संकट मोचन संगीत समारोह: कलाकारों ने जताई आपत्ति तो रात भर बाहर खड़े होकर करते थे रिकॉर्डिंग

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Sankat Mochan Music Festival: Artists raised objections and used to stand outside the whole night recording

संकट मोचन संगीत समारोह में आए थे जावेद अख्तर (फाइल)
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

काशी की कई पीढ़ियां संकट मोचन संगीत समारोह की संगीतमयी निशा पर मुग्ध हुई हैं। हर सुर को जी-भर जिया है। एक सदी का सफर तय कर चुका संकट मोचन संगीत समारोह आयोजन भर नहीं रहा। अब यह काशी का उत्सव बन चुका है। ऐसी सुरमयी मुहब्बत, जिसने साल-दर-साल अपने चाहने वालों से राब्ता और गहरा किया है। बरस भर लोग दिन गिनते हैं। इस राग उत्सव का रस चखने को अधीर रहते हैं।

संकट मोचन संगीत समारोह को लेकर बनारस के लोगों का यह उल्लास, उत्साह और आनंद नया नहीं है। यह दशकों पुराना है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब कलाकार अपने कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग करने से मना करते थे, तब समारोह स्थल के आसपास सारी रात लोग टेप रिकॉर्डर लेकर खड़े रहते। समारोह के हर सुर, लय और ताल के साथ मंच के कार्यक्रम को रिकॉर्ड करते।

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घंटों तक बिना किसी हलचल के ये प्रेमी मानो संगीत लहरियों में बुत बनकर बह जाया करते थे। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभर नाथ मिश्र बताते हैं कि पंडित जसराज, पंडित रविशंकर जैसे दिग्गज कलाकार अपने कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग करने पर आपत्ति जताते थे। कई बार ऑल इंडिया रेडियो को भी कलाकारों ने अपने कार्यक्रमों की रिकॉर्डिंग करने से मना किया। लेकिन, इस समारोह के प्रति लोगों की मुग्धता का पैमाना ही कुछ ऐसा था कि उस समय के साधकों से जितना अपने पास सहेजा जा सकता था, लोगों ने सहेजकर रखा।

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