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अनीता शर्मा के उगाए हुए अनूठे कैक्टस
– फोटो : अमर उजाला
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अगर आपको वाकई नर्म, नाजुक, मखमली, रंगबिरंगे फूलों को कांटों के बिस्तर पर नफासत के साथ सोते हुए दीदार करना है तो स्वर्णजयंती नगर आना होगा। यहां की अनीता शर्मा ने अपने घर की छत पर अनूठे-दुर्लभ कैक्टसों और पौधों का ऐसा संसार बसा रखा है कि जिन्हें देख कर आप हैरत में पड़ जाएंगे। कैक्टस और दूसरे फूलों की इतनी प्रजातियां, इतना वैविध्य आपको बड़ी से बड़ी नर्सरियों में भी देखने को नहीं मिलेगा। आजकल कैक्टसों में तरह-तरह के फूल खिले हुए हैं।
पौधों-फूलों से करती हैं बात
अनीता शर्मा के पति प्रमोद वार्ष्णेय बताते हैं कि उनकी पत्नी सुबह उठते ही सबसे पहले पौधों-फूलों का ध्यान रखती हैं। वह कहते हैं कि अनीता फूल-पौधों से बातें भी करती हैं। लगता है कि मासूम पौधे, सुंदर फूल, रेशमी पत्ते अनीता की पवित्र भावनाओं को समझते हैं। शायद यही वजह है कि उनकी पूरी छत पर पौधे ही पौधे जो वसंत-चैत्र के सीजन में झूम उठते हैं। ऐसा लगता है कि मानों हम किसी नर्सरी में आ गए हों। कैक्टस ही नहीं, कमल और बोगेनवीलिया तक। तुलसी की कई प्रजातियां,एलोवेरा की किस्में, खूबसूरत डहेलिया, रजनीगंधा, गुलाब, गेंदे, हजारा और भी तरह-तरह के पौधे।
कई समूहों से जुड़ी हैं अनीता
अनीता शर्मा पर्यावरण संरक्षण और पौधों में रुचि लेने वाले देश भर में फैले कई समूहों से जुड़ी हैं। समूह के सदस्य अपने यहां उगाए दुर्लभ पौधों की न सिर्फ अन्य सदस्यों को जानकारी देते हैं बल्कि एक दूसरे से निशुल्क बांटते भी हैं। यही वजह कि पौधों-कैक्टसों का संग्रह समृद्ध होता जाता है। वह बताती हैं कि हर पौधे की अपनी खासियत होती है और उस पर पर्याप्त समय और ध्यान देना पड़ता है। इस काम में उनका बेटा भव्य और पति प्रमोद वार्ष्णेय भी भरपूर सहयोग देते हैं।
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