हर तरफ आग ही आग: बेटे को लेकर जमीन पर लेट गई सिंदा…बेटी के हाथ छूटने का गम नहीं भूल रही साधना, सिहर उठे लोग

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भदोही पंडाल अग्निकांड में झुलसे एक ही परिवार के कई लोगों का इलाज अस्पतालों में चल रहा है। ट्रामा सेंटर में बेटी तो मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में मां कराहती रही। मंडलीय अस्पताल की इमरजेंसी में माधवी बरनवाल (35) गंभीर रूप से झुलसने के बाद भी अपनी बेटी श्रेया बरनवाल (14) की सेहत को लेकर फिक्रमंद दिखी। हर किसी से यही पूछ रही थी कि उसकी बिटिया कैसी है। हालांकि कहीं से उसे सही जवाब नहीं मिल पा रहा। खुद के झुलसने का दर्द भूल माधवी अपनी बिटियां की सलामती की दुआ करती रही। कभी डॉक्टर तो कभी अस्पताल के कर्मचारियों से बेटी का हालचाल पूछती रही। भदोही जिले के औराई में रविवार की रात दुर्गा पूजा पंडाल में आग लगने की घटना में झुलसे लोगों को रातोंरात बीएचयू अस्पताल, ट्रामा सेंटर, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, दीनदयाल  अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें सबसे अधिक संख्या महिलाओं, बच्चों की है। 

आग लगने की घटना में माधवी और उसकी बेटी दोनों के झुलसने के बाद पति विपुल बरनवाल रात में एंबुलेंस से बीएचयू ट्रामा सेंटर आए। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद श्रेया को तो बीएचयू में भर्ती कर लिया जबकि माधवी को मंडलीय अस्पताल रेफर कर दिया। 

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रविवार की रात से ही माधवी अपनी बेटी को न देखने से दुखी है। सोमवार को माधवी के पति ने बताया कि अब तो बस मां दुर्गा से यही कामना है कि जल्दी से पत्नी और बिटिया को स्वस्थ करें। 

बेटी के हाथ छूटने का गम नहीं भूल रही साधना

हादसे में घायल तुलसी (10) का इलाज बीएचयू में चल रहा था। घटना में वह झुलस गई है। अस्पताल में उसकी मां साधना देखभाल कर रही है। घटना की आपबीती सुनाते समय साधना के आंख में आंसू आ गए। बताया कि दुर्गा पूजा पंडाल में भगवान शंकर और मां काली की लीला का मंचन के समय यह घटना घटी। 

 

उस समय हर कोई इधर उधर भागने लगा। बेटी का हाथ छूटने का गम उसे सता रहा है। कहा कि घर के और सदस्य गए थे, वह तो बच गए लेकिन बेटी का हाथ पता नहीं कैसे छूट गया और वह घायल हो गई। अब बस यही कामना है कि मां दुर्गा बेटी को जल्द ठीक कर दें। 



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