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अलीगढ़ महानगर के गांधी पार्क क्षेत्र की विकास नगर कालोनी में सोमवार शाम बेटे ने नृशंसतापूर्वक तिहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है। संपत्ति व रुपयों की खातिर उसने घर में अपने बुजुर्ग माता-पिता और मासूम भतीजी तीनों को घर में मौजूद हथौड़े और पत्थर मारकर मौत के घाट उतारा । उसके बाद आरोपी पैदल चलकर थाने पहुंच गया। इस तिहरे हत्याकांड की खबर पर इलाके में अफरा-तफरी मच गई। सेवानिवृत्त एडीओ पंचायत ओमप्रकाश (62) विकास नगर गली नंबर एक में एसजेडी स्कूल के पीछे अपनी पत्नी सोमवती (57), दो बेटों विवाहित रामेश्वर व अविवाहित सौरभ के संग रहते थे। छोटे बेटे सौरभ का अपने पिता व बड़े भाई से संपत्ति बंटवारे और रुपयों को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसी क्रम में सोमवार शाम सौरभ ने एकांत में पहले माता-पिता की हत्या की। इसी बीच दादा-दादी के पास खेल रही रामेश्वर की छोटी बेटी फाल्गुनी उर्फ शिवा (3) को घायल कर दिया। पिता रामेश्वर घायल बेटी फागुनी को लेकर जेएन मेडिकल कालेज पहुंचे, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
जब वह घर से बाहर निकला और उसकी भाभी ने अपनी बेटी को खून से लथपथ देखा तो उसकी प्लानिंग वहीं दम तोड़ गई अन्यथा यहां से निकलकर वह भाभी को घर में मौत के घाट उतारता। इसके बाद जिम में बड़े भाई को रास्ते से हटाता। ये बातें खुद थाने में गिरफ्तारी देने के बाद साइको किलर के रूप में सौरभ ने स्वीकारी हैं।
ये वीडियो रिकार्ड बयान दिया हत्यारोपी सौरभ ने
पुलिस के अनुसार, आरोपी सौरभ ने स्वीकार किया है कि उसने बारहवीं करने के बाद आईटीआई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। पिता वर्ष 2019 में सेवानिवृत्त हुए और उसके बाद उन्होंने फंड में मिला काफी रुपया कर्ज में दे दिया। शेष रकम से बड़े भाई रामेश्वर को जिम खुलवा दी, इस कारण परिवार में तंगी चलने लगी थी। उसने अपने पिता को बार-बार समझाया कि आप मेरे बारे में भी सोचिये। मगर माता-पिता, भाई और भाभी के कहने में चलते थे।
काफी समझाने पर भी नहीं मानते थे और परेशान करते थे। इसे लेकर अक्सर झगड़ा होता था। सोमवार शाम करीब सवा पांच बजे उसने घर में पहले माता-पिता को हथौड़े और पत्थर से सिर कुचलकर मारा। वहीं खेल रही बच्ची को सिर्फ इसलिए मारा कि कहीं वह किसी को बता न दे। इसके बाद वह घर के दूसरे हिस्से में अकेली भाभी को मारने जा रहा था। मगर बच्ची को मारने के चलते भेद खुल गया। वह घर के बाहर निकल आई और फिर वह सीधे थाने चला आया।
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