सरकारी भूमि पर बने कालेज के अवैध हिस्से पर चला बुलडोजर

0
16

[ad_1]

ख़बर सुनें

बांगरमऊ। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सरकारी जमीन पर खड़े इंटर कॉलेज के अवैध हिस्से को गिराने के लिए तहसील प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। ईओ और कोतवाल की मौजूदगी में सोमवार को बुलडोजर चलाकर कुछ अवैध हिस्सा गिरा दिया गया। अभी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी। तहसील प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराई जा रही जमीन की कीमत तीन करोड़ रुपये बताई है।
हरदोई मार्ग पर सबस्टेशन के सामने ग्राम समाज की जमीन पर बीडीएसआर इंटर कॉलेज बनाया गया है। इस बार 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कॉलेज को केंद्र बनाया जाना है। डीआईओएस की संस्तुति के बाद तहसील प्रशासन को जांच सौंपी गई थी। दो नवंबर को एसडीएम उदित नारायण सेंगर और नगर पालिका ईओ राकेश सिंह के साथ विद्यालय पहुंचे थे।
जांच में विद्यालय प्रबंधक महेश, प्रधानाचार्य व इंटरमीडिएट पास एक बाबू विद्यालय में मिले थे। पता चला कि परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रबंधक ने गुमराह करते हुए 25 अध्यापकों की फर्जी सूची तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजी। जांच में पता चला कि कि गाटा संख्या 582, 583, 584 रकबा 10 बिस्वा भूमि सरकारी ग्राम समाज के नाम दर्ज है। इस जमीन पर विद्यालय का काफी हिस्सा बना पाया गया। चकमार्ग पर भी निर्माण मिला।
जांच में यह भी जानकारी सामने आई कि नगरपालिका के जेई पंकज पटेल ने 13 फरवरी 2018 को विद्यालय प्रबंधक महेश यादव के खिलाफ धारा 447 के
तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसके बाद भी विद्यालय में दूसरी मंजिल का निर्माण करा दिया गया। जानकारी सामने आने पर एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने प्रबंधक महेश यादव को भू-माफिया सूचीबद्ध कर डीआईओएस को जांच के लिए पत्र भेजा था।
इसके अलावा नगर पालिका के नोटिस भेजने के बावजूद भी भूमि नहीं खाली की गई थी। पुलिस ने तीन नवंबर को प्रबंधक को शांतिभंग में उपजिलाधिकारी न्यायालय से जेल भेजा था। मामले में प्रबंधक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को कोर्ट से याचिका खारिज होते ही तहसील प्रशासन जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गया। अवैध रूप से बने विद्यालय की दीवार व कमरों को गिराने की शुरुआत कर दी गई।
एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने बताया कि 10 बिसुवा ग्राम समाज सहित 16 बिसुवा भूमि पर अवैध रूप से विद्यालय का निर्माण कर लिया गया था। जमीन की कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कार्रवाई के दौरान नगर पालिका परिषद के ईओ राकेश सिंह और कोतवाल ओपी राय भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें -  Unnao News: दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक को कानपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार

बांगरमऊ। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद सरकारी जमीन पर खड़े इंटर कॉलेज के अवैध हिस्से को गिराने के लिए तहसील प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी। ईओ और कोतवाल की मौजूदगी में सोमवार को बुलडोजर चलाकर कुछ अवैध हिस्सा गिरा दिया गया। अभी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रहेगी। तहसील प्रशासन ने कब्जा मुक्त कराई जा रही जमीन की कीमत तीन करोड़ रुपये बताई है।

हरदोई मार्ग पर सबस्टेशन के सामने ग्राम समाज की जमीन पर बीडीएसआर इंटर कॉलेज बनाया गया है। इस बार 10 और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कॉलेज को केंद्र बनाया जाना है। डीआईओएस की संस्तुति के बाद तहसील प्रशासन को जांच सौंपी गई थी। दो नवंबर को एसडीएम उदित नारायण सेंगर और नगर पालिका ईओ राकेश सिंह के साथ विद्यालय पहुंचे थे।

जांच में विद्यालय प्रबंधक महेश, प्रधानाचार्य व इंटरमीडिएट पास एक बाबू विद्यालय में मिले थे। पता चला कि परीक्षा केंद्र बनाने के लिए प्रबंधक ने गुमराह करते हुए 25 अध्यापकों की फर्जी सूची तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजी। जांच में पता चला कि कि गाटा संख्या 582, 583, 584 रकबा 10 बिस्वा भूमि सरकारी ग्राम समाज के नाम दर्ज है। इस जमीन पर विद्यालय का काफी हिस्सा बना पाया गया। चकमार्ग पर भी निर्माण मिला।

जांच में यह भी जानकारी सामने आई कि नगरपालिका के जेई पंकज पटेल ने 13 फरवरी 2018 को विद्यालय प्रबंधक महेश यादव के खिलाफ धारा 447 के

तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसके बाद भी विद्यालय में दूसरी मंजिल का निर्माण करा दिया गया। जानकारी सामने आने पर एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने प्रबंधक महेश यादव को भू-माफिया सूचीबद्ध कर डीआईओएस को जांच के लिए पत्र भेजा था।

इसके अलावा नगर पालिका के नोटिस भेजने के बावजूद भी भूमि नहीं खाली की गई थी। पुलिस ने तीन नवंबर को प्रबंधक को शांतिभंग में उपजिलाधिकारी न्यायालय से जेल भेजा था। मामले में प्रबंधक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सोमवार को कोर्ट से याचिका खारिज होते ही तहसील प्रशासन जेसीबी लेकर मौके पर पहुंच गया। अवैध रूप से बने विद्यालय की दीवार व कमरों को गिराने की शुरुआत कर दी गई।

एसडीएम उदित नारायण सेंगर ने बताया कि 10 बिसुवा ग्राम समाज सहित 16 बिसुवा भूमि पर अवैध रूप से विद्यालय का निर्माण कर लिया गया था। जमीन की कीमत लगभग तीन करोड़ रुपये है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद कब्जा हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। कार्रवाई के दौरान नगर पालिका परिषद के ईओ राकेश सिंह और कोतवाल ओपी राय भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here