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सार
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद प्रस्तुत किया था, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद वाद को जिला जज की अदालत में रिवीजन में ले जाया गया। इस पर दोनों पक्षों की बहस पूरी हो गई है।
मथुरा में 18 महीने की लंबी सुनवाई के बाद अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के वाद में जिला जज राजीव भारती की अदालत में मंगलवार को सभी पक्षों की बहस पूरी हो गई। अदालत ने वाद की स्वीकारोक्ति संबंधी निर्णय के लिए छह अप्रैल की तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने 20 सितंबर 2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद प्रस्तुत किया था। अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वाद को जिला जज की अदालत में रिवीजन में ले जाया गया। रिवीजन में वादी रंजना अग्निहोत्री के साथ-साथ श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद कमेटी व उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बहस पूरी हो गई।
इन अधिवक्ताओं ने की बहस
मंगलवार को इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद कमेटी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद के अलावा अधिवक्ता नीरज शर्मा, जीपी निगम, अबरार हुसैन ने लंबी बहस की। सचिव के अनुसार उन्होंने अदालत के समक्ष पूजा स्थल उपासना अधिनियम की उपयोगिता बताई।
बताया कि वादी की ओर से वाद में 13.37 एकड़ की सीमाओं को नहीं खोला गया है। उन्होंने अपनी बहस में यह भी बताया कि जब समझौता ट्रस्ट के साथ हुआ है तो कोई दूसरा व्यक्ति दावा कैसे कर सकता है।
वादी अधिवक्ता ने किया है यह दावा
वादी रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि अदालत में सभी पक्षों की बहस पूरी हो चुकी है। अब छह अप्रैल को अदालत रिवीजन पर निर्णय दे सकती है। अदालत में प्रस्तुत किए गए वाद में हमने दावा किया है कि श्रीकृष्ण जन्म भूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ जमीन पर ही शाही ईदगाह बनी हुई है।
विस्तार
मथुरा में 18 महीने की लंबी सुनवाई के बाद अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री के वाद में जिला जज राजीव भारती की अदालत में मंगलवार को सभी पक्षों की बहस पूरी हो गई। अदालत ने वाद की स्वीकारोक्ति संबंधी निर्णय के लिए छह अप्रैल की तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने 20 सितंबर 2020 को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद प्रस्तुत किया था। अदालत ने इसे अस्वीकार कर दिया। इसके बाद वाद को जिला जज की अदालत में रिवीजन में ले जाया गया। रिवीजन में वादी रंजना अग्निहोत्री के साथ-साथ श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट, इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद कमेटी व उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की बहस पूरी हो गई।
इन अधिवक्ताओं ने की बहस
मंगलवार को इंतजामिया कमेटी शाही मस्जिद कमेटी उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से कमेटी के सचिव एडवोकेट तनवीर अहमद के अलावा अधिवक्ता नीरज शर्मा, जीपी निगम, अबरार हुसैन ने लंबी बहस की। सचिव के अनुसार उन्होंने अदालत के समक्ष पूजा स्थल उपासना अधिनियम की उपयोगिता बताई।
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