श्री बड़े हनुमान मंदिर मामला : सैन्य संस्थान के पास कब्जा की गई भूमि के पट्टे का प्रस्ताव खारिज

0
72

[ad_1]

ख़बर सुनें

संगम पर ऐतिहासिक किले में स्थित आयुध भंडार से लगे प्रतिबंधित क्षेत्र की भूमि को बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन को लीज पर आवंटित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। ऐसे में अब मंदिर प्रबंधन को सेना की जमीन पर किए अवैध कब्जे और निर्माणों को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अब सेना किसी भी समय मंदिर को आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।

 

आयुध भंडार के निकट से अवैध कब्जे वाली भूमि को लीज पर आवंटित करने संबंधी बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन के प्रस्ताव को प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है। ओडी फोर्ड के पास से कब्जा हटाने और निर्माण ध्वस्त करने संबंधी सेना के नोटिस के बाद बड़े हनुमान मंदिर के महंत रहे नरेंद्र गिरि ने शासन को पत्र लिखकर अवैध कब्जे वाली भूमि को पूजा-आरती, राग-भोग के लिए लीज पर देने की गुहार लगाई थी।

 

इस बीच बाघंबरी मठ में रहस्यमय परिस्थितियों में नरेंद्र गिरि की मौत हो गई। महंत की मौत के बाद शासन ने इस संबंध में प्रयागराज मेला प्राधिकरण से रिपोर्ट तलब कर ली। इस पर पहले बारा के नायब तहसीलदार रविकांत द्विवेदी से रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन चूंकि रिपोर्ट शासन को जानी थी इसलिए बाद में मेलाधिकारी अरविंद चौहान ने एसडीएम कर्मवीर के साथ राजस्व विभाग की चार सदस्यीय टीम बनाकर पैमाइश कराने का निर्देश दे दिया।

मेलाधिकारी ने तलब की निर्माण स्थिति की रिपोर्ट

 

इसके साथ ही मेलाधिकारी ने बड़े हनुमान मंदिर परिसर में मंदिर के गर्भगृह के अलावा दुकानों, भवनों, अन्य मंदिरों के साथ रैंप और आसपास किए गए निर्माणों की स्थिति की भी रिपोर्ट तलब की। एसडीएम के साथ राजस्व निरीक्षक शिव शंकर पटेल, लेखपाल रमेश चंद्र ओझा और अमीन पंकज कुमार ने बड़े हनुमान मंदिर परिसर की नापी कराई। साथ ही उस रकबे का राजस्व अभिलेखों में खसरा-खतौनी से भी मिलान कराया गया।

 

 

इस दौरान पता चला कि वह पूरी जमीन सेना की है। इसके बाद एसडीएम कर्मवीर की रिपोर्ट पर मेला प्राधिकरण ने उस भूमि को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए लीज पर आवंटित करने से इंकार कर दिया। एसडीएम की ओर से शासन को भेजी गई रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि वह भूमि सेना की है और वह लीज पर आवंटित नहीं की जा सकती।

जोधाबाई अकबर ने पट्टे पर दी थी तीन बिस्वा भूमि
मेला प्राधिकरण की ओर से पैमाइश के दौरान मंदिर प्रबंधन ने अपना पक्ष भी रखा। मंदिर के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने राजस्व कर्मियों को बताया कि जोधाबाई अकबर ने कभी बड़े हनुमान मंदिर के लिए तीन बिस्वा भूमि पट्टे पर दी थी। मंदिर प्रबंधन का दावा है कि इसका रिकार्ड भी उनके पास है।

यह भी पढ़ें -  UP Chunav 2022: कासगंज में बोले कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम- जातिवाद और नफरत की राजनीति देश के लिए खतरा

पीडीए की पैमाइश में भी पाया जा चुका है अवैध निर्माण
ओडी फोर्ट के पास से अवैध कब्जा हटाने संबंधी सेना के नोटिस पर राहत के लिए हनुमान मंदिर प्रबंधन इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी गुहार लगा चुका है। तीन वर्ष पहले तब हाईकोर्ट के आदेश पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने भी मंदिर क्षेत्र की पैमाइश कराई थी। उस समय भी नापजोख में पता चला था कि मंदिर के लिए आवंटित 4335 वर्ग फीट भूमि से अधिक रकबा पर मंदिर और दुकानों के अलावा अन्य कई निर्माण कर लिए गए हैं। कोर्ट के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर ने मौके का निरीक्षण कर नक्शा सहित रिपोर्ट दी थी। इस पर भी हाईकोर्ट कह चुका है कि जितनी जमीन मंदिर के नाम दर्ज है। उतने में ही महंत का अधिकार है। इसके अलावा किया गया निर्माण हटाया जाए।

विस्तार

संगम पर ऐतिहासिक किले में स्थित आयुध भंडार से लगे प्रतिबंधित क्षेत्र की भूमि को बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन को लीज पर आवंटित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया है। ऐसे में अब मंदिर प्रबंधन को सेना की जमीन पर किए अवैध कब्जे और निर्माणों को हटाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। अब सेना किसी भी समय मंदिर को आवंटित भूमि से अधिक क्षेत्रफल पर किए गए अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई शुरू कर सकती है।

 


आयुध भंडार के निकट से अवैध कब्जे वाली भूमि को लीज पर आवंटित करने संबंधी बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन के प्रस्ताव को प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने निरस्त कर दिया है। ओडी फोर्ड के पास से कब्जा हटाने और निर्माण ध्वस्त करने संबंधी सेना के नोटिस के बाद बड़े हनुमान मंदिर के महंत रहे नरेंद्र गिरि ने शासन को पत्र लिखकर अवैध कब्जे वाली भूमि को पूजा-आरती, राग-भोग के लिए लीज पर देने की गुहार लगाई थी।

 


इस बीच बाघंबरी मठ में रहस्यमय परिस्थितियों में नरेंद्र गिरि की मौत हो गई। महंत की मौत के बाद शासन ने इस संबंध में प्रयागराज मेला प्राधिकरण से रिपोर्ट तलब कर ली। इस पर पहले बारा के नायब तहसीलदार रविकांत द्विवेदी से रिपोर्ट मांगी गई, लेकिन चूंकि रिपोर्ट शासन को जानी थी इसलिए बाद में मेलाधिकारी अरविंद चौहान ने एसडीएम कर्मवीर के साथ राजस्व विभाग की चार सदस्यीय टीम बनाकर पैमाइश कराने का निर्देश दे दिया।

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here