शहरियों के मोबाइल पर पहुंचेगा जल, गृहकर का बिल

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उन्नाव। गृह और जलकर जमा करने के लिए लोगों को नगर पालिका के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है। रसीद का प्रारूप तय होते ही डिजिटल व्यवस्था का लिंक मिल जाएगा। इसके बाद लोग घर बैठे मोबाइल से कर जमा कर सकेंगे। 31 मार्च तक ये व्यवस्था लागू होने की उम्मीद है।
नगर पालिका के 32 वार्डों में 48 हजार लोग गृहकर और 10 हजार लोग जलकर देते हैं। अभी कर जमा करने की व्यवस्था मैनुअल है। कर जमा न करने वाले गृहस्वामियों को नोटिस भेजनी पड़ती है। ऐसे में पालिका कर व्यवस्था को ऑनलाइन करने जा रही है। कोरोना के कारण इसमें ब्रेक लगा था लेकिन अब फिर प्रक्रिया तेज हो गई है। ऑनलाइन व्यवस्था के लिए शासन के निर्देश पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अधिकृत किया गया है। पालिका सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर चुकी है। अब केवल रसीद का प्रारूप तैयार कर भेजना है। इसके बाद लोगों को मोबाइल पर गृहकर और जलकर का संदेश मिलने लगेगा। लोग ऑनलाइन पेमेेंट कर सकेंगे।
90 फीसदी गृहस्वामियों के मोबाइल नंबर फीड
कर व्यवस्था को डिजिटल करने के लिए 90 फीसदी लोगों के मोबाइल नंबर फीड कर लिए गए हैं। जो बचे हैं, उन्हें फीड कराया जा रहा है। असल में ऑनलाइन पेमेंट के लिए एसबीआई एक लिंक तैयार करेगा जिसे क्लिक करने पर पेमेंट होगा। वहीं पालिका के पोर्टल पर सभी करदाताओं की डिटेल फीड हो सकेगी।
2500 लोगों की आपत्तियां मिलीं
गृहकर की आपत्तियों के निस्तारण के लिए सात सदस्यीय टीम लगाई गई है। करीब 2500 लोगों की गृहकर से संबंधी आपत्ति मिली हैं। इस पर दस्तावेज खंगालकर फिर से सवे हो रहा है। वहीं जिन घरों का गृहकर निर्धारित नहीं है उसे भी बनाया जा रहा है।
गृहकर और जलकर को ऑनलाइन करना बहुत जरूरी है। शासन के निर्देश पर यह व्यवस्था की जा रही है। जरूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभी रसीद का प्रारूप भेजा जाना है। उसके बाद व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। इससे शहर के लोगों के साथ पालिका को भी फायदा होगा। मैनुअल व्यवस्था बंद की जाएगी। – सत्य प्रिय सिंंह, प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर

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उन्नाव। गृह और जलकर जमा करने के लिए लोगों को नगर पालिका के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसके लिए ऑनलाइन व्यवस्था की जा रही है। रसीद का प्रारूप तय होते ही डिजिटल व्यवस्था का लिंक मिल जाएगा। इसके बाद लोग घर बैठे मोबाइल से कर जमा कर सकेंगे। 31 मार्च तक ये व्यवस्था लागू होने की उम्मीद है।

नगर पालिका के 32 वार्डों में 48 हजार लोग गृहकर और 10 हजार लोग जलकर देते हैं। अभी कर जमा करने की व्यवस्था मैनुअल है। कर जमा न करने वाले गृहस्वामियों को नोटिस भेजनी पड़ती है। ऐसे में पालिका कर व्यवस्था को ऑनलाइन करने जा रही है। कोरोना के कारण इसमें ब्रेक लगा था लेकिन अब फिर प्रक्रिया तेज हो गई है। ऑनलाइन व्यवस्था के लिए शासन के निर्देश पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अधिकृत किया गया है। पालिका सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर चुकी है। अब केवल रसीद का प्रारूप तैयार कर भेजना है। इसके बाद लोगों को मोबाइल पर गृहकर और जलकर का संदेश मिलने लगेगा। लोग ऑनलाइन पेमेेंट कर सकेंगे।

90 फीसदी गृहस्वामियों के मोबाइल नंबर फीड

कर व्यवस्था को डिजिटल करने के लिए 90 फीसदी लोगों के मोबाइल नंबर फीड कर लिए गए हैं। जो बचे हैं, उन्हें फीड कराया जा रहा है। असल में ऑनलाइन पेमेंट के लिए एसबीआई एक लिंक तैयार करेगा जिसे क्लिक करने पर पेमेंट होगा। वहीं पालिका के पोर्टल पर सभी करदाताओं की डिटेल फीड हो सकेगी।

2500 लोगों की आपत्तियां मिलीं

गृहकर की आपत्तियों के निस्तारण के लिए सात सदस्यीय टीम लगाई गई है। करीब 2500 लोगों की गृहकर से संबंधी आपत्ति मिली हैं। इस पर दस्तावेज खंगालकर फिर से सवे हो रहा है। वहीं जिन घरों का गृहकर निर्धारित नहीं है उसे भी बनाया जा रहा है।

गृहकर और जलकर को ऑनलाइन करना बहुत जरूरी है। शासन के निर्देश पर यह व्यवस्था की जा रही है। जरूरी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अभी रसीद का प्रारूप भेजा जाना है। उसके बाद व्यवस्था ऑनलाइन हो जाएगी। इससे शहर के लोगों के साथ पालिका को भी फायदा होगा। मैनुअल व्यवस्था बंद की जाएगी। – सत्य प्रिय सिंंह, प्रभारी ईओ/एसडीएम सदर

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