सिराथू विधानसभा : शनि और राहु के प्रतिकूल होने से डूबे डिप्टी सीएम केशव के सितारे, ज्योतिषी बता रहे हैं आगे का हाल

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सार

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट से प्रमुख दावेदारों में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल रहे। सिराथू सीट से केशव की पराजय और सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल के विजय प्राप्त करने के पीछे ग्रहों की स्थिति क्या कहती है इस पर भी विचार किया जाना आवश्यक है।

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सिराथू विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पराजय ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनकी हार से हर कोई अचंभित है। डिप्टी सीएम की हार को लेकर ज्योतिषियों ने भी उनके ग्रह और दशा को एक कारण बताया है। राहु और शनि के विपरीत होने के कारण नुकसान उठाना पड़ा। वहीं इसके विपरीत पल्लवी पटेल की स्थितियां ज्योतिष के अनुसार अनुकूल रहीं, जिसके कारण उन्हें सफलता मिली। 

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट से प्रमुख दावेदारों में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल रहे। सिराथू सीट से केशव की पराजय और सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल के विजय प्राप्त करने के पीछे ग्रहों की स्थिति क्या कहती है इस पर भी विचार किया जाना आवश्यक है। दोनों ही नेताओं के मूल कुंडली के अभाव में ग्रहों के गोचर स्थिति के आधार पर ही विश्लेषण किया गया।
 

पल्लवी का पंचमेश भाव रहा पंचम भाव में
ग्रहों के गोचरीय दृष्टि से देखा जाए तो चुनाव के समय जो ग्रहों की स्थिति थी उसके अनुसार पल्लवी पटेल की राशि होती है कन्या। कन्या राशि का स्वामी ग्रह बुध और पंचम का कारक ग्रह शनि की स्थितियां मजबूत रहीं, क्योंकि पंचमेश का पंचम भाव में होना एक अच्छी बात होती है, जो सकारात्मक परिणाम की तरफ इशारा करता है। साथ प्रतियोगिता भाव अर्थात छठे भाव में देव गुरु बृहस्पति का होना भी सकारात्मक परिणाम की तरह तरफ इशारा करता है।

केशव का शनि था अष्टम भाव में, जो नहीं है शुभसंकेत

दूसरी तरफ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की बात की जाए तो इनकी मिथुन राशि बनती है। मिथुन राशि के स्वामी ग्रह बुध और भाग्य के कारक शनिदेव होते हैं। चुनाव के समय शनिदेव का गोचर के संचरण अष्टम भाव पर हो रहा था, जो एक अच्छा संकेत नहीं माना जाता। 

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भाग्य में उन्नति के दृष्टिकोण से सकारात्मक नहीं रहा है। चुनाव के समय राहु की भी स्थिति मिथुन राशि के लिए द्वादश भाव में होने के कारण भी स्थितियां अनुकूल नहीं बनीं। इसी समय राहु की पंचम दृष्टि चतुर्थ भाव अर्थात जनता के भाव पर पड़ रहा था।

यह स्थिति भी प्रतिकूल बनी थी। इस प्रकार दोनों प्रतिद्वंद्वियों के राशि के अनुसार देखा जाए तो पल्लवी पटेल का पलड़ा भारी रहा। यद्यपि मूल कुंडली के ना होने पर गोचरीय दृष्टिकोण से ही उसका विश्लेषण किया जा सकता है। 

बढ़ सकता है केशव प्रसाद का कद
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक ज्योतिर्विद पंडित दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने बताया अप्रैल में देव गुरु बृहस्पति मीन राशि मे स्वगृही स्थिति में गोचर आरंभ करने जा रहे हैं साथ ही शनिदेव भी भाग्य भाव में स्वगृही गोचर आरंभ करेंगे।

राहु का भी परिवर्तन केशव प्रसाद मौर्य के एकादश भाव पर होगा ऐसी स्थिति में केशव प्रसाद मौर्य का कद उत्तर प्रदेश की राजनीति में बढ़ सकता है। इनको संगठन में भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती जाए। या केंद्रीय राजनीति में भी इनका कद बढ़ाया जाए। अप्रैल के बाद इनके व्यक्तित्व में बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिले सकता है, यदि ग्रहों के गोचरीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो।

विस्तार

सिराथू विधानसभा चुनाव में भाजपा के कद्दावर नेता और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की पराजय ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनकी हार से हर कोई अचंभित है। डिप्टी सीएम की हार को लेकर ज्योतिषियों ने भी उनके ग्रह और दशा को एक कारण बताया है। राहु और शनि के विपरीत होने के कारण नुकसान उठाना पड़ा। वहीं इसके विपरीत पल्लवी पटेल की स्थितियां ज्योतिष के अनुसार अनुकूल रहीं, जिसके कारण उन्हें सफलता मिली। 

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में सिराथू विधानसभा सीट से प्रमुख दावेदारों में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पल्लवी पटेल रहे। सिराथू सीट से केशव की पराजय और सपा प्रत्याशी पल्लवी पटेल के विजय प्राप्त करने के पीछे ग्रहों की स्थिति क्या कहती है इस पर भी विचार किया जाना आवश्यक है। दोनों ही नेताओं के मूल कुंडली के अभाव में ग्रहों के गोचर स्थिति के आधार पर ही विश्लेषण किया गया।

 

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