सपा को तगड़ा झटका : पूर्व सांसद नागेंद्र सिंह पटेल अपना दल एस में शामिल, चायल से प्रत्याशी बने

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Wed, 02 Feb 2022 07:13 PM IST

सार

इस चुनाव में भाजपा ने यह सीट समझौते में अपनी सहयोगी अपना दल एस को दे दी थी। इस सीट से टिकट के लिए कई नेता अनुप्रिया पटेल के संपर्क में थे। एकाएक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में नागेंद्र सिंह पटेल ने बाजी मार ली।

Prayagraj News : नागेंद्र सिंह पटेल, पूर्व सांसद फूलपुर।
– फोटो : प्रयागराज

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प्रयागराज में समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद नागेंद्र सिंह पटेल ने सपा छोड़कर अपना दल एस का दामन थाम लिया। यही नहीं अपना दल ने उन्हें तत्काल कौशाम्बी की चायल सीट से प्रत्याशी भी बना दिया है। सपा ने चायल सीट से पहले ही पूजा पाल को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में चायल सीट से संजय कुमार गुप्ता भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे।

इस चुनाव में भाजपा ने यह सीट समझौते में अपनी सहयोगी अपना दल एस को दे दी थी। इस सीट से टिकट के लिए कई नेता अनुप्रिया पटेल के संपर्क में थे। एकाएक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में नागेंद्र सिंह पटेल ने बाजी मार ली। नागेंद्र सिंह पटेल सपा के बड़े नेता माने जाते थे। 2018 में केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफ से रिक्त हुई फूलपुर लोकसभा सीट पर उन्होंने जीत हासिल की थी। उन्होंन भाजपा के प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह को पराजित किया था। 

हंडिया से निषाद पार्टी से प्रत्याशी बने पूर्व विधायक प्रशांत सिंह
इसी तरह सपा को जिले में एक और झटका लगा। हंडिया के पूर्व विधायक प्रशांत सिंह राहुल ने सपा छोड़कर निषाद पार्टी का दामन थाम लिया और निषाद पार्टी ने उन्हें हंडिया सीट से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया। प्रशांत सिंह हंडिया से कई बार सपा विधायक रहे स्व. महेश नारायण सिंह के पुत्र हैं। पिता की मौत के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर उन्होंन जीत हासिल की थी।

सपा से टिकट न मिलने से चल रहे थे नाराज
पिछले चुनाव में भी सपा ने उन्हें टिकट न देकर एमएलसी बासुदेव यादव की पुत्री निधि यादव को दे दी थी, जो बसपा के हाकिमलाल बिंद से पराजित हो गई थीं। इस बार भी प्रशांत सिंह हंडिया से सपा के टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे, लेकिन सपा ने बसपा से सपा में शामिल हुए विधायक हाकिमलाल बिंद को प्रत्याशी बना दिया था।

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इसके बाद से ही प्रशांत सिंह पार्टी से नाराज चल रहे थे। बड़ी संख्या में समर्थक उनके घर पर रोज पहुंच रहे थे और उन पर निर्दलीय ही चुनाव लड़ने का दबाव बना रहे थे। भाजपा से समझौते में मिली हंडिया सीट पर निषाद पार्टी ने प्रत्याशी उतारकर सपा की मुश्किल बढ़ा दी है।

विस्तार

प्रयागराज में समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है। पूर्व सांसद नागेंद्र सिंह पटेल ने सपा छोड़कर अपना दल एस का दामन थाम लिया। यही नहीं अपना दल ने उन्हें तत्काल कौशाम्बी की चायल सीट से प्रत्याशी भी बना दिया है। सपा ने चायल सीट से पहले ही पूजा पाल को प्रत्याशी बनाया है। 2017 में चायल सीट से संजय कुमार गुप्ता भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे।

इस चुनाव में भाजपा ने यह सीट समझौते में अपनी सहयोगी अपना दल एस को दे दी थी। इस सीट से टिकट के लिए कई नेता अनुप्रिया पटेल के संपर्क में थे। एकाएक बदले राजनीतिक घटनाक्रम में नागेंद्र सिंह पटेल ने बाजी मार ली। नागेंद्र सिंह पटेल सपा के बड़े नेता माने जाते थे। 2018 में केशव प्रसाद मौर्य के इस्तीफ से रिक्त हुई फूलपुर लोकसभा सीट पर उन्होंने जीत हासिल की थी। उन्होंन भाजपा के प्रत्याशी कौशलेंद्र सिंह को पराजित किया था। 

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