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ताजमहल के 500 मीटर दायरे में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर एडीए ने सर्वे शुरू करने की घोषणा की है। ताजमहल के पूर्वी, पश्चिमी और दक्षिणी गेट की ओर 500 मीटर दायरे में 400 से ज्यादा दुकानें, होटल, एंपोरियम और कुटीर उद्योग हैं, जो घर-घर में खुले हैं।
ताजगंज दक्षिणी गेट से जैन मंदिर की ओर सब्जी मंडी और पुराना बाजार हैं, जहां कपड़े, खाद्य वस्तुओं, दूध, सब्जी समेत जरूरत की सभी दुकानें हैं। इनके बंद होने से ताजगंज के चारों कटरों के साथ दक्षिणी गेट और पूर्वी गेट के 50 हजार से ज्यादा लोगों को दूध, सब्जी, पानी तक के लिए तरसना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से यहां के लोग बेचैन हैं। सबके जहन में एक ही सवाल है कि अब क्या होगा? जितने लोग, उतनी बातें, पर मायूस मन और बेचैनी के साथ हर कोई अपने अपने हिसाब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अर्थ निकालने में लगा है।
सुप्रीम कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा
ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका में आदेश के बाद मंगलवार को ताजगंज के लोगों ने दक्षिणी गेट स्थित हाजी ताहिरुद्दीन ताहिर के घर पर बैठक की। खुद्दाम ए रोजा कमेटी अध्यक्ष ताहिरुद्दीन ने बताया कि पूर्वी और पश्चिमी गेट के साथ दक्षिणी गेट के लोगों को एकजुट किया गया है। यह कारोबार की बात है। वर्ष 1996 के आदेश की तरह यहां कुछ गफलत है। हम इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और आदेश को स्पष्ट कराएंगे कि यह पश्चिमी गेट से अमरूद टीला के लिए है या समूचे ताजगंज के लिए। यहां मुगलकाल से बाजार है। हमारा रोजीरोटी का अधिकार इस आदेश से छिन रहा है।
अवैध दुकानें खुलने पर आपत्ति
ताजगंज के संदीप अरोड़ा ने बताया कि ताजमहल के 500 मीटर क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक के आदेश पर याचिका का मूल आधार देखने की जरूरत है। मनमानी व्याख्या नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने पश्चिमी गेट से पार्किंग के बीच अवैध दुकानें खुलने पर आपत्ति जताकर बंद करने की मांग की है, न कि पूरे ताजगंज की।
दूध, सब्जी कहां से लाएंगे
ताजगंज के राजू ने कहा कि अगर सब दुकानें बंद कर देंगे तो हम दूध, सब्जी, पानी कहां से लाएंगे। घरों में जो बुजुर्ग हैं, क्या वो 500 मीटर पैदल चलकर बाजार जा सकेंगे। विदेशी पर्यटक भी हमारी इसी संस्कृति, मुगलकाल के घरों, कटरों को देखने के लिए आते हैं।
लोगों की रोजीरोटी छिन जाएगी
ताजगंज के रिजवानुद्दीन का कहना है कि ताजमहल का ताजगंज क्षेत्र लिविंग हेरिटेज है। सुप्रीम कोर्ट की महाजन कमेटी ने इसे हेरिटेज माना था। एडीए बनने से पहले घरों में दुकानें, एंपोरियम खुले हुए हैं। इससे तो हजारों लोगों की रोजीरोटी छिन जाएगी।
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