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उन्नाव। सांसद के औद्योगिक प्रदूषण पर नाराजगी जताने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने टीम के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। अवैध कारखाने को सील कर दिया और अनुमति पत्र न दिखाने पर तीन कारखानों के संचालन पर रोक लगा दी है। नगर पालिका की ओर से खुले प्लाट में काफी संख्या में मवेशियों के शव फेंके जाने पर पालिका को नोटिस देने की तैयारी है।
सिटी मजिस्ट्रेट विजेता और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने टीम के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र में मवेशियों की हड्डी और खाल से खाद, ग्लू और चर्बी तैयार करने वाले अवैध कारखाने को सील कर दिया। टीम के पहुंचते ही वहां मौजूद लोग भाग गए। लकड़ी की जगह चमड़े की कतरन जलाई जा रही थी। इस कारखाने को सील करने के बाद टीम ने कई और कारखानों को देखा। तीन कारखाना संचालकों ने अनुमति होने की बात कही लेकिन कोई प्रपत्र नहीं दिखा पाए। इस पर कारखाना संचालन पर रोक लगा दी गई। इसी औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लाट में 15 मृत मवेशी मिले। दुर्गंध से कई किमी तक सांस लेना मुश्किल हो रहा था। यहां मिले युवक ने अधिकारियों को बताया कि नगर पालिका से उसे गोशालाओं में मृत मवेशियों के निस्तारण का लाइसेंस मिला है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने बुधवार तक अनुमति पत्र दिखाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि मृत मवेशियों के मानक विपरीत निस्तारण पर नगर पालिका को भी नोटिस भेजा जा रहा है।
उन्नाव। सांसद के औद्योगिक प्रदूषण पर नाराजगी जताने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। सोमवार को सिटी मजिस्ट्रेट और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने टीम के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र का निरीक्षण किया। अवैध कारखाने को सील कर दिया और अनुमति पत्र न दिखाने पर तीन कारखानों के संचालन पर रोक लगा दी है। नगर पालिका की ओर से खुले प्लाट में काफी संख्या में मवेशियों के शव फेंके जाने पर पालिका को नोटिस देने की तैयारी है।
सिटी मजिस्ट्रेट विजेता और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी राधेश्याम ने टीम के साथ दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र में मवेशियों की हड्डी और खाल से खाद, ग्लू और चर्बी तैयार करने वाले अवैध कारखाने को सील कर दिया। टीम के पहुंचते ही वहां मौजूद लोग भाग गए। लकड़ी की जगह चमड़े की कतरन जलाई जा रही थी। इस कारखाने को सील करने के बाद टीम ने कई और कारखानों को देखा। तीन कारखाना संचालकों ने अनुमति होने की बात कही लेकिन कोई प्रपत्र नहीं दिखा पाए। इस पर कारखाना संचालन पर रोक लगा दी गई। इसी औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लाट में 15 मृत मवेशी मिले। दुर्गंध से कई किमी तक सांस लेना मुश्किल हो रहा था। यहां मिले युवक ने अधिकारियों को बताया कि नगर पालिका से उसे गोशालाओं में मृत मवेशियों के निस्तारण का लाइसेंस मिला है। इस पर सिटी मजिस्ट्रेट ने बुधवार तक अनुमति पत्र दिखाने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि मृत मवेशियों के मानक विपरीत निस्तारण पर नगर पालिका को भी नोटिस भेजा जा रहा है।
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