हाइड्रोक्लोराड व कार्बन आक्साइड गैस बनती हैं। जिसकी चपेट में आने से जान चली जाती है।
बिना सुरक्षा उपकरण टैंक में उतारे गए मजदूर
उन्नाव। फैक्टरी में काम करने वाले अन्य मजदूरों ने बताया कि टैंक की सफाई के लिए दोनों मजदूरों लवकुश और राजकिशोर को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के उतारा गया था। जहरीली गैस की चपेट में आकर दोनों की मौत हो गई। उन्होंने फैक्टरी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
वनस्पति फैक्टरी में ये पहला हादसा नहीं है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में फैक्टरी का ब्वायलर फटने से 12 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान कुछ मजदूरों की मौत हो गई थी।
पूर्व में हुए हादसे
– 23 फरवरी 2014 को दही थाना क्षेत्र स्थित लेदर फैक्टरी केल्को ट्रेनर्स में जहरीली गैस की चपेट में आने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
– 30 जुलाई 2018 को सदर कोतवाली के सिंगरोसी स्थित दफ्ती फैक्टरी में टैंक में लगे पंप की मरम्मत करने उतरे तीन श्रमिकों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई थी, जबकि दो को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
21 नवंबर 2019 को दही थाना क्षेत्र स्थित किंग्स इंटरनेशनल टेनरी में टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत।
14 सितंबर 2021 को साहरामऊ थाना क्षेत्र के सहरावां गांव स्थित एक कुएं में गिरे नाती को बचाने में नाना व नाती दोनों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई थी।

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उन्नाव। सदर कोतवाली के अकरमपुर क्षेत्र स्थित वनस्पति फैक्टरी के टैंक की सफाई करने उतरे दो मजदूरों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई। सीओ व कोतवाल ने मौके पर जाकर जांच की।

एसीआई फैक्टरी में वनस्पति बनाया जाता है। शनिवार दोपहर प्रयागराज के नवाबगंज निवासी लवकुश (35) फैक्टरी के टैंक का कचरा साफ करने उतरा। जहरीली गैस की चपेट में आकर वह टैंक में ही फंस गया। ऊपर खड़े दूसरे मजदूर बीघापुर के खरौली गांव निवासी राजकिशोर (50) ने आवाज दी। कोई हलचल न देख वह भी टैंक में उतरा तो जहरीली गैस की चपेट में आ गया।

काफी देर तक दोनों के बाहर न आने पर साथियों ने इसकी जानकारी फैक्टरी मालिक अशोक गर्ग को दी। दोनों को टैंक से बाहर निकाला गया। ऑपरेटर अनुज दोनों को जिला अस्पताल ले गया। वहां डॉक्टर ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। ऑपरेटर वहां से भाग गया। सदर कोतवाल ओपी राय और सीओ सिटी आशुतोष कुमार मौके पर पहुंचे और हादसे के बारे में जानकारी ली। बताया कि परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। उनकी तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जांच करने पहुंचे एफएसओ शिवदरश प्रसाद ने बताया कि टैंक की सफाई के दौरान लेयर व पानी के बीच कचरा होने से कार्बन मोनोआक्साइड, हाइड्रोक्लोराड व कार्बन आक्साइड गैस बनती हैं। जिसकी चपेट में आने से जान चली जाती है।

बिना सुरक्षा उपकरण टैंक में उतारे गए मजदूर

उन्नाव। फैक्टरी में काम करने वाले अन्य मजदूरों ने बताया कि टैंक की सफाई के लिए दोनों मजदूरों लवकुश और राजकिशोर को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के उतारा गया था। जहरीली गैस की चपेट में आकर दोनों की मौत हो गई। उन्होंने फैक्टरी प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

वनस्पति फैक्टरी में ये पहला हादसा नहीं है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2013 में फैक्टरी का ब्वायलर फटने से 12 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान कुछ मजदूरों की मौत हो गई थी।

पूर्व में हुए हादसे

– 23 फरवरी 2014 को दही थाना क्षेत्र स्थित लेदर फैक्टरी केल्को ट्रेनर्स में जहरीली गैस की चपेट में आने से एक श्रमिक की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

– 30 जुलाई 2018 को सदर कोतवाली के सिंगरोसी स्थित दफ्ती फैक्टरी में टैंक में लगे पंप की मरम्मत करने उतरे तीन श्रमिकों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई थी, जबकि दो को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

21 नवंबर 2019 को दही थाना क्षेत्र स्थित किंग्स इंटरनेशनल टेनरी में टैंक की सफाई के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत।

14 सितंबर 2021 को साहरामऊ थाना क्षेत्र के सहरावां गांव स्थित एक कुएं में गिरे नाती को बचाने में नाना व नाती दोनों की जहरीली गैस की चपेट में आकर मौत हो गई थी।

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