हाईकोर्ट का अहम फैसला : कोर्ट के बाहर हुए समझौते से अदालत का आदेश नहीं होते खत्म

0
66

[ad_1]

अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Fri, 13 May 2022 09:40 PM IST

सार

हाईकोर्ट ने डाक्टर दंपति के बीच अलगाव के विवाद के बीच बच्चे की अभिरक्षा 10 साल की आयु तक मां को सौंपी थी। बाद में पति-पत्नी में साथ रहने का समझौता हो गया। वे दोनों साथ रहने लगे। लेकिन यह साथ ज्यादा दिन नहीं चला।

ख़बर सुनें

एक बार विवाद शुरू होने के बाद पति-पत्नी केबीच कोई भी समझौता कोर्ट के बाहर होता है तो उससे अदालत का आदेश समाप्त नहीं हो जाता है। बशर्तें बाहर हुए समझौते की मंजूरी कोर्ट से न मिली हो। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ कर रही थी।

हाईकोर्ट ने डाक्टर दंपति के बीच अलगाव के विवाद के बीच बच्चे की अभिरक्षा 10 साल की आयु तक मां को सौंपी थी। बाद में पति-पत्नी में साथ रहने का समझौता हो गया। वे दोनों साथ रहने लगे। लेकिन यह साथ ज्यादा दिन नहीं चला। उनके बीच फिर से झगड़ा होने लगा तो पत्नी ने घर छोड़ दिया। मगर पति ने बच्चा जबरन अपने आप रख लिया। ऐसे में पत्नी डॉ. श्वेता गुप्ता ने बच्चे की अभिरक्षा नहीं सौंपने पर पति डॉ. अभिजीत कुमार व अन्य के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का केस दायर किया।

कोर्ट ने कहा कि अभिरक्षा का अधिकार 10 साल तक मां को कोर्ट ने सौंपा है। कोर्ट के बाहर हुए समझौते से आदेश खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने बच्चे की इच्छा पूछी कि वह किसके साथ रहना पसंद करेगा तो उसने मां केसाथ जाने की इच्छा जताई। इस पर कोर्ट ने बच्चे को मां को सौंप दिया। कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र तक बच्चा मां की अभिरक्षा में रहेगा। हाईकोर्ट ने विपक्षी पति से एक महीने में याचिका पर जवाब मांगा है। 

यह भी पढ़ें -  UP Police SI/ASI PST Admit Card: यूपी पुलिस एसआई, एएसआई भर्ती पीएसटी के एडमिट कार्ड जारी

विस्तार

एक बार विवाद शुरू होने के बाद पति-पत्नी केबीच कोई भी समझौता कोर्ट के बाहर होता है तो उससे अदालत का आदेश समाप्त नहीं हो जाता है। बशर्तें बाहर हुए समझौते की मंजूरी कोर्ट से न मिली हो। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की पीठ कर रही थी।

हाईकोर्ट ने डाक्टर दंपति के बीच अलगाव के विवाद के बीच बच्चे की अभिरक्षा 10 साल की आयु तक मां को सौंपी थी। बाद में पति-पत्नी में साथ रहने का समझौता हो गया। वे दोनों साथ रहने लगे। लेकिन यह साथ ज्यादा दिन नहीं चला। उनके बीच फिर से झगड़ा होने लगा तो पत्नी ने घर छोड़ दिया। मगर पति ने बच्चा जबरन अपने आप रख लिया। ऐसे में पत्नी डॉ. श्वेता गुप्ता ने बच्चे की अभिरक्षा नहीं सौंपने पर पति डॉ. अभिजीत कुमार व अन्य के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना करने का केस दायर किया।

कोर्ट ने कहा कि अभिरक्षा का अधिकार 10 साल तक मां को कोर्ट ने सौंपा है। कोर्ट के बाहर हुए समझौते से आदेश खत्म नहीं होगा। कोर्ट ने बच्चे की इच्छा पूछी कि वह किसके साथ रहना पसंद करेगा तो उसने मां केसाथ जाने की इच्छा जताई। इस पर कोर्ट ने बच्चे को मां को सौंप दिया। कोर्ट ने कहा कि 10 साल की उम्र तक बच्चा मां की अभिरक्षा में रहेगा। हाईकोर्ट ने विपक्षी पति से एक महीने में याचिका पर जवाब मांगा है। 

[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here